बूंदी. नगर परिषद में पिछले 3 सालों से आर्थिक तंगी का दौर चल रहा है. यहां पर इनकम और सोर्स पूरी तरह से खत्म होने की कगार पर है. जिसके चलते अब सफाई कर्मचारियों को इसका नतीजा भुगतना पड़ रहा है. पिछले 5-6 माह से नगर परिषद के सफाई कर्मचारियों को भुगतान नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
यही कारण रहा कि कई बार सफाई कर्मचारियों ने आंदोलन की राह पकड़ी और बूंदी वासियों को सफाई नहीं होने के चलते परेशानी का सामना करना पड़ा. सोमवार को बूंदी नगर परिषद में सफाई कर्मचारियों ने आयुक्त चेंबर में हंगामा कर दिया और आयुक्त के सामने अपनी मांगे रखी. जहां नगर परिषद आयुक्त ने उन्हें संतुष्ट जवाब नहीं दिया तो सफाई कर्मचारी बिफर गए और उन्होंने नगर परिषद के बाहर जाम लगा दिया. जाम के कारण वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा जिसके चलते वाहनों की लंबी कतार लग गई.
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जाम की सूचना पाकर कोतवाली थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची और सफाई कर्मचारियों से वार्ता की, लेकिन वह नहीं माने सफाई कर्मचारियों का कहना था कि मौके पर नगर परिषद के अधिकारियों को बुलाया जाए और हमें आश्वस्त किया जाए कि दिवाली से पहले हमारी तनख्वाह मिल जाएगी तो हम हमारा आंदोलन समाप्त कर देंगे. बाद में उच्च अधिकारियों के आश्वासन के बाद सफाई कर्मचारी माने और जाम को हटाया.
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सफाई कर्मचारियों ने कहा कि बूंदी नगर परिषद में सफाई कर्मचारी को पिछले 5 माह से वेतन नहीं मिल पा रहा है. जिस कारण से सफाई कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय हो गई है. क्योंकि सफाई कर्मचारी वाल्मीकि समाज से आता है, एक गरीब तबके के लोग हैं समय पर वेतन नहीं मिलने के कारण परिवार का पालन पोषण करने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है.