बीकानेर. माघ पूर्णिमा रविवार यानी 5 फरवरी को उदय तिथि के अनुसार मनाई जाएगी. हिन्दू धर्म शास्त्रों में माघ पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन तीर्थ स्नान और दान का काफी महत्व होता है. वहीं, इस दौरान किए गए सभी दान कार्य का लाभ जल्द मिलता है. हिंदू धर्म में माघ पूर्णिमा को काफी खास माना जाता है. माघ पूर्णिमा को माघ मास का अंतिम दिन माना जाता है. इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं. माना जाता है कि माघ पूर्णिमा के दिन देवतागण पृथ्वी लोक में भ्रमण के लिए आते हैं.
श्री हरि विष्णु की पूजा : पूर्णिमा के दिन भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा-अर्चना करनी चाहिए. इससे मां महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और पूर्णिमा के दिन की गई पूजा से कभी भी आर्थिक संकट नहीं रहता है. मान्यता है कि भगवान विष्णु किसी भी दान पुण्य से जितना प्रसन्न नहीं होते हैं, उससे ज्यादा इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का फल मिलता है. इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं.
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महासंयोग : हर पूर्णिमा के दिन हनुमान जी की पूजा करने का विधान है और जिस दिन हनुमान जी की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. वहीं, माघ पूर्णिमा पर अश्लेषा नक्षत्र और चन्द्रमा, गुरु एवं शनि ये तीनों ही ग्रह अपनी राशि में रहने से महत्वपूर्ण संयोग बन रहा है. इसके साथ ही वाशी योग, सुनफा योग, आयुष्मान योग, रविपुष्य योग एवं सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है.
दान का महत्व : माघ मास में किए गए दान और स्नान का काफी ज्यादा महत्व होता है. माघ पूर्णिमा के दिन इस दिन जरूरतमंद लोगों को दान-दक्षिणा, खाना, कपड़ा, तिल, गुड़ और कंबल का दान करना चाहिए. इस दिन वस्त्र दान और गौ दान का भी काफी महत्व होता है.
कैसे करें दिन की शुरुआत : माघ पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें. अगर आपके आस-पास कोई नदी नहीं है तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें. स्नान के बाद सूर्य भगवान के मंत्रों का जाप करें और उन्हें जल का अर्घ्य दें. इसके बाद व्रत का संकल्प लें और भगवान कृष्ण की पूजा करें. इस दिन गायत्री मंत्र या 'ॐ नमो नारायण' मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए. इस दिन रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देने का फल मिलता है. चंद्रमा के दर्शन के बाद ही व्रत करने वाले लोगों को भोजन करना चाहिए.
त्रिवेणी संगम बेणेश्वर धाम पर हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी : वहीं, डूंगरपुर जिले में सोम, माही और जाखम नदियों के त्रिवेणी संगम बेणेश्वर धाम पर माघ पूर्णिमा पर आज मुख्य मेला भर रहा है. मेले में सुबह से ही हजारों की संख्या में मेलार्थियों के पहुंचने का दौर शुरू हो गया. बेणेश्वर धाम के त्रिवेणी संगम में हजारों श्रद्धालू आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. भगवान सूर्य को अर्घ्य और मंदिरों में दर्शन कर मेले का लुत्फ उठा रहे हैं. वहीं, मुख्य मेले को लेकर आज महंत अच्युतानंद महाराज की पालकी यात्रा शाही स्नान मुख्य आकर्षण के केंद्र रहेंगे.