बीकानेर. अकसर कांग्रेस पर असंतोष का आरोप लगाने वाली भाजपा में भी सब कुछ ठीक नहीं है. कई बार इस तरह की बातें सामने आती है, लेकिन कांग्रेस के अंदर की गुटबाजी को बार-बार बोल कर भाजपा अपने असंतोष की बातों को छिपाने की कोशिश करती है. लेकिन एक बार फिर भाजपा में अंदरूनी खींचतान बढ़ती नजर आ रही है.
अकसर राजनीतिक पार्टियों में नेताओं के बीच पोस्टर विवाद देखा जाता है. पोस्टर में नेताओं का फोटो होना या हटना नेता राजनेताओं के आपसे वर्चस्व की लड़ाई को भी साबित करता है. ऐसा ही कुछ बीकानेर में भी हुआ. जब वर्चुअल रैली की जागरूकता को लेकर भाजपा संगठन और कार्यकर्ताओं ने शहर में होर्डिंग लगाए गए.
इन होर्डिंग्स में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और केंद्रीय राज्यमंत्री और बीकानेर सांसद अर्जुन मेघवाल के साथ ही खुद कार्यकर्ताओं ने अपने भी फोटो थे. लेकिन प्रदेश की कद्दावर भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को जगह नहीं दी गई. यहां तक की खुद शहर संगठन और देहात के अध्यक्ष भी अपने पोस्टर में वसुंधरा राजे का फोटो लगाना भूल गए.
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पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे वर्चुअल रैली में मौजूद थी और उनका संबोधन भी हुआ. लेकिन पार्टी के स्थानीय नेतृत्व और कार्यकर्ताओं ने अपनी नेता को होर्डिंग्स में जगह नहीं दी. जिसको लेकर भी पार्टी में वसुंधरा समर्थक कार्यकर्ताओं में चर्चा रही. हालांकि इस पूरे मामले पर पार्टी के नेता चुप्पी साधे नजर आए.