चित्तौड़गढ़. कोरोना के चलते कई ऐसे मामले सामने आए, जिसने मानवीय संवेदनाओं को शर्मसार कर दिया. एक मामला चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय से सामने आया है. यहां पर अपनी बहन की मौत के बाद भाई को मजदूर बुलाकर उसके शव को मोक्षधाम ले जाकर अकेले ही उसका अंतिम संस्कार करना पड़ा.
जानकारी के मुताबिक, महिला बाल चिकित्सालय में कार्यरत जगदीश धाकड़ की बड़ी बहन सुशीला धाकड़ (58), जो कि चित्तौड़गढ़ में कपासन उपखंड के गिलूड गांव में शिक्षिका थी. बेगू उपखंड के काटूंदा गांव में अपने मकान पर रह रही थी. करीब चार दिन पहले उसकी तबीयत बिगड़ी. इस पर अज्ञात व्यक्ति ने उसको सांवलिया चिकित्सालय में बुखार से ग्रसित होने पर आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया. कोविड रिपोर्ट भी निगेटिव आई थी, लेकिन तबीयत ज्यादा बिगड़ गई थी.
ऐसे में इसकी जानकारी जब जगदीश धाकड़ को मिली तो वह आइसोलेशन वार्ड में पहुंचा. तब तक उसकी बहन की मौत हो चुकी थी. वहीं जो व्यक्ति भर्ती कराने आया, वह भी वहां से चला गया और उसने मोबाइल स्वीच ऑफ कर लिया था. ऐसे में भाई अकेला क्या करता. कोविड से मौत की आशंका को लेकर किसी ने उसका साथ नहीं दिया तो एक नगर के पूर्व पार्षद भोलाराम प्रजापत के सहयोग से मजदूर किए. मजदूरों की मदद से शव को श्मशान पहुंचाया, वह अकेले ही अपनी बहन का अंतिम संस्कार किया.
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बहरहाल, उसकी कोरोना वायरस रिपोर्ट निगेटिव आई है. बुखार के चलते ही दम तोड़ दिया. वहीं चितौड़गढ़ में भी अब कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही मौत का सिलसिला शुरू हो चुका है. सोमवार सुबह एक और महिला ने दम तोड़ दिया, जिसका कोरोना गाइडलाइन के साथ अंतिम संस्कार करवाया गया. बहरहाल, अब कोरोना के चलते चित्तौड़गढ़ में अपनी ही बहन का दाह संस्कार मजदूरों की मदद से करना पड़ा.