जयपुर. पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाली कई स्वयंसेवी संस्थाएं सदियों से देसी तकनीकों का उपयोग कर पर्यावरण के बचाव में जुटी हैं. शुक्रवार को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर बूंदी जिले में हिंडौली रेंज के क्षेत्रीय वन अधिकारी विष्णु गुप्ता ने देसी तकनीक के इस्तेमाल को सर्वव्यापी करने वाली समाज सेवी संस्था 'मैं भारत' के माध्यम से नर्सरी के छायादार वृक्षों के बीच 'मैं भारत ईको टेबल' का निर्माण करवाया है.
देसी परम्पराओं, प्राकृतिक हवा, जमीन ढाल, हरित स्थान, सूरज की दिशा के अनुरूप और सदियों में अर्जित मिट्टी, गारे, गोबर और तूस के साथ अन्य प्राकृतिक संसाधनों के इस्तेमाल से बनाए जाने वाला ये अनूठा देसी स्ट्रक्चर किसी भी सरकारी कार्यालय में बनाया जाने वाला पहला प्रयोग है. जिसका इस्तेमाल विभिन्न मीटिंग्स के अलावा बहार से आने वाले लोगों से मिलने के लिए किया जाएगा.
पढ़ें: विश्व पर्यावरण दिवस पर AAP ने शुरू किया 'सेल्फी विद आपका परिंडा' अभियान
पूरी तरह से प्राकृतिक और वेस्ट मटेरियल के इस्तेमाल से बनाई गई इस 'ईको टेबल'’ का जमीन पर 8 इंच ऊंचा निर्माण किया गया है. इसके चारों ओर 10 व्यक्तियों के बैठने के लिए जमीन पर ही गड्ढा खोदकर कुर्सियों बनाई गई हैं. वर्तमान में कोरोना से सुरक्षा के लिए बैठने वाले प्रत्येक व्यक्ति के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए एक मीटर से अधिक दूरी रखी गई है.
साथ ही ध्यान रखा गया है कि टेबल पर आमने-सामने बैठने वाले व्यक्तियों के बीच किसी भी तरह से हवा की रुकावट ना हो. टेबल पर प्राकृतिक सैनिटाइजर माने जाने वाले गोबर से लेप कर पिली और सफेद मिट्टी की परत चढ़ाई गई हैं. उसके बाद राजस्थान की लोककला चित्रण के साथ ही वन्यजीव रक्षा स्लोगन और कोरोना से बचाव के तरीके भी लिखे गए हैं.
हिंडौली रेंज के रेंजर विष्णु गुप्ता ने बताया कि उन्होंने मैं भारत फाउंडेशन के 7 दिवसीय कैंप के दौरान इस ईको टेबल का निर्माण किया है. साधारण, लेकिन सटीक तकनीक से निर्मित टेबल प्रकृति के बिल्कुल करीब है. इसलिए विश्व पर्यावरण दिवस पर 'मैं भारत ईको टेबल' को जनता को समर्पित किया गया है.
वहीं, डीएफओ सुरेश मिश्रा ने विश्व पर्यावरण दिवस पर बधाई देते हुए कहा कि पर्यावरण के संरक्षण के लिए सभी को अग्रसर होकर काम करना चाहिए. फाउंडेशन के वालंटियर्स के साथ फारेस्ट के कर्मचारियों ने श्रमदान कर इसका निर्माण किया है, जो कि काबिले तारीफ है.
पढ़ें: अलवरः विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर स्काउट गाइड ने जेल परिसर में किया पौधारोपण
वहीं, मैं भारत के संस्थापक अध्यक्ष और वकील रितेश शर्मा ने बताया कि देसी तकनीक और सदियों में संजोए गए प्राकृतिक ज्ञान को भूलकर लोग कंक्रीट, सीमेंट और लकड़ी के इस्तेमाल से निर्माण करने में जुटे हैं, जो ना केवल पर्यावरण के लिए नुकसादायक है, बल्कि मानव स्वस्थ्य के लिए भी हानिकारक है.
आवश्यकता अनुसार टेबल के चारों तरफ वेस्ट बॉटल्स में हायड्रोफोनिक्स तकनीक का इस्तेमाल कर ग्रीन वाल बनाई जा सकती हैं. इन्ही बॉटल्स के इस्तेमाल से बिना बिजली के गरम हवा को ठंडा करने का काम किया जा सकता है और वाटर हार्वेस्टिंग द्वारा जल संरक्षण किया जाएगा. साथ ही रात में लाइट के लिए सोलर लाइट का इस्तेमाल भी किया जा सकता है.
आमेर की मावठा झील में किया गया पौधारोपण
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर राजधानी जयपुर में कई जगहों पर पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किए गए. इस दौरान सभी ने पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया. आमेर की मावठा झील में आमेर महल अधीक्षक पंकज नरेंद्र के नेतृत्व में पौधारोपण किया गया. इस मौके पर पौधों की सुरक्षा के लिए ट्री गार्ड भी लगाए गए. आमेर महल अध्यक्ष अधीक्षक पंकज धरेंद्र ने सभी को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता का संदेश दिया और कम से कम एक पौधा लगाने के लिए कहा.
राजधानी जयपुर में काली का खाना, जगन्नाथपुरी और उसके आस-पास के क्षेत्र में पार्षद कुसुम यादव के नेतृत्व में पौधारोपण किया गया. विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पौधे लगाकर सभी ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया. इस दौरान पार्षद कुसुम यादव ने कहा कि वृक्ष लगाना हम सभी का नैतिक दायित्व है. सृष्टि की रक्षा करना और इसे सुंदर बनाए रखना भी हमारा कर्तव्य है. सभी पर्यावरण संरक्षण में अपनी भागीदारी निभाएं और ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाएं.
वहीं, जयपुर के जयसिंह पुरा खोर इलाके में तेजाजी पार्क में पार्षद विक्रम सिंह तंवर के नेतृत्व में पौधारोपण किया गया. सभी ने पौधारोपण कर उनकी सुरक्षा का संकल्प लिया. इस दौरान पार्षद विक्रम सिंह तंवर ने कहा कि तेजी से पेड़ों की कटाई हो रही है. कारखानों और वाहनों के प्रदूषण से भी पर्यावरण को नुकसान हो रहा है. पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए पौधारोपण बहुत जरूरी है. इसलिए सभी को पौधे जरूर लगाना चाहिए.
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जयपुर के एसओएस बालग्राम आश्रम में नन्हे-मुन्ने बच्चों ने पौधारोपण किया. इस मौके पर बच्चों ने लघु नाटिका का मंचन कर पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक किया.
साथ ही संकल्प लिया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए सदैव तत्पर रहेंगे. बच्चों ने बालग्राम में आम, अमरूद, जामुन और आंवला समेत कई फलदार वृक्ष लगाएं. साथ ही कई औषधीय पौधे भी लगाए गए. पर्यावरण संरक्षण को लेकर बालग्राम के बच्चों में काफी उत्साह देखने को मिला.