भीलवाड़ा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को प्रदेश में बनाए गए 19 नए जिलों के नोटीफिकेशन के साथ ही विरोध शुरू हो गया है. भीलवाड़ा जिले के नवसृजित शाहपुरा जिले का क्षेत्रफल छोटा रखने के विरोध में शाहपुरा पूर्ण बंद रखा गया.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में 19 नये जिलों के नोटीफिकेशन के कुछ ही घंटों बाद ही नवगठित शाहपुरा जिले के सीमाकंन को लेकर शाहपुरा में विरोध प्रांरभ हो गया. शनिवार को शाहपुरा संघर्ष समिति के आव्हान पर शाहपुरा पूरी तरह से बंद है. बंद के दौरान शहर के सबसे व्यस्ततम कलिंजरी गेट चौराहे पर शाहपुरा संघर्ष समिति से जुड़े लोगों व युवाओं ने हाइवे को जाम कर दिया. पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की समझाइश के बाद वापस राजमार्ग यातायात सुचारु किया.
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समिति के संयोजक जयंत जीनगर के नेतृत्व में कई युवा अलसुबह से ही बाजारों में घूम कर दुकानों को बंद करवाते दिखे. सभी व्यापारिक, सामाजिक व धार्मिक संगठनों को बंद का पूर्ण रुप से समर्थन मिल रहा है. नए जिले शाहपुरा में खुशी से ज्यादा विरोध इसलिए हो रहा है क्योंकि 400 करोड़ राजस्व वाला डीएमएफटी फंड भीलवाड़ा में ही रखा गया है. नए जिले के सीमांकन में पूर्व निर्धारित गुलाबपुरा, हुरड़ा, मांडलगढ़ व बिजौलिया तहसील को शाहपुरा में नहीं जोड़कर भीलवाड़ा में ही रखा गया है. इन चार तहसीलों से सर्वाधिक राजस्व की आय होती है. बंद के दौरान कोई अप्रिय वारदात न होने इसके लिए कस्बे में अतिरिक्त जाब्ता भी तैनात किया गया है.