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चित्तौड़गढ़: पुलिसबल की मौजूदगी में कोरोना संक्रमित वृद्ध का अंतिम संस्कार, मोक्षधाम और गांव में विरोध

चित्तौड़गढ़ जिला चिकित्सालय में शुक्रवार शाम कोरोना संक्रमित एक वृद्ध की मौत हो गई. अंतिम संस्कार के लिए वृद्ध को पुलिस पास के ही मोक्षधाम में लेकर पहुंची थी जहां स्थानीय लोगों ने विरोध शुरु कर दिया इसके बाद शव को मृतक के गांव लेकर जाया गया जहां ग्रामीणों ने भी विरोध किया.

corona-infected, कोरोना संक्रमित
पुलिसबल की मौजूदगी में हुआ कोरोना संक्रमित का अंतिम संस्कार
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Published : May 23, 2020, 2:33 PM IST

चित्तौड़गढ़. जिला चिकित्सालय में शुक्रवार शाम कोरोना संक्रमित एराल गांव निवासी वृद्ध की मौत हो गई. मौत के बाद प्रशासन इसके अंतिम संस्कार का निर्णय शहर में डाइट मार्ग स्थित मोक्षधाम पर करने का लिया. इस दौरान मोक्षधाम के आस-पास रहने वाले लोगों ने इसका विरोध किया. बड़ी संख्या में लोग मोक्षधाम के पास जमा हो गए हैं.

पुलिसबल की मौजूदगी में हुआ कोरोना संक्रमित का अंतिम संस्कार

स्थानीय लोगों के विरोध के बाद मृतक के शव का यहां अंतिम संस्कार नहीं हुआ बाद में शव को मृतक के गांव लेकर पुलिस पहुंची जहां गांव वालों ने भी विरोध शुरु कर दिया. हलांकि बाद में पुलिस की मौजूदगी में गांव में अंतिम संस्कार किया गया.

जानकारी के अनुसार जिला चिकित्सालय में कोरोना संक्रमित एराल निवासी 80 वर्षीय वृद्ध की शुक्रवार शाम मौत हो गई थी. इसका अंतिम संस्कार शुक्रवार रात को नगर के प्रतापनगर क्षेत्र में स्थित मोक्षधाम में पुलिस और प्रशासन ने करने का निर्णय किया. जानकारी मिलने पर क्षेत्रवासियों ने इसका विरोध करते हुए प्रदर्शन शुरु कर दिया.

विरोध कर रहे लोगों का कहना था कि यहां अंतिम-संस्कार करने की वजह से क्षेत्र में कोरोना का संक्रमण बढ़ने का खतरा हैं. विरोध के बाद मोक्षधाम के बाहर एवं आसपास भारी पुलिस जाप्ता तैनात कर दिया गया. वहीं उपखंड अधिकारी अंशुल आमेरिया, पुलिस उप आधीक्षक शाहना खानम सहित शहर और आसपास के सभी थानों के थानाधिकारी के साथ भारी जाप्ता मौके पर तैनात किया है.

मृतक के गांव में भी हुआ विरोध:

देर रात तक पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच गहमा-गहमी चलती रही. आला अधिकारी भी घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचे और लोगों से समझाईश करने का प्रयास किया. प्रशासन ने निर्णय किया कि मृतक के पैतृक गांव एराल में ही इसका अंतिम संस्कार होगा लेकिन वहां भी गांव के लोगों ने विरोध करना शुरु कर दिया.

ये भी पढ़ें: जेल महानिदेशक का जोधपुर दौरा, कहा- जब तक मुजरिम की रिपोर्ट कोरोना नेगेटिव नहीं आ जाती तब तक नहीं भेजा जाएगा जेल

एराल ग्राम पंचायत के सरपंच रविराज सिंह जाड़ावत भी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से बात की तब जाकर ग्रामीण गांव में अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए. प्रशासन के निर्देश पर परिजनों ने चिता की लकड़िया जमाई. जैसे ही शव गांव की सीमा में पहुंचने को हुआ पुलिस ने ग्रामीणों को वहां से हटा दिया. यहां तक परिजनों को भी नहीं रुकने दिया. भारी पुलिस जाब्ते की मौजूदगी में चिकित्सा विभाग की टीम ने नियमानुसार शव का अंतिम संस्कार किया.

चित्तौड़गढ़. जिला चिकित्सालय में शुक्रवार शाम कोरोना संक्रमित एराल गांव निवासी वृद्ध की मौत हो गई. मौत के बाद प्रशासन इसके अंतिम संस्कार का निर्णय शहर में डाइट मार्ग स्थित मोक्षधाम पर करने का लिया. इस दौरान मोक्षधाम के आस-पास रहने वाले लोगों ने इसका विरोध किया. बड़ी संख्या में लोग मोक्षधाम के पास जमा हो गए हैं.

पुलिसबल की मौजूदगी में हुआ कोरोना संक्रमित का अंतिम संस्कार

स्थानीय लोगों के विरोध के बाद मृतक के शव का यहां अंतिम संस्कार नहीं हुआ बाद में शव को मृतक के गांव लेकर पुलिस पहुंची जहां गांव वालों ने भी विरोध शुरु कर दिया. हलांकि बाद में पुलिस की मौजूदगी में गांव में अंतिम संस्कार किया गया.

जानकारी के अनुसार जिला चिकित्सालय में कोरोना संक्रमित एराल निवासी 80 वर्षीय वृद्ध की शुक्रवार शाम मौत हो गई थी. इसका अंतिम संस्कार शुक्रवार रात को नगर के प्रतापनगर क्षेत्र में स्थित मोक्षधाम में पुलिस और प्रशासन ने करने का निर्णय किया. जानकारी मिलने पर क्षेत्रवासियों ने इसका विरोध करते हुए प्रदर्शन शुरु कर दिया.

विरोध कर रहे लोगों का कहना था कि यहां अंतिम-संस्कार करने की वजह से क्षेत्र में कोरोना का संक्रमण बढ़ने का खतरा हैं. विरोध के बाद मोक्षधाम के बाहर एवं आसपास भारी पुलिस जाप्ता तैनात कर दिया गया. वहीं उपखंड अधिकारी अंशुल आमेरिया, पुलिस उप आधीक्षक शाहना खानम सहित शहर और आसपास के सभी थानों के थानाधिकारी के साथ भारी जाप्ता मौके पर तैनात किया है.

मृतक के गांव में भी हुआ विरोध:

देर रात तक पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच गहमा-गहमी चलती रही. आला अधिकारी भी घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचे और लोगों से समझाईश करने का प्रयास किया. प्रशासन ने निर्णय किया कि मृतक के पैतृक गांव एराल में ही इसका अंतिम संस्कार होगा लेकिन वहां भी गांव के लोगों ने विरोध करना शुरु कर दिया.

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एराल ग्राम पंचायत के सरपंच रविराज सिंह जाड़ावत भी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से बात की तब जाकर ग्रामीण गांव में अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए. प्रशासन के निर्देश पर परिजनों ने चिता की लकड़िया जमाई. जैसे ही शव गांव की सीमा में पहुंचने को हुआ पुलिस ने ग्रामीणों को वहां से हटा दिया. यहां तक परिजनों को भी नहीं रुकने दिया. भारी पुलिस जाब्ते की मौजूदगी में चिकित्सा विभाग की टीम ने नियमानुसार शव का अंतिम संस्कार किया.

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