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बूंदी के मातृ शिशु अस्पताल में प्रसूता के पेट में 7 माह के शिशु की मौत, परिजनों ने किया हंगामा - हंगामा

बूंदी में मातृ शिशु अस्पताल में डॉक्टर की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जानकारी के मुताबिक प्रसूता के में पेट 7 माह के शिशु की मौत हो गई. जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया.

बूंदी में मातृ शिशु अस्पताल में बड़ी लापरवाही
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Published : Jun 22, 2019, 11:01 PM IST

बूंदी. जिले के मातृ एवं शिशु अस्पताल में चिकित्सकों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां 7 माह की गर्भवती महिला के पेट में शिशु की मौत का मामला सामने आया है. अस्पताल में मौत की खबर जैसे परिजनों को लगी तो परिजनों ने वहां पर हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे को देखते हुए मौके पर ड्यूटी चिकित्सक फरार हो गई.

दरअसल, बूंदी की शिव कॉलोनी निवासी मीना कुमावत 7 माह से गर्भवती है. ऐसे में उसका इलाज गायिनी स्पेशलिस्ट डॉक्टर चंदेश मीणा से चल रहा है. यहां शुक्रवार की दोपहर में वह प्रसव पीड़ा होने के चलते मातृ शिशु अस्पताल में भर्ती हुई थी. तभी डॉक्टर मीना को प्रसूता को दिखाया गया. लेकिन डॉक्टर ने सब कुछ नार्मल बताया. ऐसे में अधिक पीड़ा होने पर परिजन फिर से डॉक्टर के पास पहुंचे तो यहां प्रसूता की सोनोग्राफी करवाई गई. जिसमें डॉक्टर द्वारा गर्भ में पल रहे शिशु की मौत की जानकारी दी. ऐसे में परिजन बिफर गए और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया.

बूंदी में मातृ शिशु अस्पताल में बड़ी लापरवाही

सूचना मिलने पर कोतवाली थाना पुलिस का जाप्ता मौके पर पहुंचा और परिजनों को समझाने की कोशिश की. लेकिन, परिजन मृत शिशु का प्रसव करवाने की मांग कर रहे थे. करीब 6 घंटे से अधिक समय तक पीड़िता का प्रसव नहीं करवाया गया. वहीं अतिरिक्त जिला कलेक्टर को भी इस मामले की चिकित्सकों की लापरवाही की जानकारी दी है. जहां पर जिला प्रशासन द्वारा मामले की जांच करवाकर कार्रवाई के आश्वासन परिजनों को दिया गया है.

बूंदी. जिले के मातृ एवं शिशु अस्पताल में चिकित्सकों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां 7 माह की गर्भवती महिला के पेट में शिशु की मौत का मामला सामने आया है. अस्पताल में मौत की खबर जैसे परिजनों को लगी तो परिजनों ने वहां पर हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे को देखते हुए मौके पर ड्यूटी चिकित्सक फरार हो गई.

दरअसल, बूंदी की शिव कॉलोनी निवासी मीना कुमावत 7 माह से गर्भवती है. ऐसे में उसका इलाज गायिनी स्पेशलिस्ट डॉक्टर चंदेश मीणा से चल रहा है. यहां शुक्रवार की दोपहर में वह प्रसव पीड़ा होने के चलते मातृ शिशु अस्पताल में भर्ती हुई थी. तभी डॉक्टर मीना को प्रसूता को दिखाया गया. लेकिन डॉक्टर ने सब कुछ नार्मल बताया. ऐसे में अधिक पीड़ा होने पर परिजन फिर से डॉक्टर के पास पहुंचे तो यहां प्रसूता की सोनोग्राफी करवाई गई. जिसमें डॉक्टर द्वारा गर्भ में पल रहे शिशु की मौत की जानकारी दी. ऐसे में परिजन बिफर गए और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया.

बूंदी में मातृ शिशु अस्पताल में बड़ी लापरवाही

सूचना मिलने पर कोतवाली थाना पुलिस का जाप्ता मौके पर पहुंचा और परिजनों को समझाने की कोशिश की. लेकिन, परिजन मृत शिशु का प्रसव करवाने की मांग कर रहे थे. करीब 6 घंटे से अधिक समय तक पीड़िता का प्रसव नहीं करवाया गया. वहीं अतिरिक्त जिला कलेक्टर को भी इस मामले की चिकित्सकों की लापरवाही की जानकारी दी है. जहां पर जिला प्रशासन द्वारा मामले की जांच करवाकर कार्रवाई के आश्वासन परिजनों को दिया गया है.

Intro:बूंदी में मातृ शिशु चिकित्सालय में चिकित्सकों की बड़ी लापरवाही सामने आई है यहां 7 माह से गर्भवती महिला के पेट में शिशु की मौत का मामला सामने आया है। अस्पताल में मौत की खबर जैसे परिजनों को लगी तो परिजनों ने वहां पर हंगामा शुरू कर दिया हंगामे को देखते हुए मौके पर ड्यूटी चिकित्सक फरार हो गई । यहां परिजन अस्पताल में हंगामा करते रहे । उनका कहना है कि पहले तो लापरवाही के चलते नवजात की पेट में मौत हुई उसके बाद मृत शिशु का प्रसव भी नहीं करवाया ऐसे में पीड़िता के शरीर में जहर फैलने का खतरा मंडरा रहा है । ऐसे में डिस्चार्ज नहीं होगा या कोई ट्रीटमेंट नहीं होगा तो कैसे इलाज होगा । इसको लेकर हम ने हंगामा किया है वहीं करीब 6 घंटे से अधिक समय तक पीड़िता का प्रसव नहीं करवाया गया ।


Body:बूंदी की शिव कॉलोनी निवासी मीना कुमावत 7 माह से गर्भवती है ऐसे में उसका इलाज गायिनी स्पेशलिस्ट डॉक्टर चंदेश मीणा से चल रहा है यहां दोपहर में वह प्रसव पीड़ा होने के चलते मातृ शिशु अस्पताल में भर्ती हुई थी तभी उक्त डॉक्टर को प्रसूता को दिखाया गया लेकिन मामला नॉर्मल बताते हुए डॉक्टर द्वारा बताया गया । ऐसे में अधिक पीड़ा होने पर परिजन फिर से डॉक्टर के पास पूहुँचे तो यहां सोनोग्राफी प्रसूता की करवाई गई जिसमें डॉक्टर द्वारा गर्भ में पल रहे शिशु की मौत की जानकारी दी । ऐसे में परिजन बिफर गए और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया । परिजनों का हंगामा जारी रहा । इस दौरान हंगामा बड़ा तो पीड़ित पक्ष का आरोप है कि डॉक्टर दंपति ने उनके साथ बदसलूकी भी की परिजनों ने शिशु की मौत होने के बाद उसके प्रसव की बात कही तो चिकित्सक द्वारा संतोषपुर जवाब नहीं दिया गया और कहा कि जल्द प्रसव करवा दिया जाएगा लेकिन प्रसव नहीं हुआ और परिजनों ने हंगामा जारी रखा । ऐसे में डॉक्टर चंद्र मीणा की ड्यूटी छोड़कर सरकारी आवास में चली गई यहां पर भी परिजनों से घर पर पहुंच गए जहां पर परिजन व चिकित्सक के बीच में जमकर कहासुनी हुई। सूचना मिलने पर कोतवाली थाना पुलिस का जाप्ता मौके पर पहुंचा और परिजनों को समझाने की कोशिश की लेकिन परिजन मृत शिशु का प्रसव करवाने की मांग कर रहे थे । उनका कहना था कि जब गर्भ में शिशु की मौत हो चुकी है तो ऐसे में गर्भ में शिशु रहेगा तो प्रसूता के शरीर में जहर फैलने का खतरा बढ़ जाएगा और उसकी भी जान भी जा सकती है । ऐसे में ड्यूटी चिकित्सक छोड़कर अपने सरकारी आवास पर चली गई है तो ऐसा में तो कौन इलाज करवाएगा । इस पर उच्च अधिकारी से बात की गई और अधिकारियों ने आश्वासन के बाद विवाद शांत हुआ ।


Conclusion:परिजनों का आरोप है कि प्रसूता की सास और परिजन सोनोग्राफी चेक कराने की लिए उनके आवास पर गई थी यहां डॉक्टर द्वारा चेक करने के ₹500 मांगे गए इस पर परिजनों ने ₹500 डॉक्टर चंद्रेश मीणा को दे दिए । लेकिन डॉक्टर चंद्रेश मीणा इस नाजुक केस के प्रति गंभीर नहीं दिखी और उन्होंने फोन पर ही अस्पताल में कर्मचारियों को दिशा निर्देश दिए । इस बीच परिजनों के दबाव देने पर चिकित्सक के पति ने भी उनके साथ बदतमीजी की और उलझ गए आरोप है ।

विवाह शांत हुआ तो परिजनों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी व अधिकारी को दी जहां पर परिजनों द्वारा प्राथमिकी कोतवाली थाना पुलिस में दी गई है वहीं अतिरिक्त जिला कलेक्टर को भी इस मामले की चिकित्सकों की लापरवाही की जानकारी दी है । जहां पर जिला प्रशासन द्वारा मामले की जांच करवा कर कार्यवाही के आश्वासन परिजनों को दिया गया है ।

लेकिन सवाल है कि 6 घंटे से अधिक समय में तक भी प्रसूता के मृत शिशु का प्रसव नहीं करवाया गया और प्रसूता इतने घंटे तक तड़पती रही ऐसे में क्या आरोपी चिकित्सक के खिलाफ कार्यवाही नहीं होना चाहिए यही सवाल परिजन जिला प्रधासन से कर रहे हैं ।

बाईट - कृष्ण कुमार , पीड़ित
बाईट - टीना कुमावत , पीड़ित
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