चित्तौड़गढ़. विशेष न्यायालय पॉक्सो कोर्ट (Special court for POCSO Act, Chittorgarh) ने नाबालिग किशोरी के अपहरण और दुष्कर्म के तीन वर्ष पुराने एक मामले में अभियुक्त को दोषी पाया है. मामले में न्यायाधीश ने अभियुक्त को आजीवन कारावास (Life imprisonment to accused of rape with minor) और अर्थदंड से दंडित किया है.
विशिष्ट लोक अभियोजक शोभालाल जाट ने बताया कि कपासन थाने में एक प्रार्थी ने लिखित रिपोर्ट दी थी. इसमें बताया कि उसकी नाबालिग पुत्री 16 वर्ष की है. वह 24 जनवरी को जंगल में बकरियां चराने गई थी. वह शाम तक घर नहीं आई. इस पर कपासन थाना पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की.
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पुलिस ने नाबालिग किशोरी को दस्तयाब कर लिया. इस मामले में झालावाड़ के जावर निवासी अभियुक्त कमलेश भील पुत्र जनकराम भील को गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान पेश किया.
प्रकरण की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 13 गवाह व 27 दस्तावेज पेश किए गए. पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश ने अभियुक्त कमलेश को धारा 363 आईपीसी में 5 वर्ष का कठोर कारावास व 5 हजार रुपए अर्थदंड दिया. धारा 366 में 10 वर्ष का कठोर कारावास व 10 हजार का जुर्माना तथा 5(एल)/6 पोक्सो एक्ट में आजीवन कारावास व 25 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है.