चित्तौड़गढ़. जिले में एकदिवसीय दौरे पर अजमेर विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक वीसी भाटी आए हैं. इस दौरान ईटीवी भारत ने निगम के कामकाज और आगामी योजनाओं को लेकर उनसे विशेष बातचीत की. जिसपर भाटी ने बताया कि मार्च के बाद निगम कई योजनाओं पर काम करने जा रहा है. इनमें सबसे प्रमुख मई और अप्रैल में पूरे अजमेर डिस्कॉम में चलाए जाने वाला हाई रिस्क पॉइंट रिपेयरिंग कैंपेन है. इस अभियान के दौरान करीब सवा लाख से अधिक हाई रिस्क पॉइंट मरम्मत के दायरे में लेने की योजना है.
वहीं, वीसी भाटी ने बांसवाड़ा और चित्तौड़गढ़ में लाइन टूटने के कारण एक महिला सहित दो लोगों की मौत पर अफसोस जताते हुए कहा कि इन घटनाओं के बाद निगम ने पूरे डिस्कॉम क्षेत्र में सर्वे करवाकर इस प्रकार के पॉइंट की सूची तैयार कर ली है. मार्च और अप्रैल में इसके लिए जरूरी साजो-सामान मंगवाने के बाद अप्रैल और मई में मरम्मत अभियान शुरू किया जाएगा. साथ ही वीसीआर के सवाल पर भाटी ने कहा कि सबसे ज्यादा चोरी घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं में सामने आई है. इस साल हमने 107000 उपभोक्ताओं की चेकिंग की. जिसमें से 74 हजार चोरियों के मामले सामने आए हैं.
इनमें सर्वाधिक 52 हजार अर्थात 80 फीसदी चोरिया घरेलू उपभोक्ताओं के यहां पाई गई है. उन्होंने बताया कि घरेलू क्षेत्र में चोरी का सबसे बड़ा कारण समय पर कनेक्शन नहीं होना है. अब पूरे डिस्कॉम सत्र में अप्रैल के दौरान हर सब डिविजन पर एक विशेष कनेक्शन कैंप लगाने जा रहे हैं. नवंबर 2020 में लगाए गए इसी प्रकार के कैंप में एक ही दिन में 52 सौ कनेक्शन दिए गए थे.
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वहीं, सेटलमेंट के सवाल पर उन्होंने कहा इससे हमें भारी नुकसान हो रहा है, क्योंकि देखा गया है कि अमूमन समय पर सेटलमेंट कमेटियों की बैठकर नहीं हो पाती और यह मामले लंबित रह जाते हैं. अकेले चित्तौड़गढ़ वृत्त में ही लगभग 9 करोड रुपए सेटलमेंट में फंसे हुए हैं और पूरे डिस्को महत्व यह राशि अरबों में है. इस समस्या को देखते हुए अब हर महीने की 12 और 13 तारीख को आई एम से लेकर एमडी स्तर पर सेटलमेंट कमेटियों की बैठक रखना तय कर लिया गया है.
साथ ही प्रीपेड योजना के फेल होने पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इसके लिए एक लाख करोड़ की योजना लेकर आ रही है. मेरा मानना है कि प्रीपेड उपभोक्ताओं को इंसेंटिव या फिर प्रीपेड और पोस्ट पेड की टैरिफ अलग अलग रखना चाहिए. इस संबंध में सरकार से भी बातचीत की जाएगी. निगम के निजी करण को सिरे से खारिज करते हुए उन्होंने बताया कि निजी करण में पूरा असेट्स भेज दिया जाता है. जबकि हमारे यहां केवल एमबीसी अर्थात मीटर बिल और कलेक्शन का काम एक ही ठेकेदार को दिया गया है, जो कि पहले अलग-अलग ठेकेदारों को दिया जा रहा था. कुल मिलाकर हम फ्रेंचाइजी बेस पर काम कर रहे हैं.