बीकानेर. संभाग की पंचायती राज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के साथ छ्ठे राज्य वित्त आयोग का संवाद कार्यक्रम (6th State Finance Commission Meeting in Bikaner) पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के प्रेक्षागृह में मंगलवार को आयोजित हुआ. कार्यक्रम में बीकानेर संभाग के लिए बजट सिफारिशों के सम्बंध में विचार विमर्श किया गया.
बैठक में वित्त आयोग के सदस्य लक्ष्मण सिंह रावत ने कहा कि धरातल की वस्तुस्थिति एवं आवश्यकताओं की जानकारी प्राप्त करने के लिए राज्य वित्त आयोग संभाग स्तर पर संवाद बैठकें आयोजित कर रहा है. बीकानेर की अपेक्षाओं के सम्बन्ध में स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के साथ विचार विमर्श के बाद सकारात्मक सुझाव तथा नवाचारों के प्रस्तावों के अनुसार आयोग रिपोर्ट तैयार करेगा. इसके बाद इन्हें राज्यपाल व राज्य सरकार को भेजा जाएगा. संभाग के विकास अधिकारियों, प्रधानों के साथ चर्चा के दौरान ग्राम पंचायतों की निजी आय बढ़ाने पर जोर दिया गया. इस सम्बन्ध में किए गए नवाचारों के बारे में भी विचार व्यक्त किए गए. जन प्रतिनिधियों ने विभिन्न व्यावहारिक समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित किया. इसके साथ ही अन्य सकारात्मक सुझाव भी प्रस्तुत किए गए.
नियमों की हो जानकारी : रावत ने कहा कि जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को पंचायतीराज विभाग से जारी आदेशों व नियमों की जानकारी रखनी चाहिए. संस्थाओं को प्राप्त राशि का सदुपयोग होना (Budget for Bikaner Division) चाहिए. साथ ही जनहित के कार्यों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन राशि में वृद्धि करने पर भी विचार किया जाएगा.
सेतु का काम : आयोग के सदस्य और भाजपा विधायक अशोक लाहोटी ने कहा कि इस प्रकार की संभाग स्तर की चर्चाएं सरकार एवं आमजन के मध्य सेतु का कार्य करेगी. स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप राज्य वित्त आयोग की अनुदान राशि का सदुपयोग सुनिश्चित हो सकेगा. जनप्रतिनिधि साधारण सभा में प्रस्ताव लेकर सरकार की ओर से अनुमत समस्त कार्य कर सकते हैं. पंचायतीराज अधिनियम की जानकारी प्रत्येक ग्रामीण को होनी चाहिए. इससे व्यक्ति अपने अधिकारों के प्रति सजग होंगे.
पंचायतों में सोलर प्लांट : जिला प्रमुख बीकानेर मोडाराम मेघवाल व श्रीगंगानगर जिला प्रमुख कुलदीप इंदौरा ने उपलब्ध बजट के सम्बंध में विचार रखे. जिला प्रमुख इंदौरा ने पंचायतों में सोलर प्लांट लगवाने, पंचायत समिति की निजी आय से वाहनों के क्रय का प्रावाधान करने, प्रधान व जिला प्रमुख के वेतन के बारे में विचार करने तथा प्रमुख व प्रधान को विकास करवाने के लिए कोटा (निधि) का प्रावधान करने का सुझाव दिया.
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प्रशासन ने दिए सुझाव : जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने ग्रामीण क्षेत्र के कार्मिकों के लिए आवास बनाने, निःसंतान वृद्ध के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास स्वीकृत करवाने, ग्रामीण पर्यटन (रॉयल ट्यूरिज्म) का प्रावधान करवाने, ग्रामीण क्षेत्र की भूमि पर अतिक्रमण न हो इसके लिए चारागाह विकास के साथ ट्यूबवेल का प्रावधान करने, ग्राम पंचायत जो इनकम जनरेट करती है उसका 10 प्रतिशत इनसेंटिव ग्राम पंचायत को देने जैसे सुझाव दिए. साथ ही उन्होंने कहा कि आपदा आने पर राज्य स्तर पर निर्देशिका जारी होने में समय लगता है. लम्पी बीमारी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि कलेक्टर को ऐसी आपदा की स्थिति में व्यय करने को अनुमत करने का सुझाव दिया.
जिला परिषद बीकानेर की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्या के. और श्रीगंगानगर सीईओ मोहम्मद जुनैद ने ग्राम पंचायतों में हुए कार्यों, पंचायत की आय बढ़ाने और किए गए नवाचारों की जानकारी दी. अतिरिक्त संभागीय आयुक्त ए.एच.गौरी ने सभी का आभार व्यक्त किया. इससे पूर्व राज्य वित्त आयोग के संयुक्त सचिव राजेश गुप्ता ने आयोग के कार्यों व प्रक्रिया पर प्रेजेन्टेशन दिया. इस दौरान राज्य वित्त आयोग के सदस्य लक्ष्मण सिंह रावत, डॉ. अशोक लाहोटी, सचिव एस.सी. देवाश्री भी मौजूद रहे. इस कार्यक्रम में वित्त आयोग के अध्यक्ष प्रद्युमन सिंह को आना था, लेकिन वह नहीं आए.