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बूंदी में सफाई कर्मचारियों का आंदोलन, वेतन नहीं मिलने से खस्ताहाल हुई जिंदगी - movement of cleaners

बूंदी जिले की नगर परिषद में आर्थिक तंगी के चलते वहां के कर्मचारियों को भी वेतन नहीं मिल पा रहा है. जिसके चलते आने वाले त्योहार दीपावली पर उनके घर में रोशनी नहीं अंधेरा होने वाला है. ऐसे में उन कर्मचारियों ने अब आंदोलन की राह पकड़ ली है.

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Published : Oct 14, 2019, 11:20 PM IST

बूंदी. नगर परिषद में पिछले 3 सालों से आर्थिक तंगी का दौर चल रहा है. यहां पर इनकम और सोर्स पूरी तरह से खत्म होने की कगार पर है. जिसके चलते अब सफाई कर्मचारियों को इसका नतीजा भुगतना पड़ रहा है. पिछले 5-6 माह से नगर परिषद के सफाई कर्मचारियों को भुगतान नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

बूंदी में सफाई कर्मचारियों का आंदोलन

यही कारण रहा कि कई बार सफाई कर्मचारियों ने आंदोलन की राह पकड़ी और बूंदी वासियों को सफाई नहीं होने के चलते परेशानी का सामना करना पड़ा. सोमवार को बूंदी नगर परिषद में सफाई कर्मचारियों ने आयुक्त चेंबर में हंगामा कर दिया और आयुक्त के सामने अपनी मांगे रखी. जहां नगर परिषद आयुक्त ने उन्हें संतुष्ट जवाब नहीं दिया तो सफाई कर्मचारी बिफर गए और उन्होंने नगर परिषद के बाहर जाम लगा दिया. जाम के कारण वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा जिसके चलते वाहनों की लंबी कतार लग गई.

पढ़ेंः बूंदी: मीट से भरी पिकअप अनियंत्रित होकर पलटी

जाम की सूचना पाकर कोतवाली थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची और सफाई कर्मचारियों से वार्ता की, लेकिन वह नहीं माने सफाई कर्मचारियों का कहना था कि मौके पर नगर परिषद के अधिकारियों को बुलाया जाए और हमें आश्वस्त किया जाए कि दिवाली से पहले हमारी तनख्वाह मिल जाएगी तो हम हमारा आंदोलन समाप्त कर देंगे. बाद में उच्च अधिकारियों के आश्वासन के बाद सफाई कर्मचारी माने और जाम को हटाया.

पढ़ेंः बूंदी: वरिष्ठ पत्रकार मदन मंदिर का 80 साल की आयु में निधन

सफाई कर्मचारियों ने कहा कि बूंदी नगर परिषद में सफाई कर्मचारी को पिछले 5 माह से वेतन नहीं मिल पा रहा है. जिस कारण से सफाई कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय हो गई है. क्योंकि सफाई कर्मचारी वाल्मीकि समाज से आता है, एक गरीब तबके के लोग हैं समय पर वेतन नहीं मिलने के कारण परिवार का पालन पोषण करने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

बूंदी. नगर परिषद में पिछले 3 सालों से आर्थिक तंगी का दौर चल रहा है. यहां पर इनकम और सोर्स पूरी तरह से खत्म होने की कगार पर है. जिसके चलते अब सफाई कर्मचारियों को इसका नतीजा भुगतना पड़ रहा है. पिछले 5-6 माह से नगर परिषद के सफाई कर्मचारियों को भुगतान नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

बूंदी में सफाई कर्मचारियों का आंदोलन

यही कारण रहा कि कई बार सफाई कर्मचारियों ने आंदोलन की राह पकड़ी और बूंदी वासियों को सफाई नहीं होने के चलते परेशानी का सामना करना पड़ा. सोमवार को बूंदी नगर परिषद में सफाई कर्मचारियों ने आयुक्त चेंबर में हंगामा कर दिया और आयुक्त के सामने अपनी मांगे रखी. जहां नगर परिषद आयुक्त ने उन्हें संतुष्ट जवाब नहीं दिया तो सफाई कर्मचारी बिफर गए और उन्होंने नगर परिषद के बाहर जाम लगा दिया. जाम के कारण वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा जिसके चलते वाहनों की लंबी कतार लग गई.

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जाम की सूचना पाकर कोतवाली थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची और सफाई कर्मचारियों से वार्ता की, लेकिन वह नहीं माने सफाई कर्मचारियों का कहना था कि मौके पर नगर परिषद के अधिकारियों को बुलाया जाए और हमें आश्वस्त किया जाए कि दिवाली से पहले हमारी तनख्वाह मिल जाएगी तो हम हमारा आंदोलन समाप्त कर देंगे. बाद में उच्च अधिकारियों के आश्वासन के बाद सफाई कर्मचारी माने और जाम को हटाया.

पढ़ेंः बूंदी: वरिष्ठ पत्रकार मदन मंदिर का 80 साल की आयु में निधन

सफाई कर्मचारियों ने कहा कि बूंदी नगर परिषद में सफाई कर्मचारी को पिछले 5 माह से वेतन नहीं मिल पा रहा है. जिस कारण से सफाई कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय हो गई है. क्योंकि सफाई कर्मचारी वाल्मीकि समाज से आता है, एक गरीब तबके के लोग हैं समय पर वेतन नहीं मिलने के कारण परिवार का पालन पोषण करने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

Intro:बूंदी की नगर परिषद में आर्थिक तंगी के चलते वहां के कर्मचारियों को भी वेतन नहीं मिल पा रहा है जिसके चलते आने वाले त्योहार दीपावली पर उनके घर में रोशनी नही अंधेरा सा होने वाला है ऐसे में उन कर्मचारियों ने अब आंदोलन की राह पकड़ ली है। यहां पर आज उन्होंने जाम लगाकर प्रशासन को चेताया है कि अगर 3 दिन के अंदर उनका भुगतान नहीं हुआ तो वह बूंदी शहर में सफाई व्यवस्था को बंद कर देंगे ।


Body:बूंदी नगर परिषद में पिछले 3 सालों से आर्थिक तंगी का दौर चल रहा है यहां पर इनकम एंड सोर्स पूरी तरह से खत्म होने की कगार पर है जिसके चलते अब सफाई कर्मचारियों को इसका नतीजा भुगतना पड़ रहा है । पिछले 5-6 माह से नगर परिषद के सफाई कर्मचारियों को भुगतान नहीं मिल पा रहा है जिसके चलते उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । यही कारण रहा कि कहीं बार सफाई कर्मचारियों ने आंदोलन की राह पकड़ी और बूंदी वासियों को सफाई नहीं होने के चलते परेशानी का सामना करना पड़ा । अब फिर से सफाई कर्मचारियों ने आंदोलन की राह पकड़ ली है । आज बूंदी नगर परिषद में सफाई कर्मचारियों ने आयुक्त चेंबर में हंगामा कर दिया और आयुक्त के सामने अपनी मांगे रखी जहां नगर परिषद आयुक्त ने उन्हें संतुष्ट जवाब नहीं दिया तो सफाई कर्मचारी बिफर गए और उन्होंने नगर परिषद के बाहर जाम लगा दिया । जहां महिलाएं जाम लगाकर बैठ गई और जमकर उन्होंने नगर परिषद सभापति महावीर मोदी के खिलाफ नारेबाजी की। जाम के कारण वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा वहीं वाहनों की लंबी कतार लग गई । जाम की सूचना पाकर कोतवाली थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची और सफाई कर्मचारियों से वार्ता की। लेकिन वह नहीं माने सफाई कर्मचारियों का कहना था कि मौके पर नगर परिषद के अधिकारियों को बुलाया जाए और हमें आश्वस्त किया जाए कि दिवाली से पहले हमारी तनख्वाह मिल जाएगी तो हम हमारा आंदोलन समाप्त कर देंगे। यहां पर उच्च अधिकारियों के आश्वासन के बाद सफाई कर्मचारी माने और जाम हटाया।


Conclusion:सफाई कर्मचारियों ने कहा कि बूंदी नगर परिषद में सफाई कर्मचारी को पिछले 5 माह से वेतन नहीं मिल पा रहा है जिस कारण से सफाई कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय हो गई है । क्योंकि सफाई कर्मचारी वाल्मीकि समाज से आता है एक गरीब तबके के लोग हैं समय पर वेतन नहीं मिलने के कारण परिवार का पालन पोषण करने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है । ना तो वेतन मिल रहा है और ना ही हमें बकाया डीए और वर्दी मिल रही है सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है । अब तो भूखे मरने की नौबत आ गई है । बाजार में दुकानदार भी राशन पानी उधार नहीं दे रहा है। जिन कर्मचारियों ने बैंक में लोन ले रखा है उनकी अगर 1 माह का वेतन दिया जाता है तो बैंक एक साथ ही उनका पूरा भक्त पुराना बकाया काट लेता है और उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा है । प्रशासन को सफाई कर्मचारियों ने साफ-साफ चेतावनी दी है कि आश्वासन पर हम हट तो रहे हैं लेकिन अगर 3 दिन के अंदर हमें हमारा भुगतान वापस नहीं मिला तो हम बूंदी की सफाई व्यवस्था को बंद कर देंगे और आंदोलन करने पर मजबूर ।

बाईट - गंगा बाई , सफाई कर्मचारी
बाईट - कमल , सफाई कर्मचारी
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