चित्तौड़गढ़. केंद्र सरकार की ओर से लाए गए किसान कानून के विरोध में सोमवार को भूपालसागर क्षेत्र में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान ट्रैक्टर रैली भी निकाली गई, जिसमें 150 ट्रैक्टर शामिल हुए. साथ ही RLP के नेताओं ने यह भी चेतावनी दी है कि सरकार ने 25 जनवरी तक अगर कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया तो 26 से किसानों का दिल्ली में महापड़ाव होगा.
किसान आंदोलन के समर्थन और कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर आरएलपी ने जिले के कपासन, राशमी, भूपालसागर क्षेत्र के गांवों में सोमवार को ट्रैक्टर रैली निकाली. इस दौरान रैली को संबोधित करते हुए आरएलपी नेता और रैली का नेतृत्व कर रहे रोहित गुर्जर ने कहा कि 'आप मेवाड़ के शुरवीरों के वंशज हो, जिन्होंने हर लड़ाई में आगे आकर इतिहास रचा है. चाहे वह देश आजाद कराने की लड़ाई हो, उसमें मेवाड़ का वंशज हर समय आगे आया है. आज किसानों के मान-सम्मान और स्वाभिमान की रक्षा के लिए भी आपको आगे आना होगा. गुर्जर ने कहा कि केंद्र सरकार ने अपने सहयोगी दलों से बिना पूछे और आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल की गलत कोरोना रिर्पोट बता कर काले कानून संसद में पास करवाए हैं. इसका आरएलपी पार्टी पुर्णतया विरोध करती है.
आरएलपी नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर 25 जनवरी तक कृषि कानूनों को सरकार वापस नहीं लेती है तो पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र के किसानों के साथ ये भूपालसागर कपासन की पूरी टीम भी 26 जनवरी को दिल्ली में महापड़ाव करेगी.
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वहीं भूपालसागर शुगर मिल की ओर से किसानों को दी गई जमीन पर कोर्ट का फैसला आया कि उक्त जमीन सरकार के नाम बिलानाम दर्ज की जाए. इस पर गुर्जर ने कहा कि इसके लिए मील मालिक की ओर से उच्चित मुआवजा दिए जाने के मामले में गुर्जर ने कहा कि आरएलपी इस मामले को संसद तक ले जाएगी और किसानों के हक में उच्चित फैसला करवाएगी. इधर, रैली के बाद प्रधानमंत्री के नाम उपखंड अधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा गया. इसमें तीनों कानून को किसान विरोधी होने से वापस लेने की मांग की है.
वहीं ट्रैक्टर रैली में शामिल लोग जय जवान जय किसान के नारे लग रहे थे. जिसके आगे डीजे पर भी नवरचित किसान आंदोलन के गीत बज रहे थे. जानकारी मिली है कि ट्रैक्टर रैली अनोपपुरा से प्रारंभ होकर जाशमा, देवड़ों का खैड़ा चौराया होते हुए उसरोल, भूपालसागर, मुंगाना, कपासन, धमाना, सुरजपूरा, सेजकरीया, भगवानपुरा होती हुई जाशमा में खत्म हुई.