चित्तौड़गढ़. उदयपुर के माणिक्य लाल वर्मा विश्वविद्यालय द्वारा मिनरल, माईनिंग मेटल और मेटोलोजी ऑफ साउथ एशिया पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के अंतर्गत भारत सहित 14 देशों के प्रतिनिधियों ने शनिवार को चित्तौड़गढ़ दुर्ग का भ्रमण किया. उन्होंने यहां के ऐतिहासिक स्मारकों को बारीकी से देखा. बाद में विधायक चंद्रभानसिंह आक्या से भेंटकर सहयोग के लिए मेवाड़ी पगड़ी पहनकर उनका स्वागत किया और चित्तौड़गढ़ के इतिहास के बारे में विस्तार से चर्चा की.
विधायक आक्या ने सभी आगन्तुकों का स्वागत करते हुए कहा कि गत वर्ष इसी संस्थान की 2 व 3 फरवरी, 2023 को उदयपुर में 'एनिमल्स इन द हिस्ट्री ऑफ साउथ एशिया' विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में वे स्वयं भी शामिल हुए थे. आज संस्थान के सदस्यों का चित्तौड़गढ़ भ्रमण का निर्णय सराहनीय है. चित्तौड़गढ़ भक्ति, शक्ति, त्याग व बलिदान की धरती है. यहां का बहुत पुराना इतिहास रहा है, यहां का किला प्राचीन इतिहास को याद दिलाता है.
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आक्या ने कहा कि यहां के शासकों ने अपने स्वाभिमान से कभी समझौता नहीं किया. महाराणा प्रताप, महाराणा कुम्भा, महाराणा सांगा का नाम हर कोई जानता है. रानी पद्मिनी सहित अनेक क्षत्राणियों का जौहर आज भी मन को झकझोर देता है. इस दौरान रवि विराणी, महेन्द्र सिंह, मुकेश मेघवाल सहित कार्यकर्ताओं ने समस्त प्रतिनिधि मण्डल के सदस्यों का स्वागत किया.
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अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के निदेशक व उदयपुर के माणिक्य लाल वर्मा विश्वविद्यालय के सह आचार्य डाॅ पियूष भादविया ने बताया कि संस्थान में आर्मेनिया, अमेरिका, नेपाल, श्रीलंका सहित दक्षिण भारत के राज्यों के प्रतिनिधी शामिल हैं, जो चित्तौड़गढ़ दुर्ग सहित जावर माईंस क्षेत्र का भ्रमण कर प्राचीन संस्कृति, इतिहास, पुरातत्व संस्कृति आदि विषयों पर शोध करेंगे. गत वर्ष आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के पश्चात उनके संस्थान द्वारा प्रकाशित दो पुस्तकें 'भारतीय इतिहास में पशु-पक्षी' व 'एनमिल्स इन साउथ एशियन हिस्ट्री' की प्रति विधायक आक्या को भेंट की गई. श्रीलंका से नीलम जयसिंघे, आर्मेनिया से डाॅ लुईजा रोड्रीक्स व डाॅ नायरा, काठमाण्डु नेपाल से डाॅ पूनम राणा, सेंट्रल यूनिवर्सिटी जम्मू की डाॅ अमिता गुप्ता, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की दिलशाद फातिमा, डाॅ डीपी शर्मा व डाॅ माधुरी शर्मा वाराणसी, डाॅ रविन्द्र कुमार इलाहाबाद, प्रोफेसर योगेम्बर सिंह व सुमन रानी उत्तराखण्ड सहित बड़ी संख्या में देश के विभिन्न प्रांतों के प्रतिनिधि उपस्थित थे.