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एसएमएस स्टेडियम में पहली बार राज्य स्तरीय दृष्टिबाधित क्रिकेट प्रतियोगिता की हुई शुरुआत

राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में अनोखी क्रिकेट प्रतियोगिता की शुरुआत हुई है. जिस के नियम और कायदे सामान्य क्रिकेट से अलग हैं. यह क्रिकेट दृष्टिबाधित खिलाड़ीयों द्वारा खेला जाएगा. प्रतियोगिता में 6 टीमों के 96 खिलाड़ी भाग ले रहे है.

राजधानी में पहली बार राज्य स्तरीय दृष्टिबाधित क्रिकेट प्रतियोगिता की हुई शुरुआत
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Published : May 18, 2019, 9:46 PM IST

जयपुर. राजधानी में पहली बार राज्य स्तरीय दृष्टिबाधित क्रिकेट प्रतियोगिता की शुरुआत हुई. लुई ब्रेल दृष्टिहीन विकास संस्थान की ओर से आयोजित हो रहे इस क्रिकेट प्रतियोगिता में 6 टीमों के 96 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं. जिसमें जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, बीकानेर और अजमेर की टीमें शामिल है.

राजधानी में पहली बार राज्य स्तरीय दृष्टिबाधित क्रिकेट प्रतियोगिता की हुई शुरुआत

दृष्टिबाधितों द्वारा खेले जाने वाला क्रिकेट सामान्य क्रिकेट से अलग होता है. इसमें दृष्टिबाधित के लिए एक विशेष प्रकार की गेंद काम में ली जाती है. जो आवाज करती है. गेंदबाजी अंडर आर्म की जाती है. तो वहीं मैच खेले जाने वाली पिच पर एक मार्क किया होता है. जिससे आगे अगर गेंदबाज गेंद फेंक देता है तो उसे नो बॉल करार दिया जाता है. वहीं स्टंप पर भी दो रंग होते हैं लाल और हरा. स्टंप के नीचे की तरफ का रंग लाल होता है और ऊपर की तरफ हरा. अगर बॉल हरे रंग पर हिट होती है तो उसे नो बॉल करार दिया जाता है. और लाल रंग पर हिट होने पर खिलाड़ी को बोल्ड करार दिया जाता है.

जयपुर. राजधानी में पहली बार राज्य स्तरीय दृष्टिबाधित क्रिकेट प्रतियोगिता की शुरुआत हुई. लुई ब्रेल दृष्टिहीन विकास संस्थान की ओर से आयोजित हो रहे इस क्रिकेट प्रतियोगिता में 6 टीमों के 96 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं. जिसमें जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, बीकानेर और अजमेर की टीमें शामिल है.

राजधानी में पहली बार राज्य स्तरीय दृष्टिबाधित क्रिकेट प्रतियोगिता की हुई शुरुआत

दृष्टिबाधितों द्वारा खेले जाने वाला क्रिकेट सामान्य क्रिकेट से अलग होता है. इसमें दृष्टिबाधित के लिए एक विशेष प्रकार की गेंद काम में ली जाती है. जो आवाज करती है. गेंदबाजी अंडर आर्म की जाती है. तो वहीं मैच खेले जाने वाली पिच पर एक मार्क किया होता है. जिससे आगे अगर गेंदबाज गेंद फेंक देता है तो उसे नो बॉल करार दिया जाता है. वहीं स्टंप पर भी दो रंग होते हैं लाल और हरा. स्टंप के नीचे की तरफ का रंग लाल होता है और ऊपर की तरफ हरा. अगर बॉल हरे रंग पर हिट होती है तो उसे नो बॉल करार दिया जाता है. और लाल रंग पर हिट होने पर खिलाड़ी को बोल्ड करार दिया जाता है.

Intro:राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में क्रिकेट प्रतियोगिता की शुरुआत हुई है जिस के नियम और कायदे सामान्य क्रिकेट से अलग है


Body:दृष्टिबाधित दिव्यांगजन भी क्रिकेट खेलते हैं और वे इस खेल को अलग तरीके से इंजॉय करते हैं । जयपुर में आज पहली बार राज्य स्तरीय दृष्टिबाधित क्रिकेट प्रतियोगिता की शुरुआत हुई। लुई ब्रेल दृष्टिहीन विकास संस्थान की ओर से आयोजित हो रहे इस क्रिकेट प्रतियोगिता में 6 टीमों के 96 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं जिसमें जयपुर उदयपुर जोधपुर बीकानेर और अजमेर की टीम शामिल है इस तरह का खेले जाने वाला क्रिकेट सामान्य क्रिकेट से अलग होता है इसमें दृष्टिबाधित के लिए एक विशेष प्रकार की गेंद काम में ली जाती है जो आवाज करती है और गेंदबाजी अंडर आर्म की जाती है तो वही मैच खेले जाने पिच पर एक मार्क किया होता है जिससे आगे अगर गेंदबाज गेंद फेंक देता है तो उसे नो बॉल करार दिया जाता है ....वहीं स्टम्स पर भी दो रंग होते हैं लाल और हरा ....स्टम्स के नीचे की तरफ से का रंग लाल होता है और ऊपर की तरफ हरा.... अगर बॉल हरे रंग पर हिट होती है तो भी उसे नो बॉल करार दिया जाता है यानी लाल रंग पर हिट होने पर ही खिलाड़ी को बोल्ड करार दिया जाता है

बाईट-पीसी जैन,आयोजक




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