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चित्तौड़गढ़: बेमौसम बरसात ने सर्दी में बढ़ाई ठिठुरन, फसलों को मिला जीवनदान

चित्तौड़गढ़ में इन दिनों बेमौसम बरसात से गलन और बढ़ गई है. मौसम में आए बदलाव ने आम जनजीवन को प्रभावित किया है. सर्द हवाओं और हल्की बारिश ने ठिठुरन बढ़ा दी है. वहीं, बारिश होने से कोहरे का असर भी बढ़ गया है, जिससे यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है. हालांकि फसलों के इस बारिश को जीवनदान माना जा रहा है.

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बेमौसम बरसात से बढ़ी सर्दी, फसलों के लिए संजीवनी साबित हुई बारिश
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Published : Jan 4, 2021, 12:13 PM IST

चित्तौड़गढ़. शहर सहित जिलेभर में एक बार फिर मौसम ने एकाएक पलटा खाया है. सर्द हवाओं के बीच सोमवार को तड़के बेमौसम बारिश ने सर्दी को और बढ़ा दिया है. बारिश के चलते कोहरा भी बढ़ गया है. जिससे नेशनल हाईवे पर विजिबिलिटी कम हुई है. ऐसे में हेड लाइट के जरिए वाहनों को आगे बढ़ते देखा गया. इसके साथ ही सर्दी के कारण सड़कों पर सन्नाटा छा गया है. हालांकि सर्दी के मौसम में बारिश का होना फसलों के लिए अमृत तुल्य माना जा रहा है.

बेमौसम बरसात से बढ़ी सर्दी, फसलों के लिए संजीवनी साबित हुई बारिश

पढ़े. श्मशान घाट हादसा: अब तक 25 की मौत, मृतकों के परिजनों ने NH-58 को किया जाम

सोमवार ृतड़के करीब 2:30 से 3:00 बजे के बीच मौसम में एकाएक बदलाव आया और हल्की बूंदाबांदी शुरू हो गई. जो थोड़ी ही देर में तेज बारिश में बदल गई. इसके बाद सड़कों पर पानी भर आया. बारिश के चलते सर्दी और भी बढ़ गई और बचाव के लिए लोग अलाव का सहारा लेते नजर आए. सुबह देर तक सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा. बारिश के बाद कोहरा और भी बढ़ गया. इसके साथ ही राजमार्गों पर वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. जानकारी के अनुसार विजिबिलिटी 10 से 15 फीट तक ही रह गई. ऐसे में वाहन चालक धीरे-धीरे आगे बढ़ते दिखे.

यह भी पढ़े. राजस्थान : BSP विधायकों के दल बदल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

बता दें कि इस फसलों के लिए बारिश बेहतर माना गया है. खासकर के कम पानी वाली पदों के लिए तीसरे जीवनदान माना गया है. चना, सरसों, अरहर आदि कम पानी वाली फसलें मानी जाती हैं. वहीं पानी की कमी पर किसान इनकी सिंचाई को ज्यादा महत्व नहीं देते. ऐसे में इन फसलों के लिए बारिश को और भी अच्छा माना गया है.

चित्तौड़गढ़. शहर सहित जिलेभर में एक बार फिर मौसम ने एकाएक पलटा खाया है. सर्द हवाओं के बीच सोमवार को तड़के बेमौसम बारिश ने सर्दी को और बढ़ा दिया है. बारिश के चलते कोहरा भी बढ़ गया है. जिससे नेशनल हाईवे पर विजिबिलिटी कम हुई है. ऐसे में हेड लाइट के जरिए वाहनों को आगे बढ़ते देखा गया. इसके साथ ही सर्दी के कारण सड़कों पर सन्नाटा छा गया है. हालांकि सर्दी के मौसम में बारिश का होना फसलों के लिए अमृत तुल्य माना जा रहा है.

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सोमवार ृतड़के करीब 2:30 से 3:00 बजे के बीच मौसम में एकाएक बदलाव आया और हल्की बूंदाबांदी शुरू हो गई. जो थोड़ी ही देर में तेज बारिश में बदल गई. इसके बाद सड़कों पर पानी भर आया. बारिश के चलते सर्दी और भी बढ़ गई और बचाव के लिए लोग अलाव का सहारा लेते नजर आए. सुबह देर तक सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा. बारिश के बाद कोहरा और भी बढ़ गया. इसके साथ ही राजमार्गों पर वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. जानकारी के अनुसार विजिबिलिटी 10 से 15 फीट तक ही रह गई. ऐसे में वाहन चालक धीरे-धीरे आगे बढ़ते दिखे.

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बता दें कि इस फसलों के लिए बारिश बेहतर माना गया है. खासकर के कम पानी वाली पदों के लिए तीसरे जीवनदान माना गया है. चना, सरसों, अरहर आदि कम पानी वाली फसलें मानी जाती हैं. वहीं पानी की कमी पर किसान इनकी सिंचाई को ज्यादा महत्व नहीं देते. ऐसे में इन फसलों के लिए बारिश को और भी अच्छा माना गया है.

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