जयपुर. जोधपुर में 350 फीट गहरे बोरवेल में गिरने से हुई 4 साल की बच्ची की मौत के बाद अब सरकार बोरवेल को लेकर एक बार फिर गंभीर हो गई है. मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर को चिट्ठी लिखकर सख्त निर्देश जारी किए है. चिट्ठी में खुले बोरवेल को चिन्हित करके उन्हें बंद करने के निर्देश दिए है. साथ ही जितने भी प्रदेश में कुआं है. उनकी बाउंड्री वॉल हो रखी है या नहीं इसको लेकर कलेक्टर्स सर्वे करें.
कुओं में बाउंड्री वॉल नहीं करना धारा 336 के तहत दंडनीय अपराध
वहीं साथ ही जिन भी निजी कुआं मालिकों ने अपने कुओं की बाउंड्री वॉल का निर्माण नहीं कराया है. तो आईपीसी की धारा 336 के तहत दंडनीय अपराध मानते हुए कानूनी कार्रवाई की जाए. मुख्य सचिव ने अपने पत्र में लिखा है कि ऐसे सार्वजनिक कुओं का चिन्हीकरण किया जाए. जिन की बाउंड्री वॉल का निर्माण नहीं कराया गया है. 2 महीने के अंदर चिन्हीकरण किया जाए. साथ ही ऐसे कुओं का भी सर्वेक्षण कराया जाए. जिनकी बाउंड्री वॉल का निर्माण हो चुका है.
4 साल की बच्ची की मौत के बाद सतर्क प्रशासन
गौरतलब है कि जोधपुर में 350 फीट गहरे बोरवेल में गिरने से 4 साल की बच्ची की मौत हो गई थी. 13 घंटे रेस्क्यू के बाद भी बच्ची को जीवित नहीं निकाला जा सका था. इस पूरे मामले को लेकर सरकार ने चिंता जाहिर करते हुए मुख्य सचिव ने सभी जिला कलेक्टर को चिट्ठी लिखकर सख्त निर्देश जारी किए. हालांकि ऐसा नहीं है कि यह पहला मामला है इससे पहले भी राजस्थान में बोरवेल में गिरने से मोदी दो घटनाएं हो चुकी है. उस वक्त भी सरकार ने सभी जिला कलेक्टर को अपने-अपने क्षेत्र में खुले पड़े बोरवेल को बंद करने के निर्देश दिए थे.
लेकिन सरकारी आदेश की ज्यादा कड़ाई से पालना नहीं हो पाई. जिसके चलते इस तरह की घटनाएं फिर से हो रही है. हालांकि अभी पिछले सप्ताह सामाजिक संगठनों द्वारा लगाई गई एक प्रार्थना पत्र पर मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने जितने भी कुओं के बाउंड्री खुले में हैं. उनको चिन्हीकरण करने का आदेश जारी किया था. जो पत्र सामाजिक संगठनों की तरफ से लिखा गया था. उसमें भी इसी बात की चिंता जताई गई थी कि खुले में पड़े बोरवेल और कुओं और बावड़ियों में इस तरह की घटनाएं होने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं.