बूंदी. ब्राह्मण समाज से जुड़े लोगों ने करौली के पुजारी हत्याकांड को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया है. ब्राह्मण कल्याण परिषद से जुड़े लोग जुलूस के रूप में जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां उन्होंने इस घटना की निंदा करते हुए जमकर नारेबाजी की. इस दौरान बूंदी पुलिस ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया. पुलिस ने केवल प्रतिनिधिमंडल को मिलने के लिए कहा, लेकिन कार्यकर्ता अंदर जाने पर अड़े रहे. 30 मिनट प्रदर्शन के बाद प्रशासन की हुई वार्ता हुई और प्रतिनिधिमंडल ने बूंदी जिला कलेक्टर को अपनी मांगों का पत्र सौंपा है.
जिला अध्यक्ष तुषार पारीक ने बताया कि करौली के बुकना गांव में जिस तरीके से जमीनी विवाद को लेकर आरोपियों ने पुजारी को जिंदा जला दिया. मामले में प्रशासन से लेकर सरकार का कोई नेता मंत्री वहां पर नहीं पहुंचा. पीड़ित परिवार को आरोपी जान से मारने की धमकी मिल रही है. वहीं, सरकार द्वारा जो मुआवजा दिया गया है, वह बहुत कम है.
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साथ ही कहा कि पीड़ित पुजारी का परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा है. ऐसे में सरकार ने जो 10 लाख रुपये दिए हैं. वह बढ़ाकर 50 लाख किए जाएं और मृतक परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाए. उन्होंने कहा कि मामले को सरकार दबाने में लगी हुई है. इसमें निष्पक्ष जांच हो और आरोपियों को फांसी की सजा दी जाए. परिषद ने कहा कि ऐसी घटना ब्राह्मण कल्याण परिषद सहन नहीं करेगा और इस मामले में ढिलाई बरती गई तो उग्र प्रदर्शन किया जाएगा.
बता दें कि करौली में पुजारी की जिंदा जलाकर हत्या के मामले में राजस्थान सरकार द्वारा 10 लाख का मुआवजा दिया गया है और पीड़ित परिवार को सभी सरकारी योजनाओं का लाभ देने की बात कही गई है. इस मामले में सरकार के मंत्री व प्रतिनिधिमंडल सोमवार को पीड़ित परिवार से भी मिल रहा है. हत्या के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है. हालांकि, आज यानी 12 अक्टूबर को गहलोत सरकार के मंत्री पीड़ित परिवार के घर पहुंचे और आर्थिक सहायता के साथ नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र सौंपा गया.