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बीकानेर के लाल की राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई, ड्यूटी के दौरान हुई थी मौत

सशस्त्र सुरक्षाबल में कार्यरत सब इंस्पेक्टर और बीकानेर के लूणकरणसर के नाथवाना गांव के निवासी रमेश चौधरी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ मंगलवार को उनके पैतृक गांव नाथवाना में किया गया. इस दौरान भारत मां और रमेश चौधरी अमर रहे के नारों से पूरा माहौल गुंजायमान हो गया.

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Published : Nov 13, 2019, 5:42 PM IST

बीकानेर. भारत नेपाल सीमा पर उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में तैनात बीकानेर के लूणकरणसर के नाथवाना गांव के निवासी और सशस्त्र सुरक्षा बल में सब इंस्पेक्टर रमेश चौधरी का पार्थिव शरीर मंगलवार को बीकानेर पहुंचा. इस दौरान लोगों ने भारत माता के जयकारों के साथ ही शहीद रमेश चौधरी अमर रहे के नारों से पूरे माहौल को गुंजायमान कर दिया. जानकारी के अनुसार बीकानेर से एसएसबी के अधिकारी और जवान उनकी पार्थिव शरीर को लेकर उनके पैतृक गांव नाथवाना पहुंचे थे. जहां मंगलवार को उनका जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.

बीकानेर के लाल की ड्यूटी के दौरान मौत

बीकानेर के शहीद कैप्टन चन्द्र चौधरी के भाई सीताराम सिहाग ने कहा आज फिर बीकानेर ने अपना एक लाल देश की सेवा के लिए खो दिया. उन्होंने कहा कि रमेश पिछले 10 साल से एसएसबी में थे और कांस्टेबल के पद पर ज्वाइन किया था. लेकिन पिछले साल ही वे विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण कर सीधे सब इंस्पेक्टर बने थे और अभी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद बीकानेर अपने गांव आए थे. साथ ही बताया कि 2 महीने पहले ही उन्होंने फिर से ज्वाइन किया था.

पढ़ें- कांग्रेस और भाजपा को लगा झटका, दोनों का एक-एक नामांकन खारिज

गौरतलब है कि शहीद रमेश चौधरी उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में भारत नेपाल बॉर्डर पर तैनात थे और रविवार को उनकी मौत हो गई. दरअसल ड्यूटी के दौरान ही चौधरी के क्वार्टर से गोली चलने की आवाज आई और उसके बाद वहां पहुंचे एसएसबी के अधिकारियों को मौके पर उनकी कार्बाइन उनके पलंग के नीचे मिली और उनकी छाती पर गोली लगी हुई थी. जिसकी जांच एसएसबी और स्थानीय पुलिस कर रही है.

बीकानेर. भारत नेपाल सीमा पर उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में तैनात बीकानेर के लूणकरणसर के नाथवाना गांव के निवासी और सशस्त्र सुरक्षा बल में सब इंस्पेक्टर रमेश चौधरी का पार्थिव शरीर मंगलवार को बीकानेर पहुंचा. इस दौरान लोगों ने भारत माता के जयकारों के साथ ही शहीद रमेश चौधरी अमर रहे के नारों से पूरे माहौल को गुंजायमान कर दिया. जानकारी के अनुसार बीकानेर से एसएसबी के अधिकारी और जवान उनकी पार्थिव शरीर को लेकर उनके पैतृक गांव नाथवाना पहुंचे थे. जहां मंगलवार को उनका जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.

बीकानेर के लाल की ड्यूटी के दौरान मौत

बीकानेर के शहीद कैप्टन चन्द्र चौधरी के भाई सीताराम सिहाग ने कहा आज फिर बीकानेर ने अपना एक लाल देश की सेवा के लिए खो दिया. उन्होंने कहा कि रमेश पिछले 10 साल से एसएसबी में थे और कांस्टेबल के पद पर ज्वाइन किया था. लेकिन पिछले साल ही वे विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण कर सीधे सब इंस्पेक्टर बने थे और अभी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद बीकानेर अपने गांव आए थे. साथ ही बताया कि 2 महीने पहले ही उन्होंने फिर से ज्वाइन किया था.

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गौरतलब है कि शहीद रमेश चौधरी उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में भारत नेपाल बॉर्डर पर तैनात थे और रविवार को उनकी मौत हो गई. दरअसल ड्यूटी के दौरान ही चौधरी के क्वार्टर से गोली चलने की आवाज आई और उसके बाद वहां पहुंचे एसएसबी के अधिकारियों को मौके पर उनकी कार्बाइन उनके पलंग के नीचे मिली और उनकी छाती पर गोली लगी हुई थी. जिसकी जांच एसएसबी और स्थानीय पुलिस कर रही है.

Intro:सशस्त्र सुरक्षाबल में कार्यरत सब इंस्पेक्टर बीकानेर के लूणकरणसर के नाथवाना के गांव के निवासी रमेश चौधरी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ मंगलवार को उनके पैतृक गांव नाथवाना में किया गया।


Body:बीकानेर भारत नेपाल सीमा पर उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में तैनात बीकानेर के लूणकरणसर के नाथवाना गांव के निवासी और सशस्त्र सुरक्षा बल में सब इंस्पेक्टर रमेश चौधरी की पार्थिव ने मंगलवार को बीकानेर पहुंची सशस्त्र सीमा बल के अधिकारी और जवान उनकी पार्थिव देह को लेकर बीकानेर पहुंचे जहां कैप्टन चंद्र चौधरी सर्किल पर लूणकरणसर विधायक सुमित गोदारा के साथ ही स्थानीय लोगों ने अपने लाल को पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान लोगों ने भारत मां के जयकारे के साथ ही शहीद रमेश चौधरी अमर रहे के नारों से पूरे माहौल को गुंजायमान कर दिया। बीकानेर से पहले डूंगरगढ़ में भी स्थानीय लोगों ने उनकी पार्थिव देह पर पुष्प अर्पित किए और उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।


Conclusion:बीकानेर से एसएसबी के अधिकारी और जवान उनकी पार्थिव देह को लेकर उनके पैतृक गांव नाथवाना पहुंचे जहां मंगलवार को ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। बीकानेर के शहीद कैप्टन चंद्र चौधरी के भाई सीताराम सिहाग ने कहा आज फिर बीकानेर ने अपना एक लाल देश की सेवा के लिए खो दिया। उन्होंने कहा कि रमेश चौधरी पिछले 10 साल से एसएसबी में थे और कांस्टेबल के पद पर ज्वाइन किया था लेकिन पिछले साल ही वे विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण कर सीधे सब इंस्पेक्टर बने थे और अभी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद बीकानेर अपने गांव आए थे और 2 महीने पहले ही उन्होंने फिर से ज्वाइन किया था। गौरतलब है कि रमेश चौधरी उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में भारत नेपाल बॉर्डर पर तैनात थे और रविवार को उनकी मौत हो गई। दरअसल ड्यूटी के दौरान ही चौधरी के क्वार्टर से गोली चलने की आवाज आई और उसके बाद वहां पहुंचे एसएसबी के अधिकारियों को मौके पर उनकी कार्बाइन उनके पलंग के नीचे मिली और उनकी छाती पर गोली लगी हुई थी। जिसकी जांच एसएसबी और स्थानीय पुलिस कर रही है।

बाइट सीताराम सिहाग, स्थानीय निवासी और शहीद कैप्टन चन्द्र चौधरी के भाई
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