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Student March in Bikaner: शिक्षक नियुक्ति की मांग को लेकर ग्रामीण व बच्चों का पैदल मार्च, मंत्री मेघवाल का शिक्षा मंत्री पर वार - विधानसभा चुनाव

स्कूल में रिक्त पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति मांग को लेकर एक बार फिर गहलोत के दो मंत्रियों की रार सार्वजनिक हो गई है. नाराजगी का आलम यह है कि राज्य के आपदा राहत मंत्री गोविंद मेघवाल ने शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला पर निशाना साधते हुए सीएम को पत्र लिखा है.

Student Bikaner March
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Published : Jan 25, 2023, 1:23 PM IST

ग्रामीण व बच्चों का पैदल मार्च

बीकानेर. इसी साल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. सीएम गहलोत अपने आखिरी बजट के जरिए सभी को खुश करने में लगे हैं, लेकिन उनके मंत्री और विधायकों की आपसी भिड़ंत के कारण आगे खेल बिगड़ने की संभावना बढ़ गई है. खैर, हम ऐसा क्यों कह रहे हैं तो चलिए अब आपको ताजा वाकया से अवगत कराते हैं. दरअसल, बीकानेर के खाजूवाला विधानसभा क्षेत्र में एक स्कूल में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने की मांग को लेकर स्कूली शिक्षकों के साथ ही विपक्ष की ओर से लगातार हमले हो रहे हैं. विद्यार्थी धरना प्रदर्शन और पैदल मार्च कर रहे हैं, लेकिन अब इस अखाड़े में गहलोत के एक और मंत्री कूद गए हैं. जिन्होंने शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला पर जमकर निशाना साधा और फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिख उक्त समस्या के त्वरित निदान की मांग की है.

खाजूवाला से विधायक व राज्य के आपदा राहत मंत्री गोविंद मेघवाल ने अपने ही सरकार के शिक्षा मंत्री की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. खास बात यह है कि खुद मेघवाल और कल्ला दोनों ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक माने जाते हैं. ऐसे में गहलोत खेमे के इन दोनों मंत्रियों के बीच जारी वाक युद्ध सियासी लिहाज से काफी अहम है. असल में ये पूरा मामला मंत्री गोविंद मेघवाल के विधानसभा क्षेत्र खाजूवाला स्थित एक स्कूल से जुड़ा है, जहां स्कूल में शिक्षकों की कमी के कारण तालाबंदी कर दी गई और विद्यार्थी पैदल ही बीकानेर के लिए निकल गए हैं.

ये बोले मेघवाल: अपने विधानसभा क्षेत्र में विद्यार्थियों के आंदोलन के बाद आपदा राहत मंत्री गोविंद मेघवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा और शिक्षा मंत्री की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों में शिक्षकों को लगा दिया गया है. वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यार्थियों की पढ़ाई चौपट हो रही है. अगर विद्यार्थियों की सुनवाई नहीं होगी तो मजबूरन उन्हें भी धरने पर बैठना पड़ेगा.

इसे भी पढ़ें - No to CBI Inquiry: धारीवाल ने पेपर लीक मामले को CBI को सौंपने से किया इनकार, वजह भी बताई

पहले धरना, अब कूच: प्रदेश में बेहाल शिक्षा व्यवस्था की मौजूदा हालात ये हैं कि एक शिक्षक की नियुक्ति के लिए विद्यार्थियों के साथ ही ग्रामीणों तक को पैदल मार्च और धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है. स्कूल में तालाबंदी अब आम बात हो गई है, लेकिन इतना कुछ होने के बाद भी शिक्षा मंत्री की ओर से कोई भी कारगर कदम नहीं उठाया जा रहा है. यही वजह है कि अब पार्टी के भीतर ही मंत्रियों के बीच वाक युद्घ शुरू हो गया है.

मंत्री मेघवाल से पहले विधायक अशोक लाहोटी और दीप्ती माहेश्वरी ने भी शिक्षा मंत्री की कार्यशैली पर सवाल उठाया था. इन दोनों विधायकों ने स्कूलों में शिक्षकों की कमी के साथ ही टॉयलेट व अन्य मूलभूत सुविधाओं को लेकर भी कल्ला पर निशाना साधा था. हालांकि, इस पूरे मामले में शिक्षा मंत्री ने अपनी सफाई देने की कोशिश की, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि पिछले कुछ दिनों से खुद मंत्री कल्ला के गृह जिले में शिक्षकों की कमी को लेकर प्रदर्शनों का दौर जारी है. आलम यह है कि कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए ताले मार दिए गए हैं.

ताजा मामला पूगल तहसील के डंडी गांव से सामने आया हैं, जहां विद्यालय में 13 शिक्षकों के पद खाली होने की वजह से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. शिक्षकों को लगाने की मांग को लेकर पिछले 4 दिनों से विद्यालय में तालाबंदी कर ग्रामीण और बच्चे भूख हड़ताल किए. बावजूद इसके उनकी मांगों पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. ऐसे में आक्रोशित ग्रामीणों व बच्चों ने डंडी गांव से 90 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय बीकानेर की ओर पैदल कूच कर दिया.

पूगल से रवाना: बुधवार को ग्रामीणों के साथ ही स्कूली बच्चे भी पूगल से बीकानेर के लिए पैदल ही रवाना हो गए. वहीं, डंडी ग्राम पंचायत के सरपंच मोहम्मद अली ने कहा कि वार्षिक परीक्षा भी सिर पर है और बच्चों का कोर्स भी अभी पूरा नहीं हुआ. ऊपर से शिक्षकों की कमी के चलते बच्चों की पढ़ाई लगातार प्रभावित हो रही है. पिछले 4 दिनों तक स्कूल में तालाबंदी कर धरना प्रदर्शन करने के बावजूद भी किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया.

हालांकि, ग्रामीणों और बच्चों की मांग है कि स्कूलों में अविलंब शिक्षकों की नियुक्ति की जाएं, ताकि उनकी पढ़ाई सुचारू रूप से चले. इधर, इस मसले पर जिला शिक्षा अधिकारी सुरेंद्रसिंह भाटी ने कहा कि स्कूल में तृतीय श्रेणी के 4 शिक्षकों के पद रिक्त थे, जिनमें से दो को पूर्व में लगा दिया गया है और दो को बुधवार को लगाने के आदेश दिए गए हैं.

ग्रामीण व बच्चों का पैदल मार्च

बीकानेर. इसी साल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. सीएम गहलोत अपने आखिरी बजट के जरिए सभी को खुश करने में लगे हैं, लेकिन उनके मंत्री और विधायकों की आपसी भिड़ंत के कारण आगे खेल बिगड़ने की संभावना बढ़ गई है. खैर, हम ऐसा क्यों कह रहे हैं तो चलिए अब आपको ताजा वाकया से अवगत कराते हैं. दरअसल, बीकानेर के खाजूवाला विधानसभा क्षेत्र में एक स्कूल में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने की मांग को लेकर स्कूली शिक्षकों के साथ ही विपक्ष की ओर से लगातार हमले हो रहे हैं. विद्यार्थी धरना प्रदर्शन और पैदल मार्च कर रहे हैं, लेकिन अब इस अखाड़े में गहलोत के एक और मंत्री कूद गए हैं. जिन्होंने शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला पर जमकर निशाना साधा और फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिख उक्त समस्या के त्वरित निदान की मांग की है.

खाजूवाला से विधायक व राज्य के आपदा राहत मंत्री गोविंद मेघवाल ने अपने ही सरकार के शिक्षा मंत्री की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. खास बात यह है कि खुद मेघवाल और कल्ला दोनों ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक माने जाते हैं. ऐसे में गहलोत खेमे के इन दोनों मंत्रियों के बीच जारी वाक युद्ध सियासी लिहाज से काफी अहम है. असल में ये पूरा मामला मंत्री गोविंद मेघवाल के विधानसभा क्षेत्र खाजूवाला स्थित एक स्कूल से जुड़ा है, जहां स्कूल में शिक्षकों की कमी के कारण तालाबंदी कर दी गई और विद्यार्थी पैदल ही बीकानेर के लिए निकल गए हैं.

ये बोले मेघवाल: अपने विधानसभा क्षेत्र में विद्यार्थियों के आंदोलन के बाद आपदा राहत मंत्री गोविंद मेघवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा और शिक्षा मंत्री की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों में शिक्षकों को लगा दिया गया है. वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यार्थियों की पढ़ाई चौपट हो रही है. अगर विद्यार्थियों की सुनवाई नहीं होगी तो मजबूरन उन्हें भी धरने पर बैठना पड़ेगा.

इसे भी पढ़ें - No to CBI Inquiry: धारीवाल ने पेपर लीक मामले को CBI को सौंपने से किया इनकार, वजह भी बताई

पहले धरना, अब कूच: प्रदेश में बेहाल शिक्षा व्यवस्था की मौजूदा हालात ये हैं कि एक शिक्षक की नियुक्ति के लिए विद्यार्थियों के साथ ही ग्रामीणों तक को पैदल मार्च और धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है. स्कूल में तालाबंदी अब आम बात हो गई है, लेकिन इतना कुछ होने के बाद भी शिक्षा मंत्री की ओर से कोई भी कारगर कदम नहीं उठाया जा रहा है. यही वजह है कि अब पार्टी के भीतर ही मंत्रियों के बीच वाक युद्घ शुरू हो गया है.

मंत्री मेघवाल से पहले विधायक अशोक लाहोटी और दीप्ती माहेश्वरी ने भी शिक्षा मंत्री की कार्यशैली पर सवाल उठाया था. इन दोनों विधायकों ने स्कूलों में शिक्षकों की कमी के साथ ही टॉयलेट व अन्य मूलभूत सुविधाओं को लेकर भी कल्ला पर निशाना साधा था. हालांकि, इस पूरे मामले में शिक्षा मंत्री ने अपनी सफाई देने की कोशिश की, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि पिछले कुछ दिनों से खुद मंत्री कल्ला के गृह जिले में शिक्षकों की कमी को लेकर प्रदर्शनों का दौर जारी है. आलम यह है कि कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए ताले मार दिए गए हैं.

ताजा मामला पूगल तहसील के डंडी गांव से सामने आया हैं, जहां विद्यालय में 13 शिक्षकों के पद खाली होने की वजह से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. शिक्षकों को लगाने की मांग को लेकर पिछले 4 दिनों से विद्यालय में तालाबंदी कर ग्रामीण और बच्चे भूख हड़ताल किए. बावजूद इसके उनकी मांगों पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. ऐसे में आक्रोशित ग्रामीणों व बच्चों ने डंडी गांव से 90 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय बीकानेर की ओर पैदल कूच कर दिया.

पूगल से रवाना: बुधवार को ग्रामीणों के साथ ही स्कूली बच्चे भी पूगल से बीकानेर के लिए पैदल ही रवाना हो गए. वहीं, डंडी ग्राम पंचायत के सरपंच मोहम्मद अली ने कहा कि वार्षिक परीक्षा भी सिर पर है और बच्चों का कोर्स भी अभी पूरा नहीं हुआ. ऊपर से शिक्षकों की कमी के चलते बच्चों की पढ़ाई लगातार प्रभावित हो रही है. पिछले 4 दिनों तक स्कूल में तालाबंदी कर धरना प्रदर्शन करने के बावजूद भी किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया.

हालांकि, ग्रामीणों और बच्चों की मांग है कि स्कूलों में अविलंब शिक्षकों की नियुक्ति की जाएं, ताकि उनकी पढ़ाई सुचारू रूप से चले. इधर, इस मसले पर जिला शिक्षा अधिकारी सुरेंद्रसिंह भाटी ने कहा कि स्कूल में तृतीय श्रेणी के 4 शिक्षकों के पद रिक्त थे, जिनमें से दो को पूर्व में लगा दिया गया है और दो को बुधवार को लगाने के आदेश दिए गए हैं.

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