ETV Bharat / state

DAP की कमी पर बोले कृषि विभाग के अधिकारी....डीएपी की जगह एसएसपी काम में लें किसान...इसमें अधिक पोषक तत्व

भीलवाड़ा में पिछले एक महीने से डीएपी (DAP) की किल्लत है. रबी की फसल की बुवाई भी शुरू हो चुकी है. भीलवाड़ा कृषि विभाग के उपनिदेशक रामपाल खटीक ने ईटीवी भारत के जरिए किसानों को सलाह देते हुए कहा कि किसान डीएपी की जगह एसएसपी (Single super Phosphate) का उपयोग करें.

Bhilwara DAP demand
Bhilwara DAP demand
author img

By

Published : Oct 20, 2021, 5:17 PM IST

भीलवाड़ा. राज्य में जाते मानसून ने भीलवाड़ा जिले के ग्रामीण क्षेत्र को तरबतर कर दिया है. किसानों ने रबी की फसल चना, सरसों व तारामीरा की फसल की बुवाई शुरू कर दी है. लेकिन जिले में डीएपी (DAP) खाद का संकट है, ऐसे में भीलवाड़ा कृषि विभाग के उपनिदेशक रामपाल खटीक ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि डीएपी की उपलब्धता फिलहाल नहीं हो पाएगी, ऐसे में किसान डीएपी की कमी पूरी करने के लिए सिंगल सुपर फास्फेट यानी एसएसपी का उपयोग कर सकते हैं.

उपनिदेशक ने कहा कि यह डीएपी के एक बैग की जगह तीन सिंगल सुपर फास्फेट व एक यूरिया का बैग मिलाकर जमीन में छिड़काव कर सकते हैं. इससे जमीन में तमाम पोषक तत्वों की पूर्ति हो जाएगी. जिले में सिंगल सुपर फास्फेट की तीन औद्योगिक इकाइयां हैं.

पढ़ें: भीलवाड़ा में दिनदहाड़े लूट, बाइक सवार लुटेरों ने बैंक से पैसे निकाल कर लौटे व्यक्ति से छीने 5 लाख रुपए

उनका कहना है कि हमारे पास नौ हजार मैट्रिक टन सिंगल सुपर फास्फेट उपलब्ध था, जिसमें से चार हजार मीट्रिक टन सिंगल सुपर फास्फेट वितरण हो चुका है. जिले में रबी की फसल के लिए 10 हजार मीट्रिक टन डीएपी खाद की आवश्यकता होती है, जबकि हमारे पास तीन हजार मीट्रिक टन डीएपी खाद उपलब्ध था, जिसको पहले ही वितरण कर दिया गया है. डीएपी की कमी के चलते सिंगल सुपर फास्फेट ही एक अच्छा विकल्प है.

भीलवाड़ा. राज्य में जाते मानसून ने भीलवाड़ा जिले के ग्रामीण क्षेत्र को तरबतर कर दिया है. किसानों ने रबी की फसल चना, सरसों व तारामीरा की फसल की बुवाई शुरू कर दी है. लेकिन जिले में डीएपी (DAP) खाद का संकट है, ऐसे में भीलवाड़ा कृषि विभाग के उपनिदेशक रामपाल खटीक ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि डीएपी की उपलब्धता फिलहाल नहीं हो पाएगी, ऐसे में किसान डीएपी की कमी पूरी करने के लिए सिंगल सुपर फास्फेट यानी एसएसपी का उपयोग कर सकते हैं.

उपनिदेशक ने कहा कि यह डीएपी के एक बैग की जगह तीन सिंगल सुपर फास्फेट व एक यूरिया का बैग मिलाकर जमीन में छिड़काव कर सकते हैं. इससे जमीन में तमाम पोषक तत्वों की पूर्ति हो जाएगी. जिले में सिंगल सुपर फास्फेट की तीन औद्योगिक इकाइयां हैं.

पढ़ें: भीलवाड़ा में दिनदहाड़े लूट, बाइक सवार लुटेरों ने बैंक से पैसे निकाल कर लौटे व्यक्ति से छीने 5 लाख रुपए

उनका कहना है कि हमारे पास नौ हजार मैट्रिक टन सिंगल सुपर फास्फेट उपलब्ध था, जिसमें से चार हजार मीट्रिक टन सिंगल सुपर फास्फेट वितरण हो चुका है. जिले में रबी की फसल के लिए 10 हजार मीट्रिक टन डीएपी खाद की आवश्यकता होती है, जबकि हमारे पास तीन हजार मीट्रिक टन डीएपी खाद उपलब्ध था, जिसको पहले ही वितरण कर दिया गया है. डीएपी की कमी के चलते सिंगल सुपर फास्फेट ही एक अच्छा विकल्प है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.