चित्तौड़गढ़. भीलवाड़ा जिले में वांछित चल रहे एक आरोपित ने विशेष न्यायालय एनडीपीएस प्रकरण चित्तौड़गढ़ में आत्म समर्पण कर दिया. इस आरोपित पर गत दिनों नाकाबन्दी के दौरान दो पुलिस कांस्टेबल की हत्या में शामिल होने का आरोप है. इसे न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया है. इसके एनकाउंटर के डर से कोर्ट में सरेंडर करने की बात कही है.
जानकारी के अनुसार भीलवाड़ा जिले के 2 कांस्टेबल की हत्या करने के बाद फरार चल रहे राजू फौजी के साथी रमेश विश्नोई ने बुधवार को चित्तौड़गढ़ एनडीपीएस कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. रमेश विश्नोई उर्फ रमेश भानिया ने यह सरेंडर पुलिस के एनकाउंटर के डर से किया है. रमेश भानिया को पुलिस पिछले कई महीनों से ढूंढ रही थी. पुलिस के एनकाउंटर के डर के चलते रमेश ने मानवाधिकार आयोग में भी अपील की है.
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बुधवार को चित्तौड़गढ़ एनडीपीएस में अपने अधिवक्ता के साथ रमेश पहुंचा और न्यायालय में सरेंडर कर दिया. जानकारी के अनुसार मारवाड़ के कुख्यात तस्कर राजू फौजी व उसके साथियों ने 10 अप्रैल की रात को कोटड़ी थाने के कांस्टेबल ओंकार रायका और रायला के कांस्टेबल पवन चौधरी की गोली मार कर हत्या कर दी थी. इस मामले में पुलिस राजू फौजी, रमेश भानिया, पबराम गोरसिया सहित 5 बदमाशों की तलाश कर रही थी.
पुलिस की सख्ती और एनकाउंटर के डर से रमेश ने बुधवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया. उसने पुलिस से अपनी जान का खतरा भी बताया है. अभी भी इन मामले में राजू फौजी और बाकी के बदमाशों की सरगर्मी से तलाश हो रही है. रमेश भानिया के अधिवक्ता ने बताया कि रमेश विश्नोई को पुलिस से जान का खतरा है. रमेश भानिया ने पुलिस पर उसे बेवजह मामलों में फंसाने का आरोप लगाया है. इसके चलते रमेश ने मानवाधिकार आयोग के सामने उसके जीवन को बचाने की गुहार भी लगाई है.