बीकानेर. कोरोना संक्रमण के दौरान नगर निगम के सफाई कर्मी नालों की सफाई करने में जुटे हैं. लेकिन इन सफाई कर्मियों को बिना सुरक्षा उपकरण के सफाई करने पर मजबूर होना पड़ रहा है. ऐसे में संक्रमण और जान जाने का खतरा दोनों इन पर मंडरा रहा है.
कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्यों में नगर निगम के सफाई कर्मियों का भी विशेष योगदान है. ये सफाई कर्मी शहर की गलियों, सड़कों को साफ रखते हैं. बता दें कि मैनुअल स्कैवेंजर्स और उनके पुनर्वास अधिनियम 2013 के रूप में रोजगार का निषेध की धारा-7 के तहत सीवर लाइन, सेप्टिक टैंक, मैन होल की सफाई को मानव बल से नहीं करवाया जा सकता. इस कार्य को 2014 से प्रतिबंधित घोषित किया गया है. लेकिन आज भी इनकी सफाई मानव से ही करवाई जाती है.
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बीकानेर नगर निगम में लगभग 1500 से ज्यादा सफाई कर्मचारी कार्यरत हैं, जो विभिन्न कामों में लगे हुए हैं. नगर निगम के सीमित संसाधनों चलते सफाई कर्मचारियों के पास सफाई कार्य के दौरान ना तो पांव में जूता रहता है, ना ही हाथ में दस्ताना. कोरोना काल में सफाई कर्मचारियों को सैनिटाइजर तक नहीं मिल रहा है. नगर निगम प्रशासन के पास भी इनकी जान की सुरक्षा के लिए कोई योजना नहीं है. जिसके कारण सफाई कर्मी बिना सुरक्षा उपकरण के नालों के सफाई कार्य में लगे हुए हैं.
सैनिटाइजर तक नहीं दिया जा रहा
वहीं एक सफाई कर्मी ने बताया कि कोरोना काल में सैनिटाइजर की व्यवस्था भी अपने स्तर पर करनी पड़ती है, जूते और दस्ताने की बात तो दूर की कौड़ी है. जिसके कारण मजबूरी में खाली पैर नंगे बदन सफाई करने के लिए नालों में उतरना पड़ता है. उन्होंने कहा कि जूता और दस्ताना की मांग करने पर टालमटोल किया जाता है. साथ ही कर्मियों का आरोप है कि तय समय से ज्यादा काम लिया जाता है. लेकिन समय पर इन सफाई कर्मियों को वेतन तक नहीं दिया जाता है.
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शहर के कई वार्डों में सीवरेज जाम की समस्या बनी रहती है. इस समस्या के समाधान के लिए विभाग ठेकेदार के माध्यम से सीवरेज मैनहोल की सफाई करवाते हैं. वर्तमान में बीकानेर में सैकड़ों कर्मचारी सीवर मैनहोल की सफाई कार्य में जुटे हुए हैं. लेकिन पर्याप्त सुरक्षा उपकरणों के बिना मैनहोल में उतरना खतरे से खाली नहीं है. सीवर मैनहोल में जहरीली गैस की चपेट में आने से व्यक्ति की मृत्यु तक हो सकती है. इसी के चलते सुप्रीम कोर्ट ने भी मैनहोल, सेफ्टी टैंक और सीवर की सफाई के दौरान कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध करवाना जरूरी बताया था.
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हालांकि, विभागीय अधिकारी कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण पहले से ही उपलब्ध करवाने की बात कह रहे है लेकिन इन कर्मचारियों के पास ये उपकरण दिखाई नहीं दे रहे. ऐसे में अधिकारियों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वे समय-समय पर इनकी चेकिंग भी करते रहें.