बूंदी. नगर परिषद, बूंदी में 11 मई को उपसभापति और आयुक्त के बीच झगड़े का मामला सामने आया था. इस मामले में आयुक्त ने आरोप लगाया था कि उन्हें कमरे में बंधक बना लिया था, जिसपर पुलिस ने कुछ पार्षदों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. वहीं, अब इस मामले में आयुक्त के खिलाफ भी धारा 3 का मुकदमा न्यायालय के आदेश के बाद दर्ज हुआ है.
बूंदी के कोतवाली थाना पुलिस के सब इंस्पेक्टर महावीर रैगर का कहना है कि न्यायालय के जरिए एक इस्तगासा पेश हुआ था. इसमें परिवादी पार्षद अंकित बुलीवाल हैं. परिवादी ने आरोप लगाया है कि आयुक्त महावीर सिंह सिसोदिया ने उसके साथ गाली गलौच, मारपीट और जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया था. इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच पुलिस उप अधीक्षक को सौंप दी है.
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आयुक्त का काला मुंह करने का प्रयासः पार्षदों और आयुक्त के बीच हुए विवाद में नगर परिषद उपसभापति सहित पांच पार्षदों पर धक्का-मुक्की करने बंधक बनाने और मुंह काला करने की कोशिश करने के आरोप लगे थे. इसमें पुलिस ने राजकार्य में बाधा और बंधक बनाने का मुकदमा आयुक्त महावीर सिंह सिसोदिया की रिपोर्ट पर दर्ज किया था. पुलिस ने इस संबंध में उपसभापति लटूर लाल, अंकित बुलीवाल, देवराज गोचर, भेरूलाल गोचर, अनवर हुसैन, प्रेम प्रकाश और साबिर खान सहित अन्य पर मामला दर्ज किया था. वहीं दूसरी तरफ, सभापति सहित पार्षदों ने भी जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने की शिकायत पुलिस को दी थी, जिस पर मुकदमा दर्ज नहीं किया था.
पार्षदों की हुई थी गिरफ्तारीः उपसभापति और आयुक्त के बीच हुए विवाद के मामले में आयुक्त की तरफ से दर्ज करवाए गए राजकार्य में बाधा के मुकदमे में पुलिस ने कार्रवाई की थी. इसमें कुछ पार्षद और पार्षद पति को गिरफ्तार भी किया गया था. इस मामले में अंकित बुलीवाल को भी गिरफ्तार किया था. यहां तक कि पार्षद साबिर खान और प्रेम प्रकाश को तो जयपुर मुख्यमंत्री आवास के बाहर से गिरफ्तार किया था. तब से ही ये पार्षद आयुक्त महावीर सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का दबाव बना रहे थे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. बाद में न्यायालय के जरिए उन्होंने कार्रवाई शुरू की, जिस पर मुकदमा दर्ज हुआ है.