ETV Bharat / state

Thursday Remedies: आज इस विधि से करें भगवान विष्णु की पूजा, होंगी सभी मनोकामनाएं पूरी

author img

By

Published : Feb 2, 2023, 8:57 AM IST

सनातन धर्म में हर दिन तिथि का अपना एक महत्व है और साप्ताहिक दिन तिथि और वार को विशेष माना जाता है. बृहस्पतिवार को देवताओं के गुरु बृहस्पति के नाम से जाना जाता है. इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा अर्चना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.

Etv Bharat
Etv Bharat

बीकानेर. शास्त्र के अनुसार गुरुवार को भगवान श्री हरिविष्णु की आराधना श्रेयस्कर होती है. घर में सुख शांति का निवास होता है और दिनों दिन परिवार समृद्धि के पथ पर अग्रसर होता है. कुछ मंत्र हैं जिनके उच्चारण से दुविधाओं का शमन होता है. गुरुवार के दिन अपनी सभी परेशानियों को दूर करने के लिए भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा अर्चना देवी लक्ष्मी के साथ करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. गुरुवार को देवताओं के गुरु बृहस्पति की पूजा आराधना से जातकों के विवाह में आ रही बाधाएं भी दूर होती हैं.

संकल्प से करें शुरुआत- बृहस्पतिवार के दिन सुबह जल्दी उठ दैनिक दिनचर्या से निवृत हो भगवान की पूजा करनी चाहिए. इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है, क्योंकि यह रंग भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है. पूजा घर या केले के पेड़ के नीचे भगवान श्री हरि विष्णु की प्रतिमा या फोटो रखकर उन्हें प्रणाम करें. कोई नया छोटा सा पीला वस्त्र भगवान को अर्पित करें. हाथ में चावल और पवित्र जल लेकर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद मंदिर में दीपक जलाएं.

विधान के साथ करें पूजा- भगवान श्रीहरि विष्णु की गुरुवार को देवी महालक्ष्मी के साथ पूजा अर्चना करनी चाहिए. मां महालक्ष्मी धनसंपदा वैभव की देवी हैं. ऐसे में भगवान विष्णु और मां महालक्ष्मी की पूजा अर्चना करने से कभी भी घर में धन संपदा की कमी नहीं रहती है. पूजा के लिए एक चौकी तैयार करें, इस पर मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें. इसके बाद गंगाजल से अभिषेक करें और भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान कराएं.

पढ़ें- Guru Pradosh Vrat 2023: आज है गुरु प्रदोष व्रत, शिव पूजा से शत्रुओं पर पाएं जीत

16 गुरुवार व्रत का फल- भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की कृपा पाने के लिए लगातार 16 गुरुवार का व्रत रखना चाहिए और 17वें गुरुवार को व्रत का उद्यापन करना चाहिए. हिंदू धर्म शास्त्रों और पुराणों में भगवान श्री हरिविष्णु को सृष्टि पालनहार कहा गया है. त्रिदेव यानी त्रिमूर्ति के अन्य दो रूप ब्रह्मा और शिव को माना जाता है. ब्रह्मा जी विश्व के सृजक हैं, भोलेनाथ को संहारक माना गया है. आज बृहस्पतिवार को भगवान विष्णु की आराधना होती है. भगवान विष्णु के मंत्र उच्चारण मात्र से दुविधाओं का शमन होता है. खास बात यह है कि आज गुरुवार को प्रदोष भी है ऐसे में भगवान विष्णु के साथ भगवान शिव की भी पूजा आराधना करने से जातक को बहुत फल मिलता है.

महिलाओं के लिए वर्जित- एक खास बात और सनातन मतानुसार मासिक धर्म में महिलाओं के लिए गुरूवार का व्रत वर्जित है. इसके अलावा गुरुवार का व्रत 1,3,5,7 और 9 साल या फिर आजीवन भी रख सकते हैं. बृहस्पतिवार को 'ओम ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:' मंत्र का जाप 3, 5 या 16 माला करना उत्तम फल देता है.

पढ़ें- Bhishma Dwadashi 2023: आज भीष्म द्वादशी, पितरों के निमित्त तर्पण करने से मिलता है पुण्य

कपड़े धोने से बचें- दक्षिण, पूर्व, नैऋत्य में यात्रा करना, गुरुवार को भोजन में ऊपर से नमक डालकर नहीं खाना चाहिए. दूध और केले का सेवन भी निषेध है, खिचड़ी बनाना और खाने से भी परेहज करना चाहिए. इसके अलावा इस दिन कपड़े धोने की मनाही है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरुवार को साबुन से कपड़े धोने नहीं धोने चाहिए. कहा जाता है कि अगर इस दिन घर की महिला साबुन से कपड़े धोती है तो कपड़ों की मैल संग पानी में घर की सुख-समृद्धि भी धुल जाती है.

बीकानेर. शास्त्र के अनुसार गुरुवार को भगवान श्री हरिविष्णु की आराधना श्रेयस्कर होती है. घर में सुख शांति का निवास होता है और दिनों दिन परिवार समृद्धि के पथ पर अग्रसर होता है. कुछ मंत्र हैं जिनके उच्चारण से दुविधाओं का शमन होता है. गुरुवार के दिन अपनी सभी परेशानियों को दूर करने के लिए भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा अर्चना देवी लक्ष्मी के साथ करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. गुरुवार को देवताओं के गुरु बृहस्पति की पूजा आराधना से जातकों के विवाह में आ रही बाधाएं भी दूर होती हैं.

संकल्प से करें शुरुआत- बृहस्पतिवार के दिन सुबह जल्दी उठ दैनिक दिनचर्या से निवृत हो भगवान की पूजा करनी चाहिए. इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है, क्योंकि यह रंग भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है. पूजा घर या केले के पेड़ के नीचे भगवान श्री हरि विष्णु की प्रतिमा या फोटो रखकर उन्हें प्रणाम करें. कोई नया छोटा सा पीला वस्त्र भगवान को अर्पित करें. हाथ में चावल और पवित्र जल लेकर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद मंदिर में दीपक जलाएं.

विधान के साथ करें पूजा- भगवान श्रीहरि विष्णु की गुरुवार को देवी महालक्ष्मी के साथ पूजा अर्चना करनी चाहिए. मां महालक्ष्मी धनसंपदा वैभव की देवी हैं. ऐसे में भगवान विष्णु और मां महालक्ष्मी की पूजा अर्चना करने से कभी भी घर में धन संपदा की कमी नहीं रहती है. पूजा के लिए एक चौकी तैयार करें, इस पर मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें. इसके बाद गंगाजल से अभिषेक करें और भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान कराएं.

पढ़ें- Guru Pradosh Vrat 2023: आज है गुरु प्रदोष व्रत, शिव पूजा से शत्रुओं पर पाएं जीत

16 गुरुवार व्रत का फल- भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की कृपा पाने के लिए लगातार 16 गुरुवार का व्रत रखना चाहिए और 17वें गुरुवार को व्रत का उद्यापन करना चाहिए. हिंदू धर्म शास्त्रों और पुराणों में भगवान श्री हरिविष्णु को सृष्टि पालनहार कहा गया है. त्रिदेव यानी त्रिमूर्ति के अन्य दो रूप ब्रह्मा और शिव को माना जाता है. ब्रह्मा जी विश्व के सृजक हैं, भोलेनाथ को संहारक माना गया है. आज बृहस्पतिवार को भगवान विष्णु की आराधना होती है. भगवान विष्णु के मंत्र उच्चारण मात्र से दुविधाओं का शमन होता है. खास बात यह है कि आज गुरुवार को प्रदोष भी है ऐसे में भगवान विष्णु के साथ भगवान शिव की भी पूजा आराधना करने से जातक को बहुत फल मिलता है.

महिलाओं के लिए वर्जित- एक खास बात और सनातन मतानुसार मासिक धर्म में महिलाओं के लिए गुरूवार का व्रत वर्जित है. इसके अलावा गुरुवार का व्रत 1,3,5,7 और 9 साल या फिर आजीवन भी रख सकते हैं. बृहस्पतिवार को 'ओम ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:' मंत्र का जाप 3, 5 या 16 माला करना उत्तम फल देता है.

पढ़ें- Bhishma Dwadashi 2023: आज भीष्म द्वादशी, पितरों के निमित्त तर्पण करने से मिलता है पुण्य

कपड़े धोने से बचें- दक्षिण, पूर्व, नैऋत्य में यात्रा करना, गुरुवार को भोजन में ऊपर से नमक डालकर नहीं खाना चाहिए. दूध और केले का सेवन भी निषेध है, खिचड़ी बनाना और खाने से भी परेहज करना चाहिए. इसके अलावा इस दिन कपड़े धोने की मनाही है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरुवार को साबुन से कपड़े धोने नहीं धोने चाहिए. कहा जाता है कि अगर इस दिन घर की महिला साबुन से कपड़े धोती है तो कपड़ों की मैल संग पानी में घर की सुख-समृद्धि भी धुल जाती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.