जयपुर. परिवहन कार्यालय में अब वाहनों के पंजीयन दस्तावेजों का ऑनलाइन रिकॉर्ड ही रखा जाएगा. मूल दस्तावेज संबंधित वाहन मालिकों के पास रहेंगे. इस संबंध में परिवहन आयुक्त राजेश यादव ने आदेश भी जारी कर दिए हैं.
अभी तक वाहन खरीदने के बाद एक पत्रावली तैयार की जाती थी, जिसमें बिल फॉर्म 20, 21, 22 अस्थाई पंजीयन प्रमाण पत्र, बीमा पार्किंग शपथ पत्र, पता प्रमाण पत्र, पैन कार्ड फॉर्म को परिवहन विभाग के कर्मचारी ऑनलाइन अपलोड कर के मूल दस्तावेज रिकॉर्ड के लिए कार्यालय में जमा करते थे. ताकि आवश्यकता होने पर उन्हें प्रस्तुत किया जा सके.
लेकिन अब वाहनों के पंजीयन दस्तावेजों के रिकॉर्ड को परिवहन कार्यालय में सुरक्षित रखने में आ रही परेशानियों को देखते हुए मूल दस्तावेज वाहन मालिकों के सुपुर्द करने का निर्णय किया गया है. इसके बाद उन दस्तावेजों को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी खुद वाहन मालिक की होगी. ऐसे में वाहन के दस्तावेज निकलवाने के लिए वाहन मालिकों को परिवहन कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.
आदेश के अनुसार विभागीय कर्मचारी सभी नॉन ट्रांसपोर्ट व्हीकलो के पंजीयन संबंधित दस्तावेजों का इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड वाहन 4.0 सॉफ्टवेयर पर अपलोड करेंगे. विभागीय अधिकारियों को आदेश में बताया गया है कि प्रदेश में प्रतिवर्ष 13 लाख से अधिक वाहनों का पंजीकरण किया जाता है. हर साल कार्यालय में काफी संख्या में पंजीयन पत्रवालियों को रिकॉर्ड एकत्र हो जाता है. विभाग के कार्यालय में स्थान की कमी है इसलिए दस्तावेजों को वाहन मालिकों को देने का ही निर्णय किया है.
आदेश के अनुसार वाहन मालिकों को स्थानीय परिवहन कार्यालय में एक शपथ पत्र देना होगा इसमें उसे नाम पता वाहन का प्रकार बिल संख्या आदि का उल्लेख करना होगा. साथ ही यह भी उल्लेख करना होगा कि पंजीयन संबंधी दस्तावेजों की मूल प्रति विभागीय कर्मचारी ने लौटा दी है. अब इन समस्त दस्तावेजों को सुरक्षित रखने और भविष्य में परिवहन कार्यालय पुलिस अथवा अन्य स्थान पर मांगे जाने पर वाहन मालिक ही उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी होगी.