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भीलवाड़ा में वन्य जीवों की संख्या में हुई बढ़ोतरी...पैंथर की संख्या पहुंची 10

भीलवाड़ा वन विभाग की ओर से हाल ही भीलवाड़ा वन क्षेत्र में हुई वन्यजीव गणना के आंकड़े जारी करते हुए स्पष्ट कर दिया कि जिले के वन क्षेत्र में पैंथर की कमी नहीं है. अब तक पैंथर की वन क्षेत्र में मौजूदगी को पहचाना जा चुका है. गत वर्ष भीलवाड़ा जिले में एक भी पैंथर नहीं दिखा था लेकिन इस बार हाल ही में हुई वन्यजीव गणना में 10 पैंथर दिखे हैं.

भीलवाड़ा में वन्य जीवों की संख्या में हुई बढ़ोतरी
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Published : May 30, 2019, 8:34 AM IST

भीलवाड़ा. वन विभाग की ओर से हाल ही में हुई वन्य जीव की गणना में पिछले वर्ष की तुलना में कहीं वन्यजीवों में बढ़ोतरी हुई तो कई वन्यजीवों में कमी पाई गई. भीलवाड़ा जिले में पिछले वर्ष एक भी पैंथर नहीं दिखाई दिया लेकिन इस बार भीलवाड़ा जिले के आसींद, मांडलगढ़, बिजोलिया, करेड़ा और बदनोर क्षेत्र में सभी जगह मिलाकर कुल 10 पैंथर दिखाई दिए.

वन विभाग के उप वन संरक्षक ज्ञानचंद ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि जिले में पैंथर के संरक्षण के लिए वन सुरक्षा समितियों की ओर से विशेष कार्य किए जाएंगे ताकि पैथर को प्यास बुझाने के लिए आबादी क्षेत्र में नहीं आना पड़े.

पैंथर की मौजूदगी वाले क्षेत्रों में लोगों को सतर्कता और सुरक्षित करने के प्रयास होंगे. साथ ही वन क्षेत्र में जल स्रोत ठीक करने और टांके मे पानी से लबालब रखने, टांके पर सुरक्षा दीवार बनाने के कार्य विभागीय बजट के साथ ही वन सुरक्षा समिति के सहयोग से किया जाएगा.

जिले में इस बार वन्यजीव गणना में गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष कुछ वन्यजीवों में बढ़ोतरी हुई है तो वहीं कुछ मे कमी हुई है. पैथर पिछले वर्ष बिल्कुल नहीं दिखाई दिया इस बार दिखा. जरख पिछले वर्ष 15 दिखे जबकि इस बार 28 दिखे. जंगली बिल्ली पिछले वर्ष 16 थी इस वर्ष 47 दिखाई दी. नीलगाय इस बार नहीं दिखी.

भीलवाड़ा में वन्य जीवों की संख्या में हुई बढ़ोतरी

वन्य जीवों की तुलना

  • पैंथर की संख्या 2018 में एक भी नहीं, इस बार 10
  • जरख की संख्या 2018 में 15, इस बार 28
  • भालू की संख्या 2018 में 2, इस बार 6
  • जंगली बिल्ली की संख्या 2018 में 16, इस बार 47
  • चिंकारा की संख्या 2018 में 263, इस बार 265
  • सियार की संख्या 2018 में 761, इस बार 657
  • बिज्जू की संख्या 2018 में 7, इस बार 36
  • मोर की संख्या 2018 में 824, इस बार 805
  • लोमड़ी की संख्या 2018 में 143, इस बार 46
  • भेडिया की संख्या 2018 में 18, इस बार 13

अब देखना यह होगा कि जिस वन्यजीव की गत वर्ष 2018 की तुलना में कमी हुई है. उसकी बढ़ोतरी के लिए वन विभाग क्या प्रयास करता है.

भीलवाड़ा. वन विभाग की ओर से हाल ही में हुई वन्य जीव की गणना में पिछले वर्ष की तुलना में कहीं वन्यजीवों में बढ़ोतरी हुई तो कई वन्यजीवों में कमी पाई गई. भीलवाड़ा जिले में पिछले वर्ष एक भी पैंथर नहीं दिखाई दिया लेकिन इस बार भीलवाड़ा जिले के आसींद, मांडलगढ़, बिजोलिया, करेड़ा और बदनोर क्षेत्र में सभी जगह मिलाकर कुल 10 पैंथर दिखाई दिए.

वन विभाग के उप वन संरक्षक ज्ञानचंद ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि जिले में पैंथर के संरक्षण के लिए वन सुरक्षा समितियों की ओर से विशेष कार्य किए जाएंगे ताकि पैथर को प्यास बुझाने के लिए आबादी क्षेत्र में नहीं आना पड़े.

पैंथर की मौजूदगी वाले क्षेत्रों में लोगों को सतर्कता और सुरक्षित करने के प्रयास होंगे. साथ ही वन क्षेत्र में जल स्रोत ठीक करने और टांके मे पानी से लबालब रखने, टांके पर सुरक्षा दीवार बनाने के कार्य विभागीय बजट के साथ ही वन सुरक्षा समिति के सहयोग से किया जाएगा.

जिले में इस बार वन्यजीव गणना में गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष कुछ वन्यजीवों में बढ़ोतरी हुई है तो वहीं कुछ मे कमी हुई है. पैथर पिछले वर्ष बिल्कुल नहीं दिखाई दिया इस बार दिखा. जरख पिछले वर्ष 15 दिखे जबकि इस बार 28 दिखे. जंगली बिल्ली पिछले वर्ष 16 थी इस वर्ष 47 दिखाई दी. नीलगाय इस बार नहीं दिखी.

भीलवाड़ा में वन्य जीवों की संख्या में हुई बढ़ोतरी

वन्य जीवों की तुलना

  • पैंथर की संख्या 2018 में एक भी नहीं, इस बार 10
  • जरख की संख्या 2018 में 15, इस बार 28
  • भालू की संख्या 2018 में 2, इस बार 6
  • जंगली बिल्ली की संख्या 2018 में 16, इस बार 47
  • चिंकारा की संख्या 2018 में 263, इस बार 265
  • सियार की संख्या 2018 में 761, इस बार 657
  • बिज्जू की संख्या 2018 में 7, इस बार 36
  • मोर की संख्या 2018 में 824, इस बार 805
  • लोमड़ी की संख्या 2018 में 143, इस बार 46
  • भेडिया की संख्या 2018 में 18, इस बार 13

अब देखना यह होगा कि जिस वन्यजीव की गत वर्ष 2018 की तुलना में कमी हुई है. उसकी बढ़ोतरी के लिए वन विभाग क्या प्रयास करता है.

Intro:इस बार वन्य जीव की संख्या में हुई बढ़ोतरी

पिछली बार नहीं देखा था एक भी पैंथर इस बार 10 दिखे पैंथर

भीलवाड़ा - वन विभाग की ओर से हाल ही भीलवाड़ा वन क्षेत्र में हुई वन्यजीव गणना के आंकड़े जारी करते हुए स्पष्ट कर दिया कि जिले के वन क्षेत्र में पैंथर की कमी नहीं है । अब तक पैंथर की वन क्षेत्र में मौजूदगी को पहचाना जा चुका है । गत वर्ष भीलवाड़ा जिले में एक भी पैंथर नहीं दिखा था । लेकिन इस बार हाल ही में हुई वन्यजीव गणना में 10 पैंथर दिखे हैं।


Body:भीलवाड़ा वन विभाग की ओर से हाल ही में हुई वन्य जीव की गणना में पिछले वर्ष की तुलना में कहीं वन्यजीवों में बढ़ोतरी हुई तो कहीं वन्यजीवों में कमी पाई गई । भीलवाड़ा जिले में पिछले वर्ष एक भी पैंथर नहीं दिखाई दिया लेकिन इस बार भीलवाड़ा जिले के आसींद, मांडलगढ़, बिजोलिया, करेड़ा और बदनोर क्षेत्र में सभी जगह मिलाकर कुल 10 पैंथर दिखाई दिए।

वन विभाग के उप वन संरक्षक ज्ञानचंद ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि जिले में पैंथर के संरक्षण के लिए वन सुरक्षा समितियों की ओर से विशेष कार्य किए जाएंगे ताकि पैथर को प्यास बुझाने के लिए आबादी क्षेत्र में नहीं आना पड़े । पैंथर की मौजूदगी वाले क्षेत्रों में लोगों को सतर्कता व सुरक्षित करने के प्रयास होंगे । साथ ही वन क्षेत्र में जल स्रोत ठीक करने व टांके मे पानी से लबालब रखने टांके पर सुरक्षा दीवार बनाने के कार्य विभागीय बजट के साथ ही वन सुरक्षा समिति व सहयोग से किया जाएगा। जिले में इस बार वन्यजीव गणना में गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष कुछ वन्यजीवों में बढ़ोतरी हुई है कुछ मे कमी हुई है। पैथर पिछले वर्ष बिल्कुल नहीं दिखाई दिया इस बार दिखा । जरख पिछले वर्ष 15 दिखे जबकि इस बार 28 दिखे । जंगली बिल्ली पिछले वर्ष 16 थी इस वर्ष 47 दिखाई दी ।नीलगाय इस बार नहीं दिखी ।

वन्य जीवो की तुलना -

वन्य जीव का नाम। वर्ष 2018 वर्ष 2019

पैथर। . नही। 10

जरख। 15 28

भालू। 2 6

जंगली बिली। 16 47

चिंकारा। 263 265

सियार। 761 657

लोमडी। 143 46

भेडिया। 18 13

बिज्जू। 7 36

मोर। 824 805

अब देखना यह होगा कि जिस वन्यजीव की कमी गत वर्ष 2018 की तुलना में कमी हुई है उसकी बढ़ोतरी के लिए वन विभाग क्या प्रयास करता है या नहीं ।

सोमदत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत भीलवाड़ा


बाईट- ज्ञानचन्द
उपवन संरक्षक, भीलवाड़ा

पीटीसी- सोमदत त्रिपाठी


Conclusion:
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