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बूंदी में आखातीज पर होने वाली करीब 600 शादियां रद्द, व्यापारियों को 50 करोड़ का नुकसान

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Published : Apr 26, 2020, 6:23 PM IST

कोरोना वायरस के चलते बूंदी में आखातीज के अवसर पर होने वाली करीब 600 शादियां रद्द हो गई. जिस वजह से शादी के सीजन में व्यापार करने वाले व्यापारियों को 50 करोड़ का नुकसान हुआ है.

बूंदी में 600 शादियां कैंसिल, 600 weddings cancell in Bundi
आखातीज पर होने वाली करीब 600 शादियां रद्द

बूंदी. देश में कोरोना वायरस को लेकर लगाए गए लॉकडाउन का पार्ट 2 जारी है. इस लॉकडाउन की वजह से जहां गरीबों को काफी नुकसान हो रहा हैं वहीं इनके अलावा कई और वर्ग है जिन्हें भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. लॉकडाउन की वजह से जहां सब कुछ लॉक हो गया है वहीं बूंदी जिले में होने वाली शादियां भी रद्द हो गई. बता दें की बूंदी में 600 से अधिक सावे यानी शादियां रद्द हो गई है.

आखातीज पर होने वाली करीब 600 शादियां रद्द

अप्रैल-मई में होती हैं कई शादियां

सबसे बड़ी बात यह है कि अप्रैल और मई में होने वाली 90 फीसदी शादियां कैंसिल हो चुकीं हैं. वहीं1 जुलाई को देवशायनी के बाद 5 महीने तक कोई मुहूर्त भी नहीं है. आखातीज पर होने वाले 600 से अधिक शादियां पूरी तरह से रद्द हो चुकी हैं और 3 लाख से अधिक लोगों का रोजगार चला गया है. करीब 3 लाख से अधिक लोगों का रोजगार चला गया. अकेले बूंदी जिले में 50 करोड़ रुपए का नुकसान लोगों को उठाना पड़ा हैं. शादी से जुड़े व्यापारों पर भी बड़ा असर देखने को मिला हैं.

सरकारी नियम वाली शादी से लोगों का मोहभंग

लोगों का कहना है कि ऐसी शादी क्या फायदा जहां 5 से ज्यादा लोग हीं नहीं आ सके. ना बारात ना बैंड बाजा ना रिसेप्शन कर सकते हैं. लोगों ने कहा कि जब लॉकडाउन खत्म होगा तब शादी करेंगे. ऐसे में ज्यादातर लोगों ने बुकिंग कैंसिल करवा दी है. शादियों के लिए अक्षय तृतीया, पीपल पूर्णिमा, बसंत पंचमी और देवउठनी एकादशी प्रमुख दिन हैं. पंडितों का कहना है कि इस साल 1 जुलाई के बाद 5 महीने तक कोई शुभ मुहूर्त नहीं हैं. बता दें की तीन लाख से ज्यादा लोग शादी के कारोबार से जुड़े हैं. उनकी पूरे साल भर की रोजी रोटी शादियों के कारोबार से ही चलती है.

इन धंधों पर प्रभाव पड़ा ज्यादा

इस लॉकडाउन में कई प्रकार के धंधों पर असर देखने को मिला है. लॉक डाउन के चलते अप्रैल और मई में होने वाली 90 फीसदी से अधिक शादियां कैंसिल हो चुकीं हैं. वहीं शादियों के सीजन में होने वाले कारोबार से जुड़े कई लोगों को भी काफी नुकसान हुआ है. जैसे पंडित, डोली-घोड़ी, बैंड बाजा वाले, लाइट, डेकोरेशन, टेंट,ब्यूटी पार्लर, कैटरिंग, हलवाई, मैरिज गार्डन सहित छोटे-मोटे धंधे वाले लोगों का रोजगार मंदा हो गया.

इन से जुड़े सभी लोगों को काफी नुकसान यहां उठाना पड़ा है. पंडित आशुतोष शर्मा का कहना है कि जिले भर में करीब 2000 पंडित फेरे कराने का काम करते हैं. ज्यादातर पंडितों के पास बुकिंग नहीं बची हैं. बूंदी जिले में 400 से 500 टेंट हाउस हैं. 40 से अधिक मैरिज गार्डन हैं. शहर के 35 टेंट हाउस के पास अप्रैल की 150 बुकिंग थी. सभी होटल में शादियों की 14 अप्रैल से 26 अप्रैल की अच्छी-खासी बुकिंग थी जो भी कैंसिल हो गई. हलवाई बताते हैं कि 7 मई तक के आर्डर कैंसिल हो चुके हैं. मई की बुकिंग नहीं आ रहीं हैं. जहां शादियों के सीजन में होने वाले इन कारोबार को काफी फायदा होता था, वहीं अब इन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

बूंदी. देश में कोरोना वायरस को लेकर लगाए गए लॉकडाउन का पार्ट 2 जारी है. इस लॉकडाउन की वजह से जहां गरीबों को काफी नुकसान हो रहा हैं वहीं इनके अलावा कई और वर्ग है जिन्हें भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. लॉकडाउन की वजह से जहां सब कुछ लॉक हो गया है वहीं बूंदी जिले में होने वाली शादियां भी रद्द हो गई. बता दें की बूंदी में 600 से अधिक सावे यानी शादियां रद्द हो गई है.

आखातीज पर होने वाली करीब 600 शादियां रद्द

अप्रैल-मई में होती हैं कई शादियां

सबसे बड़ी बात यह है कि अप्रैल और मई में होने वाली 90 फीसदी शादियां कैंसिल हो चुकीं हैं. वहीं1 जुलाई को देवशायनी के बाद 5 महीने तक कोई मुहूर्त भी नहीं है. आखातीज पर होने वाले 600 से अधिक शादियां पूरी तरह से रद्द हो चुकी हैं और 3 लाख से अधिक लोगों का रोजगार चला गया है. करीब 3 लाख से अधिक लोगों का रोजगार चला गया. अकेले बूंदी जिले में 50 करोड़ रुपए का नुकसान लोगों को उठाना पड़ा हैं. शादी से जुड़े व्यापारों पर भी बड़ा असर देखने को मिला हैं.

सरकारी नियम वाली शादी से लोगों का मोहभंग

लोगों का कहना है कि ऐसी शादी क्या फायदा जहां 5 से ज्यादा लोग हीं नहीं आ सके. ना बारात ना बैंड बाजा ना रिसेप्शन कर सकते हैं. लोगों ने कहा कि जब लॉकडाउन खत्म होगा तब शादी करेंगे. ऐसे में ज्यादातर लोगों ने बुकिंग कैंसिल करवा दी है. शादियों के लिए अक्षय तृतीया, पीपल पूर्णिमा, बसंत पंचमी और देवउठनी एकादशी प्रमुख दिन हैं. पंडितों का कहना है कि इस साल 1 जुलाई के बाद 5 महीने तक कोई शुभ मुहूर्त नहीं हैं. बता दें की तीन लाख से ज्यादा लोग शादी के कारोबार से जुड़े हैं. उनकी पूरे साल भर की रोजी रोटी शादियों के कारोबार से ही चलती है.

इन धंधों पर प्रभाव पड़ा ज्यादा

इस लॉकडाउन में कई प्रकार के धंधों पर असर देखने को मिला है. लॉक डाउन के चलते अप्रैल और मई में होने वाली 90 फीसदी से अधिक शादियां कैंसिल हो चुकीं हैं. वहीं शादियों के सीजन में होने वाले कारोबार से जुड़े कई लोगों को भी काफी नुकसान हुआ है. जैसे पंडित, डोली-घोड़ी, बैंड बाजा वाले, लाइट, डेकोरेशन, टेंट,ब्यूटी पार्लर, कैटरिंग, हलवाई, मैरिज गार्डन सहित छोटे-मोटे धंधे वाले लोगों का रोजगार मंदा हो गया.

इन से जुड़े सभी लोगों को काफी नुकसान यहां उठाना पड़ा है. पंडित आशुतोष शर्मा का कहना है कि जिले भर में करीब 2000 पंडित फेरे कराने का काम करते हैं. ज्यादातर पंडितों के पास बुकिंग नहीं बची हैं. बूंदी जिले में 400 से 500 टेंट हाउस हैं. 40 से अधिक मैरिज गार्डन हैं. शहर के 35 टेंट हाउस के पास अप्रैल की 150 बुकिंग थी. सभी होटल में शादियों की 14 अप्रैल से 26 अप्रैल की अच्छी-खासी बुकिंग थी जो भी कैंसिल हो गई. हलवाई बताते हैं कि 7 मई तक के आर्डर कैंसिल हो चुके हैं. मई की बुकिंग नहीं आ रहीं हैं. जहां शादियों के सीजन में होने वाले इन कारोबार को काफी फायदा होता था, वहीं अब इन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

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