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रणथंभौर का 'सुल्तान' पहुंचा सरिस्का...लंबे समय से युवा नर बाघ का था इंतजार

लंबे इंतजार के बाद शनिवार को आखिरकार सरिस्का में युवा नर बाघ पहुंच गया. रणथंभौर से बाघ-75 को ट्रेंकुलाइज करके सरिस्का लाया गया है. सरिस्का में इसका नाम एसटी-16 रखा गया है. इस बात के आने से सरिस्का में टाइगर का कुनबा बढ़ने की उम्मीद है हालांकि अभी टाइगर को एंक्लोजर में रखा गया है.

रणथंभौर का 'सुल्तान' पहुंचा सरिस्का
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Published : Apr 16, 2019, 9:00 AM IST

अलवर. राष्ट्रीय पार्क प्राधिकरण की मंजूरी के बाद सरिस्का में लंबे समय से रणथंभौर से युवा नर बाघ लाने की कवायद चल रही थी. रणथंभौर में एक साल पहले एक अन्य बाघ को चिन्हित करके सरिस्का में भेजने की प्रक्रिया चल रही थी. लेकिन अचानक उस पर ब्रेक लग गया. बाद में बाघ-75 को सरिस्का भेजने का फैसला लिया गया.


इस मौके पर रणथंभौर के सीसीएफ मनोज पाराशर, डीएफओ मुकेश सैनी सहित अन्य वन्य अधिकारी बाघ को लेकर सरिस्का आए और शाम करीब 5 बजे बाघ को सरिस्का में छोड़ा गया. अभी बाघ को एक एंक्लोजर में छोड़ा गया है. एंक्लोजर में बाघ के भोजन के लिए शिकार बांध दिया गया है हालांकि एंक्लोजर में पानी की समुचित व्यवस्था नहीं थी. लेकिन बाद में वॉटरहोल्स में पानी डलवा दिया गया है.

रणथंभौर का 'सुल्तान' पहुंचा सरिस्का


रणथंभौर के बाघ को सड़क मार्ग से सरिस्का लाया गया. रणथंभौर में सरिस्का के अधिकारी कैंटर में रखे पिंजरे में बाघ को लेकर सरिस्का पहुंचे. बाघ को दौसा, सैंथल और गोलाकाबास होते हुए सरिस्का लाया गया. इस बाघ के आने से बाघ T-11 की कमी पूरी होगी.


सरिस्का में नर बाघ के आने से सरिस्का में बाघ और बाघिन का संतुलन कायम हो सकेगा. सरिस्का में वर्तमान में बाघिन की संख्या ज्यादा है. इनमें से कुछ बाघिन बाघों का कुनबा बढ़ाने में पूरी तरह से सक्षम हैं. नया युवा बाघ आने से सरिस्का में बाघों का कुनबा बढ़ने की उम्मीद बढ़ी है.


तो वहीं दूसरी तरफ नया बाघ आने से सरिस्का में बाघों के बीच इलाके का संघर्ष भी बढ़ सकता है. माना जा रहा है कि नया भाग जंगल में अपनी नई टेरिटरी बनाता है. इस दौरान उसका पहले से इलाका बनाए बैठे बाघों में संघर्ष हो सकता है. वर्तमान में सरिस्का में चार बाघ हैं. इनमें रणथंभौर से आया नर बाघ सबसे युवा है इसलिए इस बात को अन्य भागों पर भारी रहना स्वाभाविक है.

अलवर. राष्ट्रीय पार्क प्राधिकरण की मंजूरी के बाद सरिस्का में लंबे समय से रणथंभौर से युवा नर बाघ लाने की कवायद चल रही थी. रणथंभौर में एक साल पहले एक अन्य बाघ को चिन्हित करके सरिस्का में भेजने की प्रक्रिया चल रही थी. लेकिन अचानक उस पर ब्रेक लग गया. बाद में बाघ-75 को सरिस्का भेजने का फैसला लिया गया.


इस मौके पर रणथंभौर के सीसीएफ मनोज पाराशर, डीएफओ मुकेश सैनी सहित अन्य वन्य अधिकारी बाघ को लेकर सरिस्का आए और शाम करीब 5 बजे बाघ को सरिस्का में छोड़ा गया. अभी बाघ को एक एंक्लोजर में छोड़ा गया है. एंक्लोजर में बाघ के भोजन के लिए शिकार बांध दिया गया है हालांकि एंक्लोजर में पानी की समुचित व्यवस्था नहीं थी. लेकिन बाद में वॉटरहोल्स में पानी डलवा दिया गया है.

रणथंभौर का 'सुल्तान' पहुंचा सरिस्का


रणथंभौर के बाघ को सड़क मार्ग से सरिस्का लाया गया. रणथंभौर में सरिस्का के अधिकारी कैंटर में रखे पिंजरे में बाघ को लेकर सरिस्का पहुंचे. बाघ को दौसा, सैंथल और गोलाकाबास होते हुए सरिस्का लाया गया. इस बाघ के आने से बाघ T-11 की कमी पूरी होगी.


सरिस्का में नर बाघ के आने से सरिस्का में बाघ और बाघिन का संतुलन कायम हो सकेगा. सरिस्का में वर्तमान में बाघिन की संख्या ज्यादा है. इनमें से कुछ बाघिन बाघों का कुनबा बढ़ाने में पूरी तरह से सक्षम हैं. नया युवा बाघ आने से सरिस्का में बाघों का कुनबा बढ़ने की उम्मीद बढ़ी है.


तो वहीं दूसरी तरफ नया बाघ आने से सरिस्का में बाघों के बीच इलाके का संघर्ष भी बढ़ सकता है. माना जा रहा है कि नया भाग जंगल में अपनी नई टेरिटरी बनाता है. इस दौरान उसका पहले से इलाका बनाए बैठे बाघों में संघर्ष हो सकता है. वर्तमान में सरिस्का में चार बाघ हैं. इनमें रणथंभौर से आया नर बाघ सबसे युवा है इसलिए इस बात को अन्य भागों पर भारी रहना स्वाभाविक है.

Intro:नोट- वीडियो एफटीपी पर हैं

लंबे इंतजार के बाद आज आखिरकार सरिस्का में युवा नर बाघ पहुंच गया। रणथंबोर से बाघ75 को ट्रेंकुलाइज करके सरिस्का का लाया गया है। सरिस्का में इसका नाम एसटी 16 रखा गया है। इस बात के आने से सरिस्का में टाइगर को का कुनबा बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि अभी टाइगर को एंक्लोजर में रखा गया है।


Body:राष्ट्रीय पार्क प्राधिकरण की मंजूरी के बाद सरिस्का में लंबे समय से रणथंबोर से युवा नर बाघ लाने की कवायद चल रही थी। रणथंबोर में एक साल पहले एक अन्य बाघ को चिन्हित करके सरिस्का में भेजने की प्रक्रिया चल रही थी। लेकिन अचानक उस पर ब्रेक लग गया। बाद में बाग 75 को सरिस्का भेजने का फैसला लिया गया।

इस मौके पर रणथंबोर के सीसीएफ मनोज पाराशर, डीएफओ मुकेश सैनी सहित अन्य वन्य अधिकारी बाघ को लेकर सरिस्का काए व शाम करीब 5 बजे बाग को सरिस्का में छोड़ा गया। अभी बाग को एक एंक्लोजर में छोड़ा गया है। एंक्लोजर में बाघ के भोजन के लिए शिकार बांध दिया गया है। हालांकि एंक्लोजर में पानी की समुचित व्यवस्था नहीं थी। लेकिन बाद में वॉटरहोल्स में पानी डलवा दिया गया है।

रणथंबोर के बाघ को सड़क मार्ग से सरिस्का लाया गया। रणथंबोर में सरिस्का के अधिकारी कैंटर में रखे पिंजरे में बाघ को लेकर सरिस्का पहुंचे। बाघ को दोसा, सैंथल व गोलाकाबास होते हुए सरिस्का लाया गया। इस बाघ के आने से बाघ st11 की कमी पूरी होगी।

क्योंकि कुछ माह पहले भाग एचडी 11 की खेत में फंदा लगने से मौत हो गई थी। उसके बाद से उसका में युवा की कमी चल रही थी फिर आज सरिस्का में तीन भाग है।


Conclusion:सरिस्का में नर बाघ के आने से सरिस्का में बाघ और बाघिन का संतुलन कायम हो सकेगा। सरिस्का में वर्तमान में बाघिन की संख्या ज्यादा है। इनमें से कुछ बाघिन बाघों का कुनबा बढ़ाने में पूरी तरह से सक्षम है। नया युवा बाघ आने से सरिस्का में बाघों का कुनबा बढ़ने की उम्मीद बढ़ी है।

तो वहीं दूसरी तरफ नया भाग आने से सरिस्का में बाघों के बीच इलाके का संघर्ष भी बढ़ सकता है, माना जा रहा है कि नया भाग जंगल में अपनी नई टेरिटरी बनाता है। इस दौरान उसका पहले से इलाका बनाए बैठे बाघों में संघर्ष हो सकता है। वर्तमान में सरिस्का में चार बाघ है। इनमें रणथंबोर से आया नर बाघ सबसे युवा है। इसलिए इस बात को अन्य भागों पर भारी रहना स्वाभाविक है।
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