बीकानेर. 22 जनवरी को अयोध्या में राम लला का उद्घाटन होगा. देश में ये दिन हर्ष और उल्लास के साथ पर्व के रूप में मनाए जाने के लिए लोग आतुर है. हिंदूवादी संगठनों और भाजपा की ओर से इस दिन दीपावली की तरह घरों को रोशन करने और दीपक सजाने की बात कही जा रही है, लेकिन इन सबके बीच बीकानेर में मिट्टी के दीपक बनाने वाले कुंभकारों की कहानी ही कुछ और बयां कर रही है. शहर के कारीगरों को अभी तक किसी भी संगठन या दल से दीपक बनाने का कोई भी ऑर्डर नहीं मिला.
बता दें कि 22 जनवरी को दीपावली जैसा त्योहार मनाने के लिए जगह-जगह पर लोग प्रचार में जुटे हैं. इस बीच बीकानेर में ईटीवी भारत की टीम ने मिट्टी के दीपक बनाने वाले कारीगरों से बात की और उनके हालात का जायजा लिया तो दृश्य कुछ दूसरा ही निकला.
नहीं मिला कोई ऑर्डर : मिट्टी के दीपक बनाने वाले कारीगर कहते हैं कि अभी तक उनके पास किसी भी तरह का दीपक लेने का कोई बड़ा ऑर्डर नहीं आया और ना ही दीपक खरीदने के लिए कोई आया है. एक कारीगर ने कहा कि सुन तो रहे हैं कि इस दिन लोग घरों में दीपक जलाएंगे, घरों को रोशन करेंगे, लेकिन जब दीपक बनेंगे ही नहीं और दीपक की खरीद ही नहीं होगी तो दीपक कैसे जलाएंगे.
आर्टिफिशियल का बढ़ रहा चलन : दरअसल, पिछले कुछ सालों से दीपावली के मौके पर चीनी लाइट और आर्टिफिशियल दीपक का भी चलन रहा है. ऐसे में इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि लोग इस दिन घरों के आगे और घर में रोशनी तो जरूर करेंगे लेकिन मिट्टी के दीपक से नहीं, बल्कि आर्टिफिशियल और चीनी लाइट से.
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भाजपा नेता ने कही ये बात : इस बीच ईटीवी भारत ने कारीगरों के पास किसी तरह का ऑर्डर नहीं होने और दीपक की उपलब्धता को लेकर भाजपा नेता महावीर रांका से बात की तो उन्होंने कहा कि वे कारीगरों से दीपक खरीदेंगे और पूरे शहर में वितरण भी करेंगे. इसको लेकर एक संख्या भी उन्होंने तय की है. उन्होंने कहा कि सभी कारीगरों तक यह ऑर्डर पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा.