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चित्तौड़गढ़ : व्यवसाई की हत्या के मामले में दंपती सहित 3 दोषी करार, आजीवन कारावास की सजा

14 जून 2017 को शहर के निकट भीलवाड़ा मार्ग पर स्थित अजोलिया का खेड़ा निवासी गंगाराम तेली अपने पेट्रोल पंप की एनओसी लेने के लिए उदयपुर जा रहा था. उसके पास एक लाख 70 हजार रुपए की नकदी थी. इस बीच लूट के मकसद से उसकी हत्या कर दी गई थी.

चित्तौड़गढ़ हत्या मामला आजीवन कारावास
चित्तौड़गढ़ हत्या मामला आजीवन कारावास
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Published : Sep 22, 2021, 9:10 PM IST

चित्तौड़गढ़. शहर के सदर थाना इलाके में करीब 3 साल पहले कार में पेट्रोल पंप व्यवसाई की हत्या हो गई थी. इस मामले के 3 आरोपियों को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

मामले में जिला एवं सेशन न्यायालय के न्यायाधीश केशव कौशिक ने तीनों अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. लोक अभियोजक सुरेशचंद्र शर्मा ने बताया कि 14 जून 2017 को शहर के निकट भीलवाड़ा मार्ग पर स्थित अजोलिया का खेड़ा निवासी गंगाराम तेली अपने पेट्रोल पंप की एनओसी लेने के लिए उदयपुर जा रहा था. उसके पास एक लाख 70 हजार रुपए की नकदी थी.

गंगाराम दोपहर तक अपने बेटे के संपर्क में था. शाम 5 बजे जब गंगाराम के बेटे ने अपने पिता से बात करने के लिए फोन किया तो गंगाराम ने फोन नहीं उठाया. 2 दिन बाद 16 जून को गंगाराम के बेटे ने राशमी थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी. इसके बाद पुलिस ने मोबाइल की लोकेशन निकाली तो गंगाराम की लोकेशन चित्तौड़गढ़ शहर में उदयपुर मुख्य मार्ग पर राजीव गांधी पार्क, सेंती में थी.

पढ़ें- हिस्ट्रीशीटर अजय यादव हत्याकांड: वर्चस्व की लड़ाई और जयपुर का डॉन बनने के लिए की गई अजय की हत्या

शुक्ला दंपती और चालक तक पहुंची पुलिस

सदर थाना पुलिस जब मौके पर पहुंची तो पाया कि कार में गंगाराम मृत पड़ा था. सूचना पर गंगाराम के पुत्र ने आकर कार व गंगाराम की पहचान की. इसके बाद पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की. मामले में गंगाराम की कॉल डिटेल निकाली गई. इसमें लास्ट कॉल के आधार पर उत्तरप्रदेश हाल बांसवाड़ा निवासी कप्तान शुक्ला, राधा शुक्ला और कप्तान शुक्ला के चालक कालू तेली को डिटेन कर पूछताछ की गई. सख्ती से पूछताछ में तीनों ने हत्या की वारदात को अंजाम देना कबूल कर लिया. पुलिस ने तीनों से रुपए और गंगाराम की चेन बरामद कर ली.

नींद की ज्यादा गोलियों से मौत

आरोपियों ने बताया था कि ज्यादा नींद की गोलियां देने के कारण उसकी मौत हो गई. पुलिस ने मेडिकल की दुकान से इस बात की तस्दीक भी करवाई. मामले में सभी गवाहों और दस्तावेज के आधार पर सेशन न्यायाधीश केशव कौशिक ने तीनों को दोषी पाया और भादस की धारा 302, 201 और 394 में दोषी पाते हुए सजा सुनाई. न्यायधीश ने 302 के अंतर्गत तीनों को आजीवन कारावास, 201 के अंतर्गत 3 वर्ष का कारावास और 394 के अंतर्गत 10 वर्ष का कारावास की सजा सुनाई. तीनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी.

चित्तौड़गढ़. शहर के सदर थाना इलाके में करीब 3 साल पहले कार में पेट्रोल पंप व्यवसाई की हत्या हो गई थी. इस मामले के 3 आरोपियों को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

मामले में जिला एवं सेशन न्यायालय के न्यायाधीश केशव कौशिक ने तीनों अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. लोक अभियोजक सुरेशचंद्र शर्मा ने बताया कि 14 जून 2017 को शहर के निकट भीलवाड़ा मार्ग पर स्थित अजोलिया का खेड़ा निवासी गंगाराम तेली अपने पेट्रोल पंप की एनओसी लेने के लिए उदयपुर जा रहा था. उसके पास एक लाख 70 हजार रुपए की नकदी थी.

गंगाराम दोपहर तक अपने बेटे के संपर्क में था. शाम 5 बजे जब गंगाराम के बेटे ने अपने पिता से बात करने के लिए फोन किया तो गंगाराम ने फोन नहीं उठाया. 2 दिन बाद 16 जून को गंगाराम के बेटे ने राशमी थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी. इसके बाद पुलिस ने मोबाइल की लोकेशन निकाली तो गंगाराम की लोकेशन चित्तौड़गढ़ शहर में उदयपुर मुख्य मार्ग पर राजीव गांधी पार्क, सेंती में थी.

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शुक्ला दंपती और चालक तक पहुंची पुलिस

सदर थाना पुलिस जब मौके पर पहुंची तो पाया कि कार में गंगाराम मृत पड़ा था. सूचना पर गंगाराम के पुत्र ने आकर कार व गंगाराम की पहचान की. इसके बाद पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की. मामले में गंगाराम की कॉल डिटेल निकाली गई. इसमें लास्ट कॉल के आधार पर उत्तरप्रदेश हाल बांसवाड़ा निवासी कप्तान शुक्ला, राधा शुक्ला और कप्तान शुक्ला के चालक कालू तेली को डिटेन कर पूछताछ की गई. सख्ती से पूछताछ में तीनों ने हत्या की वारदात को अंजाम देना कबूल कर लिया. पुलिस ने तीनों से रुपए और गंगाराम की चेन बरामद कर ली.

नींद की ज्यादा गोलियों से मौत

आरोपियों ने बताया था कि ज्यादा नींद की गोलियां देने के कारण उसकी मौत हो गई. पुलिस ने मेडिकल की दुकान से इस बात की तस्दीक भी करवाई. मामले में सभी गवाहों और दस्तावेज के आधार पर सेशन न्यायाधीश केशव कौशिक ने तीनों को दोषी पाया और भादस की धारा 302, 201 और 394 में दोषी पाते हुए सजा सुनाई. न्यायधीश ने 302 के अंतर्गत तीनों को आजीवन कारावास, 201 के अंतर्गत 3 वर्ष का कारावास और 394 के अंतर्गत 10 वर्ष का कारावास की सजा सुनाई. तीनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी.

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