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Chittorgarh minor raped: पॉक्सो कोर्ट ने सुनाई 20 साल की सजा, 25 हजार का अर्थदंड भी लगाया - 25 हजार का अर्थदंड भी लगाया

चित्तौड़गढ़ में तीन साल पुराने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में पॉक्सो कोर्ट ने दोषी को 20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इतना ही नहीं अदालत ने मुल्जिम पर 25 हजार रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया है.

Chittorgarh minor raped
पॉक्सो कोर्ट ने सुनाई 20 साल की सजा, 25 हजार का अर्थदंड भी लगाया
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Published : Apr 21, 2023, 4:04 PM IST

चित्तौड़गढ़. नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में पॉक्सो कोर्ट ने एक आरोपी को दोषी माना और उसे 20 साल के कठोर कारावास के साथ आर्थिक जुर्माने से भी दंडित किया. मामला 3 साल पहले का है. दरअसल 20 नवंबर 2019 को बेगू पुलिस थाने में एक व्यक्ति ने अपनी 13 वर्षीय बेटी के साथ उपस्थित होकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट के अनुसार 20 नवंबर को उसकी नाबालिग पुत्री जंगल में बकरियां चराने गई थी. शाम करीब 5:00 बजे वह घर आई और रोते हुए अपने साथ जंगल में चंदिया भील द्वारा की गई दरिंदगी के बारे में बताया.

ये भी पढ़ेंः पॉक्सो कोर्ट ने बालिका से दुष्कर्म और हत्या के आरोपी को सुनाई फांसी की सजा

आरोपी के खिलाफ 14 गवाह पेश हुएः उसने अपने माता-पिता को बताया कि चंदिया ने उसे अकेली देखकर जंगल में पकड़ लिया और मुंह दबाकर उसके साथ दुष्कर्म किया. पुलिस ने निकट गांव निवासी चंदिया पुत्र रामलाल भील के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया और पॉक्सो सहित विभिन्न धाराओं के तहत न्यायालय में चालान पेश किया था. विशिष्ट लोक अभियोजक शोभालाल जाट के अनुसार मामले के विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से आरोपी के खिलाफ 14 गवाहों के बयान करवाए गए एवं 28 दस्तावेज प्रदर्शित किए गए थे. वहीं आरोपी की ओर एक भी ऐसा सुबूत नहीं पेश किया जा सका जिससे वह इन आरोपों को झुंठला सके. आरोपी की ओर से पेश की गईं सारी दलीलें व्यर्थ गईं.

पॉक्सो एक्ट की धाराओं में सुनाई गई सजाः पॉक्सो कोर्ट क्रमांक संख्या एक के पीठासीन अधिकारी ने उभय पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपी चंदिया भील को दोषी करार दिया और पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत धारा 5 M/6 के अंतर्गत 20 साल का कठोर कारावास और 25,000 रुपए का अर्थदंड सुनाया. नियमानुसार अगर आरोपी अर्थदंड नहीं चुकाता है तो उसकी सजा में और इजाफा कर दिया जाएगा. यह दुष्कर्म की वारदात तीन साल पहले आरोपी ने अंजाम दी थी.

चित्तौड़गढ़. नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में पॉक्सो कोर्ट ने एक आरोपी को दोषी माना और उसे 20 साल के कठोर कारावास के साथ आर्थिक जुर्माने से भी दंडित किया. मामला 3 साल पहले का है. दरअसल 20 नवंबर 2019 को बेगू पुलिस थाने में एक व्यक्ति ने अपनी 13 वर्षीय बेटी के साथ उपस्थित होकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट के अनुसार 20 नवंबर को उसकी नाबालिग पुत्री जंगल में बकरियां चराने गई थी. शाम करीब 5:00 बजे वह घर आई और रोते हुए अपने साथ जंगल में चंदिया भील द्वारा की गई दरिंदगी के बारे में बताया.

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आरोपी के खिलाफ 14 गवाह पेश हुएः उसने अपने माता-पिता को बताया कि चंदिया ने उसे अकेली देखकर जंगल में पकड़ लिया और मुंह दबाकर उसके साथ दुष्कर्म किया. पुलिस ने निकट गांव निवासी चंदिया पुत्र रामलाल भील के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया और पॉक्सो सहित विभिन्न धाराओं के तहत न्यायालय में चालान पेश किया था. विशिष्ट लोक अभियोजक शोभालाल जाट के अनुसार मामले के विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से आरोपी के खिलाफ 14 गवाहों के बयान करवाए गए एवं 28 दस्तावेज प्रदर्शित किए गए थे. वहीं आरोपी की ओर एक भी ऐसा सुबूत नहीं पेश किया जा सका जिससे वह इन आरोपों को झुंठला सके. आरोपी की ओर से पेश की गईं सारी दलीलें व्यर्थ गईं.

पॉक्सो एक्ट की धाराओं में सुनाई गई सजाः पॉक्सो कोर्ट क्रमांक संख्या एक के पीठासीन अधिकारी ने उभय पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपी चंदिया भील को दोषी करार दिया और पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत धारा 5 M/6 के अंतर्गत 20 साल का कठोर कारावास और 25,000 रुपए का अर्थदंड सुनाया. नियमानुसार अगर आरोपी अर्थदंड नहीं चुकाता है तो उसकी सजा में और इजाफा कर दिया जाएगा. यह दुष्कर्म की वारदात तीन साल पहले आरोपी ने अंजाम दी थी.

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