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चित्तौड़गढ़ में कोरोना से 9 बच्चे हुए अनाथ, विभिन्न सरकारी योजनाओं से किया जाएगा लाभान्वित - Latest Hindi news of Chittorgarh

चित्तौड़गढ़ में सोमवार को जिला बाल संरक्षण इकाई की बैठक आयोजित हुई. बैठक में कोरोना काल में अनाथ हुए 18 वर्ष तक के बच्चों के चिन्हीकरण और उनको सरकार की विभिन्न योजनाओं से जोड़ने पर चर्चा हुई.

District Child Protection Unit Meeting, जिला बाल संरक्षण इकाई की बैठक
जिला बाल संरक्षण इकाई की बैठक
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Published : May 31, 2021, 1:16 PM IST

चित्तौड़गढ़. जिला कलेक्टर और अध्यक्ष जिला बाल संरक्षण इकाई ताराचंद मीणा की अध्यक्षता में कोरोना महामारी काल में माता-पिता की आकस्मिक मृत्यु से अनाथ हुए 18 वर्ष तक के बच्चों के चिन्हीकरण और उनको सरकार की विभिन्न योजनाओं से जोड़ने के लिए बैठक आयोजित की गई. उनके विधिक अधिकारों का संरक्षण, बाल स्वराज पोर्टल पर डाटा एंट्री, उन्हें पालनहार योजना, वात्सल्य योजना सहित सभी विभागों की योजनाओं से उन्हें राहत प्रदान करने पर प्रदान करने के लिए व्यापक चर्चा की गई.

उच्च न्यायलय के निर्देश पर एनसीपीसी की ओर से लॉन्च किए गए बाल स्वराज पोर्टल पर मार्च 2020 के बाद कोविड और अन्य रूप से अनाथ हुए बच्चों के हितों के संरक्षण के सम्बन्ध में सूचनाएं अपडेट करने पर चर्चा हुई. सहायक निदेशक बाल अधिकारिता विभाग डॉ. टीना अरोड़ा ने बताया कि जिले में मार्च 2020 के बाद 9 बच्चे अनाथ हुए हैं, जिनका डाटा पोर्टल अपडेट किया गया है, इनमें कोरोना से अनाथ हुए 4 बच्चे, माता-पिता के सड़क दुघर्टना से अनाथ हुआ 1 बच्चा और अनाथ पालनहार श्रेणी के 4 बच्चे शामिल हैं.

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बैठक में जिला कलेक्टर ने कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों के बचाव के उपाय और उनके उपचार हेतु सभी चिकित्सालयों में पर्याप्त संसाधन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. जिला स्तर पर संचालित जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल कल्याण समिति, राजकीय एवं गैर राजकीय बाल देखरेख संस्थान एवं चाइल्डलाइन की ओर से किए गए कार्यों का सामान्य विवरण प्रस्तुत किया गया.

बैठक में कोविड-19 महामारी के दौरान माता-पिता दोनों की या किसी एक की मृत्यु से अनाथ हुए बच्चों के संबंध में जिला बाल संरक्षण इकाई की कार्य योजना पर चर्चा की गई. बैठक में लंबी चर्चा के उपरांत जिला कलेक्टर की ओर से विभिन्न विभागों के दायित्व तय कर निर्देशित किया गया.

कोविड-19 से अनाथ हुए बच्चों को विभिन्न योजनाओं के लाभ देने हेतु संबंधित उपखंड अधिकारी की ओर से शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग और पंचायतीराज विभाग के माध्यम से पात्र परिवारों को चिन्हित कर ऐसे बच्चों को पालनहार योजना सहित अन्य योजनाओं से जोड़ा जाएगा. इसके साथ ही ऐसे बच्चों को चिरंजीवी योजना एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से भी नियमानुसार जोड़ा जाएगा.

पढ़ेः Fuel Prices : मई के अंतिम दिन भी बढ़े रेट, पेट्रोल पर 31 पैसे और डीजल पर 29 पैसे की बढ़ोतरी

इसके साथ ही पात्र विधवा महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना से जोड़े जाने की कार्रवाई भी की जाएगी. सम्बंधित विभागों द्वारा कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को चिन्हित कर संबंधित उपखंड अधिकारी, बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण इकाई अथवा चाइल्डलाइन हेल्प लाईन नम्बर 1098 को सूचित किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा. इसके साथ ही चिकित्सा विभाग की ओर से कोरोना महामारी से मृत्यु होने से अनाथ होने वाले बच्चों की सूचना तत्काल प्रभाव से भिजवाई जाएगी

चित्तौड़गढ़. जिला कलेक्टर और अध्यक्ष जिला बाल संरक्षण इकाई ताराचंद मीणा की अध्यक्षता में कोरोना महामारी काल में माता-पिता की आकस्मिक मृत्यु से अनाथ हुए 18 वर्ष तक के बच्चों के चिन्हीकरण और उनको सरकार की विभिन्न योजनाओं से जोड़ने के लिए बैठक आयोजित की गई. उनके विधिक अधिकारों का संरक्षण, बाल स्वराज पोर्टल पर डाटा एंट्री, उन्हें पालनहार योजना, वात्सल्य योजना सहित सभी विभागों की योजनाओं से उन्हें राहत प्रदान करने पर प्रदान करने के लिए व्यापक चर्चा की गई.

उच्च न्यायलय के निर्देश पर एनसीपीसी की ओर से लॉन्च किए गए बाल स्वराज पोर्टल पर मार्च 2020 के बाद कोविड और अन्य रूप से अनाथ हुए बच्चों के हितों के संरक्षण के सम्बन्ध में सूचनाएं अपडेट करने पर चर्चा हुई. सहायक निदेशक बाल अधिकारिता विभाग डॉ. टीना अरोड़ा ने बताया कि जिले में मार्च 2020 के बाद 9 बच्चे अनाथ हुए हैं, जिनका डाटा पोर्टल अपडेट किया गया है, इनमें कोरोना से अनाथ हुए 4 बच्चे, माता-पिता के सड़क दुघर्टना से अनाथ हुआ 1 बच्चा और अनाथ पालनहार श्रेणी के 4 बच्चे शामिल हैं.

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बैठक में कोविड-19 महामारी के दौरान माता-पिता दोनों की या किसी एक की मृत्यु से अनाथ हुए बच्चों के संबंध में जिला बाल संरक्षण इकाई की कार्य योजना पर चर्चा की गई. बैठक में लंबी चर्चा के उपरांत जिला कलेक्टर की ओर से विभिन्न विभागों के दायित्व तय कर निर्देशित किया गया.

कोविड-19 से अनाथ हुए बच्चों को विभिन्न योजनाओं के लाभ देने हेतु संबंधित उपखंड अधिकारी की ओर से शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग और पंचायतीराज विभाग के माध्यम से पात्र परिवारों को चिन्हित कर ऐसे बच्चों को पालनहार योजना सहित अन्य योजनाओं से जोड़ा जाएगा. इसके साथ ही ऐसे बच्चों को चिरंजीवी योजना एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से भी नियमानुसार जोड़ा जाएगा.

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इसके साथ ही पात्र विधवा महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना से जोड़े जाने की कार्रवाई भी की जाएगी. सम्बंधित विभागों द्वारा कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को चिन्हित कर संबंधित उपखंड अधिकारी, बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण इकाई अथवा चाइल्डलाइन हेल्प लाईन नम्बर 1098 को सूचित किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा. इसके साथ ही चिकित्सा विभाग की ओर से कोरोना महामारी से मृत्यु होने से अनाथ होने वाले बच्चों की सूचना तत्काल प्रभाव से भिजवाई जाएगी

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