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बूंदी में मेडिकल कॉलेज की जमीन को लेकर सियासी जंग

बूंदी में मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति राज्य सरकार की ओर से मिल गई है. ऐसे में राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को आदेशित किया है कि वह जल्द से जल्द मेडिकल कॉलेज के लिए भूमि देखें. लेकिन इस भूमि को लेकर कांग्रेस खेमे में विवाद हो गया है. यहां पर कांग्रेस के दो दिग्गजों के गुट आमने-सामने हो गए हैं और अपने अपने क्षेत्र में जमीन को आवंटित करने को लेकर सियासी जंग उन्होंने शुरू कर दी है.

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Published : Sep 20, 2019, 6:43 PM IST

bundi news, मेडिकल कॉलेज

बूंदी. जिले में राज्य सरकार की ओर से मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति जारी करने के बाद अब बूंदी में जमीन आवंटन की प्रक्रिया में गति आ गई है. स्वीकृति मिलने के बाद जल्द जिला प्रशासन को राज्य सरकार के समक्ष भूमि आवंटन को लेकर रिपोर्ट भेजनी है. लेकिन आखिरकार बूंदी में कहां मेडिकल कॉलेज बनेगा इसको लेकर प्रशासन ने पत्ते नहीं खोले हैं. लेकिन इसको लेकर जरूर सियासी बवाल होने लगा है. यहां पर बूंदी विधानसभा के सिलोर गांव में मेडिकल कॉलेज खुले इसको लेकर पूर्व मंत्री हरिमोहन शर्मा का पूरा खेमा लगा हुआ है.

मेडिकल कॉलेज की जमीन को लेकर सियासी जंग

उधर खेल मंत्री अशोक चांदना भी अपने विधानसभा क्षेत्र में इस मेडिकल कॉलेज को खोलने के लिए इच्छा जता रहे हैं और तालाब गांव में मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रस्ताव रखा है. लेकिन इस विवाद में मेडिकल कॉलेज की भूमि पड़ती नजर आ रही है. यहां भूमि को लेकर सियासी जंग इस तरह हुई है कि कुछ राजनीतिक लोग सड़कों पर उतर आए हैं और बूंदी में ही मेडिकल कॉलेज खुले ऐसी मांग वह कर रहे हैं.

पढ़ें- सर्जिकल स्ट्राइक पर एक बार फिर थरूर ने खड़े किए सवाल, कहा- सबूत ना हमारे पास है और ना ही सरकार के पास

उनका कहना है कि बूंदी जिला मुख्यालय पर ही मेडिकल कॉलेज खुलना चाहिए अन्य स्थान पर हम जाने का विरोध कर रहे हैं उनका कहना है कि ना हिंडोली में खुले ना नैनवा, केशोरायपाटन ना लाखेरी में मेडिकल कॉलेज जिला मुख्यालय पर ही खुलना चाहिए.

इस दौरान ज्ञापन में बताया कि बूंदी में कहां-कहां सरकारी भूमि है वहां वहां के प्रस्ताव लिए जाए फिर आवंटित कर सकते हैं. उन्होंने कहा है कि अगर मेडिकल कॉलेज हिंडोली विधानसभा में गया तो हम मेडिकल कॉलेज बूंदी में खोलने नहीं देंगे. इस पर प्रदर्शन कर रहे प्रतिनिधिमंडल ने हटीपुरा तथा रामगंज बालाजी और गांव में मेडिकल कॉलेज की भूमि देखने को लेकर जिला कलेक्टर से गुहार लगाई है.

पढ़ें- अलवर में थाने की दीवार कूदकर भागा आरोपी

उधर जिला प्रशासन ने हिंडोली विधानसभा के तलाव गांव में मेडिकल कॉलेज को लेकर भूमि भी देखी है और कायास से लगाए जा रहे हैं कि लगभग लगभग हिंडोली विधानसभा में ही मेडिकल कॉलेज खुलेगा. लेकिन बूंदी में इस भूमि को लेकर दो दिग्गज राजनेताओं में जंग छिड़ी हुई है अब देखना यह होगा कि खेल किसके पाले में जाता है.

बता दें कि पूर्व की गहलोत सरकार ने बजट घोषणा में बूंदी में मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति दी थी ऐसे में वसुंधरा सरकार ने इस मेडिकल कॉलेज को ठंडे पानी में डाल दिया था. लेकिन फिर से वापस गहलोत सरकार आने पर पूर्व मंत्री हरिमोहन शर्मा ने जिला मैं मेडिकल कॉलेज कॉलेज को लेकर राज्य सरकार से वार्ता की और हाल ही में बजट में जहां-जहां मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए कर मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी उस लिस्ट में बूंदी को वापस जुड़वाया.

ऐसे में कल देर रात राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेज की लिस्ट में बूंदी को शामिल करते हुए लिखित रूप में मेडिकल कॉलेज खोलने की स्वीकृति जारी कर दी गई जिसके बाद से भूमि को लेकर विवाद सामने आ रहा है .

बूंदी. जिले में राज्य सरकार की ओर से मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति जारी करने के बाद अब बूंदी में जमीन आवंटन की प्रक्रिया में गति आ गई है. स्वीकृति मिलने के बाद जल्द जिला प्रशासन को राज्य सरकार के समक्ष भूमि आवंटन को लेकर रिपोर्ट भेजनी है. लेकिन आखिरकार बूंदी में कहां मेडिकल कॉलेज बनेगा इसको लेकर प्रशासन ने पत्ते नहीं खोले हैं. लेकिन इसको लेकर जरूर सियासी बवाल होने लगा है. यहां पर बूंदी विधानसभा के सिलोर गांव में मेडिकल कॉलेज खुले इसको लेकर पूर्व मंत्री हरिमोहन शर्मा का पूरा खेमा लगा हुआ है.

मेडिकल कॉलेज की जमीन को लेकर सियासी जंग

उधर खेल मंत्री अशोक चांदना भी अपने विधानसभा क्षेत्र में इस मेडिकल कॉलेज को खोलने के लिए इच्छा जता रहे हैं और तालाब गांव में मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रस्ताव रखा है. लेकिन इस विवाद में मेडिकल कॉलेज की भूमि पड़ती नजर आ रही है. यहां भूमि को लेकर सियासी जंग इस तरह हुई है कि कुछ राजनीतिक लोग सड़कों पर उतर आए हैं और बूंदी में ही मेडिकल कॉलेज खुले ऐसी मांग वह कर रहे हैं.

पढ़ें- सर्जिकल स्ट्राइक पर एक बार फिर थरूर ने खड़े किए सवाल, कहा- सबूत ना हमारे पास है और ना ही सरकार के पास

उनका कहना है कि बूंदी जिला मुख्यालय पर ही मेडिकल कॉलेज खुलना चाहिए अन्य स्थान पर हम जाने का विरोध कर रहे हैं उनका कहना है कि ना हिंडोली में खुले ना नैनवा, केशोरायपाटन ना लाखेरी में मेडिकल कॉलेज जिला मुख्यालय पर ही खुलना चाहिए.

इस दौरान ज्ञापन में बताया कि बूंदी में कहां-कहां सरकारी भूमि है वहां वहां के प्रस्ताव लिए जाए फिर आवंटित कर सकते हैं. उन्होंने कहा है कि अगर मेडिकल कॉलेज हिंडोली विधानसभा में गया तो हम मेडिकल कॉलेज बूंदी में खोलने नहीं देंगे. इस पर प्रदर्शन कर रहे प्रतिनिधिमंडल ने हटीपुरा तथा रामगंज बालाजी और गांव में मेडिकल कॉलेज की भूमि देखने को लेकर जिला कलेक्टर से गुहार लगाई है.

पढ़ें- अलवर में थाने की दीवार कूदकर भागा आरोपी

उधर जिला प्रशासन ने हिंडोली विधानसभा के तलाव गांव में मेडिकल कॉलेज को लेकर भूमि भी देखी है और कायास से लगाए जा रहे हैं कि लगभग लगभग हिंडोली विधानसभा में ही मेडिकल कॉलेज खुलेगा. लेकिन बूंदी में इस भूमि को लेकर दो दिग्गज राजनेताओं में जंग छिड़ी हुई है अब देखना यह होगा कि खेल किसके पाले में जाता है.

बता दें कि पूर्व की गहलोत सरकार ने बजट घोषणा में बूंदी में मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति दी थी ऐसे में वसुंधरा सरकार ने इस मेडिकल कॉलेज को ठंडे पानी में डाल दिया था. लेकिन फिर से वापस गहलोत सरकार आने पर पूर्व मंत्री हरिमोहन शर्मा ने जिला मैं मेडिकल कॉलेज कॉलेज को लेकर राज्य सरकार से वार्ता की और हाल ही में बजट में जहां-जहां मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए कर मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी उस लिस्ट में बूंदी को वापस जुड़वाया.

ऐसे में कल देर रात राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेज की लिस्ट में बूंदी को शामिल करते हुए लिखित रूप में मेडिकल कॉलेज खोलने की स्वीकृति जारी कर दी गई जिसके बाद से भूमि को लेकर विवाद सामने आ रहा है .

Intro:बूंदी में मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति राज्य सरकार द्वारा मिल गई है ऐसे में राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को आदेशित किया है कि वह जल्द से जल्द मेडिकल कॉलेज के लिए भूमि देखें। लेकिन इस भूमि को लेकर कांग्रेस खेमे में विवाद हो गया है यहां पर कांग्रेस के दो दिग्गजों के गुट आमने-सामने हो गए हैं और अपने अपने क्षेत्र में जमीन को आवंटित करने को लेकर सियासी जंग उन्होंने शुरू कर दी है ।


Body:बूंदी में राज्य सरकार द्वारा मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति जारी करने के बाद अब बूंदी में जमीन आवंटन की प्रक्रिया में गति आ गई है। स्वीकृति मिलने के बाद जल्द जिला प्रशासन को राज्य सरकार के समक्ष भूमि आवंटन को लेकर रिपोर्ट भेजनी है लेकिन आखिरकार बूंदी में कहां मेडिकल कॉलेज बनेगा इसको लेकर प्रशासन ने पत्ते नहीं खोले हैं । लेकिन इसको लेकर जरूर सियासी बवाल होने लगा है। यहां पर बूंदी विधानसभा के सिलोर गांव में मेडिकल कॉलेज खुले इसको लेकर पूर्व मंत्री हरिमोहन शर्मा का पूरा खेमा लगा हुआ है तो उधर खेल मंत्री अशोक चांदना भी अपने विधानसभा क्षेत्र में इस मेडिकल कॉलेज को खोलने के लिए इच्छा जता रहे हैं और तालाब गांव में मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रस्ताव रखा है लेकिन इस विवाद में मेडिकल कॉलेज की भूमि पड़ती नजर आ रही है । यहां भूमि को लेकर सियासी जंग इस तरह हुई है कि कुछ राजनीतिक लोग सड़कों पर उतर आए हैं और बूंदी में ही मेडिकल कॉलेज खुले ऐसी मांग वह कर रहे हैं ।

उनका कहना है कि बूंदी जिला मुख्यालय पर ही मेडिकल कॉलेज खुलना चाहिए अन्य स्थान पर हम जाने का विरोध कर रहे हैं उनका कहना है कि ना हिंडोली में खुले ना नैनवा, केशोरायपाटन ना लाखेरी में मेडिकल कॉलेज जिला मुख्यालय पर ही खुलना चाहिए । उन्होंने कहा है कि अगर मेडिकल कॉलेज हिंडोली विधानसभा में गया तो हम मेडिकल कॉलेज बूंदी में खोलने नहीं देंगे । आज बड़ी संख्या में बूंदी विधानसभा से जुड़े कांग्रेस नेताओं ने जिला कलेक्ट्रेट पर मेडिकल कॉलेज बूंदी जिला मुख्यालय में खोलने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान ज्ञापन में बताया कि बूंदी में कहां-कहां सरकारी भूमि है वहां वहां के प्रस्ताव लिए जाए फिर आवंटित कर सकते हैं । इस पर प्रदर्शन कर रहे प्रतिनिधिमंडल ने हटीपुरा तथा रामगंज बालाजी और गांव में मेडिकल कॉलेज की भूमि देखने को लेकर जिला कलेक्टर से गुहार लगाई है ।


Conclusion:उधर जिला प्रशासन ने हिंडोली विधानसभा के तलाव गांव में मेडिकल कॉलेज को लेकर भूमि भी देखी है और कायास से लगाए जा रहे हैं कि लगभग लगभग हिंडोली विधानसभा में ही मेडिकल कॉलेज खुलेगा । लेकिन बूंदी में इस भूमि को लेकर दो दिग्गज राजनेताओं में जंग छिड़ी हुई है अब देखना यह होगा कि खेल किसके पाले में जाता है । आपको बता दें कि पूर्व की गहलोत सरकार ने बजट घोषणा में बूंदी में मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति दी थी ऐसे में वसुंधरा सरकार ने इस मेडिकल कॉलेज को ठंडे पानी में डाल दिया था । लेकिन फिर से वापस गहलोत सरकार आने पर पूर्व मंत्री हरिमोहन शर्मा ने जिला मैं मेडिकल कॉलेज कॉलेज को लेकर राज्य सरकार से वार्ता की और हाल ही में बजट में जहां-जहां मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए कर मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी उस लिस्ट में बूंदी को वापस जुड़ वाया। ऐसे में कल देर रात्रि राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेज की लिस्ट में बूंदी को शामिल करते हुए लिखित रूप में मेडिकल कॉलेज खोलने की स्वीकृति जारी कर दी गई जिसके बाद से भूमि को लेकर विवाद सामने आ रहा है ।

बाईट - सतेंद्र मीणा , उप जिला प्रमुख ,बूंदी
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