श्री डूंगरगढ़ (बीकानेर). यूजीसी गाइडलाइन का विरोध अब बीकानेर जिले में जोर पकड़ने लगा है. एनएसआई जिलाध्यक्ष रामनिवास कूकणा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने डूंगर कॉलेज के मुख्य दरवाजे पर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल का पुतला लटकया. साथ ही राष्ट्रीय राज मार्ग 11 को जाम कर विरोध प्रदर्शन किया गया.
कूंकणा ने बताया कि, वैश्विक महामारी का रूप ले चुकी कोरोना को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी स्टूडेंट्स को बिना परीक्षा के प्रमोट करने का फैसला लिया था. जिसके बाद केन्द्र की यूजीसी ने अपनी गाइडलाइन जारी करते हुए कहा कि, अंतिम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित करवाना अनिवार्य है. साथ ही कूंकणा ने कहा कि हम केन्द्र सरकार से पूछना चाहते है कि, क्या अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं को कोरोना वायरस के संक्रमण से संक्रमित नहीं होंगे? प्रथम व द्वितीय वर्ष के छात्र-छात्राओं को प्रमोट किया जा सकता है तो अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं को क्यों नहीं ?
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साथ ही एनएसयूआई जिलाध्यक्ष ने कहा कि, बीकानेर में कोरोना के आंकड़े भयावह रूप ले चुके है. ऐसे में यूजीसी को हठ धर्मिता छोड़कर सभी छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट करना चाहिए. कूंकणा ने बताया कि अगर केन्द्र सरकार ने छात्रहित में फैसला नहीं लिया और सभी स्टूडेंट्स को बिना परीक्षा के प्रमोट नहीं किया तो, यह आगामी दिनो आंदोलन उग्र होगा.
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एनएसयूआई ने किया था सद्बुद्धि यज्ञ
बता दें कि, यूजीसी की ओर से जारी की गई नई गाइडलाइन के विरोध में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने 13 जुलाई सोमवार को डूंगर महाविद्यालय के मुख्य द्वार के केंद्र सरकार और यूजीसी के लिए सद्बुद्धि यज्ञ किया था. यूजीसी के इस निर्णय के विरोध में छात्रों ने यज्ञ कर ईश्वर से केंद्र सरकार और यूजीसी को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना की थी. उस दिन भी कार्यकर्ताओं ने छात्रों को बिना परीक्षा प्रमोट की करने की मांग की थी. साथ ही यूजीसी की गाइडलाइन को छात्र विरोधी बताया था.