लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि इनको पाकिस्तान में भर्ती किया जाता है, कुछ हफ्तों की ट्रेनिंग के बाद इन को भारत में आतंक फैलाने के लिए भेज दिया जाता है. एक मरा हुआ आतंकी परिवार के लिए बेहतर होता है तथा उसके परिवार को पाकिस्तानी खुफिया एजेन्सी दो से तीन लाख रुपए उनके परिवार को देती है. ऐसे लोगों को हिंदुस्तान में हम फिदायीन कह कर पुकारते हैं, यह इन लोगों के लिए जरूरत से ज्यादा इज्जत देने जैसा है. दअरसल में फिदायीन वो होते हैं जो अपने लक्ष्य या अपनी कोम के लिए फिदा हो जाए. लेकिन इस तरह के लोग तो घटिया किस्म के आतंकी है.
चेरिश मैथसन ने कहा कि आतंकवादियों की संख्या बहुत कम हो गई है ऐसे में अब दहशत गर्दी फैलाना आसान नहीं है इसलिए आतंकी संगठन व हमारा पड़ोसी देश आम लोगों को इस्तेमाल करके यह सिलसिला जारी रखना चाहता है. उन्होंने कहा कि सर्व शक्ति कमांड की जिम्मेदारी दक्षिण पंजाब और उत्तरी राजस्थान की है. हम सभी परिस्थितियों के लिए तैयार हैं, एक इंच भी जमीन दुश्मन के पास नहीं जाने देंगे और उनको मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा.