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चिकित्सक के अभाव में कैंसर रोगियों को नहीं मिल रही इलाज की सुविधा, बाहर जाने को मजबूर

बूंदी के जिला अस्पताल में चिकित्सक के होने से कैंसर रोगियों को इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है.मरीजों को कीमोथेरेपी कराने के लिए मजबूरी में जिले के बाहर जाना पडता है.

बूंदी जिला अस्पताल
बूंदी जिला अस्पताल
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 25, 2023, 5:30 PM IST

बूंदी. जिला चिकित्सालय में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों के इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है. जिले का स्वास्थ्य महकमा इसको लेकर गंभीर नहीं है. जिला चिकित्सालय में कैंसर मरीजों के लिए न तो ओपीडी है और न ही वार्ड की व्यवस्था है. कीमोथेरेपी की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन डॉक्टर के नहीं बैठने के चलते कीमोथेरेपी के लिए कैंसर मरीजों को जिले से बाहर जाना पड़ रहा है.

जिला अस्पताल के पीएमओ प्रभाकर विजय ने बताया कि कैंसर केयर क्लिनिक प्रभारी डॉक्टर शाहिद को बना रखा है, लेकिन अभी तक उनकी ट्रेनिंग नहीं हुई है. ऐसे में जब भी स्वास्थ्य विभाग से ट्रेनिंग करने का आदेश मिलेगा उसके बाद अस्पताल में व्यवस्था सुचारु हो जाएगी.

इसे भी पढ़ें-एक्शन में सीएम भजनलाल, SMS अस्पताल में औचक निरीक्षण, अधीक्षक सहित सीनियर डॉक्टर नदारद

एक बार में आता है 20 हजार तक का खर्च : जिला अस्पताल में कैंसर मरीजों की कीमोथेरेपी की सुविधा उपलब्ध होने के बाद भी डॉक्टर और स्टाफ के नहीं बैठने से लोगों को अन्य शहरों की ओर जाना पड़ता है. जानकारों की मानें तो एक बार की कीमोथेरेपी और दवा में लगभग 20 हजार रुपए तक का खर्च होता है. बता दें कि जिले में कैंसर रोगियों की संख्या में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. चिकित्सा विभाग की मानें तो जिले में इस साल में अब तक मुख कैंसर के 15, ब्रेस्ट कैंसर के 12 और सर्वाइकल के 4 रोगी सामने आ चुके हैं. स्थानीय लोगों ने कैंसर मरीजों के लिए इलाज की बेहतर व्यवस्था उपलब्ध कराने की मांग की है.

बूंदी. जिला चिकित्सालय में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों के इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है. जिले का स्वास्थ्य महकमा इसको लेकर गंभीर नहीं है. जिला चिकित्सालय में कैंसर मरीजों के लिए न तो ओपीडी है और न ही वार्ड की व्यवस्था है. कीमोथेरेपी की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन डॉक्टर के नहीं बैठने के चलते कीमोथेरेपी के लिए कैंसर मरीजों को जिले से बाहर जाना पड़ रहा है.

जिला अस्पताल के पीएमओ प्रभाकर विजय ने बताया कि कैंसर केयर क्लिनिक प्रभारी डॉक्टर शाहिद को बना रखा है, लेकिन अभी तक उनकी ट्रेनिंग नहीं हुई है. ऐसे में जब भी स्वास्थ्य विभाग से ट्रेनिंग करने का आदेश मिलेगा उसके बाद अस्पताल में व्यवस्था सुचारु हो जाएगी.

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एक बार में आता है 20 हजार तक का खर्च : जिला अस्पताल में कैंसर मरीजों की कीमोथेरेपी की सुविधा उपलब्ध होने के बाद भी डॉक्टर और स्टाफ के नहीं बैठने से लोगों को अन्य शहरों की ओर जाना पड़ता है. जानकारों की मानें तो एक बार की कीमोथेरेपी और दवा में लगभग 20 हजार रुपए तक का खर्च होता है. बता दें कि जिले में कैंसर रोगियों की संख्या में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. चिकित्सा विभाग की मानें तो जिले में इस साल में अब तक मुख कैंसर के 15, ब्रेस्ट कैंसर के 12 और सर्वाइकल के 4 रोगी सामने आ चुके हैं. स्थानीय लोगों ने कैंसर मरीजों के लिए इलाज की बेहतर व्यवस्था उपलब्ध कराने की मांग की है.

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