चित्तौड़गढ़. प्रदेश के बड़े शहरों के साथ चित्तौड़गढ़ में भी कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. हालत यह है कि पिछले 1 सप्ताह में ही 200 से अधिक रोगी सामने आ चुके हैं और दिन प्रतिदिन इनकी संख्या बढ़ती जा रही है. इसे लेकर राज्य सरकार के भी कान खड़े हो गए और चित्तौड़गढ़ में भी नाइट कर्फ्यू का ऐलान कर दिया गया है. इसके तहत रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक शहर पूर्णतया बंद रहेगा. हालांकि इस दौरान व्यावसायिक गतिविधियां इसके दायरे से मुक्त रहेगी.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कोविड-19 और वैक्सीनेशन के कार्य की समीक्षा के बाद जिन इलाकों में अधिक के सामने आ रहे हैं वहां नाइट कर्फ्यू लगाने का निर्णय किया. जिनमें प्रदेश के बड़े शहरों के साथ चित्तौड़गढ़ और माउंट आबू को भी शामिल किया गया है.
यहां अब जिला कलेक्टर राज्य सरकार से परामर्श कर शिक्षण संस्थान बंद कराने के संबंध में निर्णय कर सकेंगे. वहीं नाइट कर्फ्यू में भदौरा व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन होने पर उल्लंघन करने वाले के साथ-साथ संबंधित प्रतिष्ठान संचालक को भी जिम्मेदार माना जाएगा. जिसके बाद प्रतिष्ठान को सील किया जाएगा. इसके लिए जिला प्रशासन पुलिस और स्थानीय निकाय की टीमें बाजारों का दौरा कर कोविड- प्रोटोकॉल की पालना सुनिश्चित करेंगी. यह टीमें 14 अप्रैल तक सदन रिटर्न करेंगे और उल्लंघन पाए जाने पर जुर्माना और कार्रवाई भी कर सकेंगे.
नाइट कर्फ्यू के अंतर्गत रात्रि 10 बजे से सुबह 5 बजे तक चित्तौड़गढ़ शहर पूरी तरह से बंद रहेगा. जिला प्रशासन के अनुसार इस दौरान आईटी कंपनियों, रेस्टोरेंट्स, केमिस्ट शॉप, अनिवार्य और आपातकालीन सेवाओं से संबंधित कार्यालय, विवाह संबंधित समारोह, चिकित्सा संस्थान, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन आने जाने वाले यात्री, माल परिवहन करने वाले वाहन और लोडिंग और अनलोडिंग के नियोजित व्यक्ति नाइट कर्फ्यू की व्यवस्था से पहले की तरह मुक्त रहेंगे. सरकार के इस निर्णय के साथ जिला प्रशासन ने पुलिस विभाग के साथ मिलकर मॉनिटरिंग की तैयारियां प्रारंभ कर दी है.