बूंदी. जिले के सदर थाना क्षेत्र के बूंदी रेलवे स्टेशन के निकट कोटा-चित्तौड़ रेलवे लाइन के ओवर ब्रिज के नीचे एक युवक की लाश मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई. सूचना मिलने पर पहुंची सदर थाना पुलिस ने शव की शिनाख्त की तो युवक की पहचान बगावदा निवासी अजय मीणा के रूप में हुई.
युवक अपने परिजनों को रेलवे कर्मचारी बताकर बूंदी में रह रहा था. लेकिन पुलिस की पड़ताल में यह साबित हुआ कि वह ना तो कर्मचारी था और ना ही किसी प्रकार की जॉब करता था . वह परिजनों से झूठ बोलकर बूंदी में रह रहा था. पुलिस ने खुदकुशी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
वहीं, सूचना मिलने पर जिला पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सतनाम सिंह मौके पर पहुंच कर जांच शुरू कर दी. वहीं शव को ब्रिज से नीचे उतरवाकर शिनाख्त के प्रयास किए. पुलिस को युवक की जेब से बाइक की चाबी, मोबाइल, कपड़े की थैली मिले जिसके आधार पर पुलिस ने जांच की और युवक के शव को जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया. वहीं पुलिस ने मृतक के परिजनों को सूचना दी. परिजन जिला मोर्चरी में पहुंचे और युवक की शिनाख्त कर ली.
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गौरतलब है कि पुलिस को परिजनों ने बताया कि मृतक तीन महीने से बूंदी रेलवे स्टेशन पर पॉइंट कर्मचारी पद पर नियुक्त होने की बात कहकर बूंदी में ही किराए के मकान पर रह रहा था और 3 दिन पूर्व युवक ने अपने पिता के अकाउंट से ऑनलाइन 50 हजार का ट्रांजेक्शन भी किया था. इस दौरान पिता और पुत्र की बहस भी हुई थी, उसके बाद ही यह घटनाक्रम सामने आया जहां पर युवक रेलवे ब्रिज के नीचे फंदे से लटका हुआ मिला.
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पुलिस ने रेलवे कर्मचारी के रूप में अजय मीणा की पड़ताल की तो बूंदी रेलवे स्टेशन एवं कोटा रेलवे मंडल में किसी भी जगह पर युवक का कर्मचारी होना नहीं पाया गया. इससे पुलिस पड़ताल में साबित हुआ कि युवक अपने परिजनों से झूठ बोल रहा था. वह किसी प्रकार का रेलवे में कर्मचारी नहीं था. पुलिस को परिजनों ने बताया कि पिछले 2 दिन से युवक के फोन से एक बच्चा बात कर रहा था और परिजन को यह आश्वासन दे रहा था कि वह जल्द उनके पुत्र से बात करवाएगा लेकिन इसके बाद भी उसकी किसी से नहीं हो पाई और सीधे मौत की सूचना आई. ऐसे में पुलिस ने परिजनों का आश्वासन दिया है कि मोबाइल पर जिन जिन लोगों से बात हुई है उनका कॉल डिटेल को खंगाला जाएगा ताकि जल्द सच सामने आ सके.
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सदर थाना प्रभारी लोकेंद्र पालीवाल ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. प्रथम दृष्टया मामला खुदकुशी का लग रहा है. मेडिकल बोर्ड से शव का पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को सुपुर्द कर दिया है. लेकिन रेलवे कर्मचारी होने की बात परिजन कह रहे हैं. हमारी पड़ताल में यह बात सच साबित नहीं हुई है. वहीं सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है और जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.