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RAJASTHAN SEAT SCAN: मांडलगढ़ में बीजेपी को फिर मिलेगी जीत या कांग्रेस छीनेगी सीट, ये जातिगत समीकरण निभाते हैं अहम रोल

साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे राजनीतिक दल सियासी जमीन पर रणनीति को धार दे रहे हैं. वहीं, राजनेताओं के दौरे भी विधानसभा क्षेत्रों में लगातार बढ़ गए हैं. इस बीच आज हम आपको मांडलगढ़ विधानसभा सीट के सियासी मिजाज को बता रहे हैं.

RAJASTHAN SEAT SCAN,  Mandalgarh ASSEMBLY CONSTITUENCY SEAT
मांडलगढ़ विधानसभा सीट.
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Published : Aug 13, 2023, 8:11 PM IST

Updated : Dec 1, 2023, 5:28 PM IST

मांडलगढ़ विधानसभा सीट.

भीलवाड़ा. राजस्थान विधानसभा चुनाव साल के अंत में होना है. चुनावी बिसात बिछने लगी है. हर दिन गुजरने के साथ राजनेताओं की ओर से तेज हो रहे जुबानी हमलों के बीच सियासी गलियारों में राजनीतिक पारा हाई होने लगा है. राजस्थान में राजनीतिक दलों के बीच जारी आरोप-प्रत्यारोप और जमीनी स्तर पर तैयार की जा रही रणनीति के बीच आज हम आपको भीलवाड़ा जिले की माण्डलगढ़ विधानसभा क्षेत्र का लेखाजोखा बताएंगे.

मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र की पहचान काफी पुरानी है. मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र के बिजोलिया से ही देश में सबसे पहले किसान आंदोलन की शुरुआत हुई थी. बिजोलिया किसान आंदोलन के प्रणेता रहे विजय सिंह पथिक की हर वर्ष जयंती मनाई जाती है. ऐतिहासिक महत्व वाले मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र का सियासी मिजाज भाजपा और कांग्रेस दोनों के पक्ष में जाता रहा है, हालांकि कांग्रेस को इस सीट पर सर्वाधिक बार विजय हासिल हुई है. इस विधानसभा सीट पर अब तक 17 बार चुनाव हुए हैं, इसमें दो उप चुनाव भी शामिल हैं . 17 बार हुए चुनाव में कांग्रेस को 12 बार, भाजपा को 3 बार जीत हासिल हुई है. वहीं, एक बार जनता पार्टी व एक बार भारतीय जनसंघ को जीत मिली है. वहीं, अगर पिछले चार चुनाव व एक उपचुनाव को देखें तो इस सीट पर तीन बार कांग्रेस व दो बार भाजपा का दबदबा रहा है. वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान इस सीट से वर्तमान विधायक गोपाल खंडेलवाल को भाजपा ने पहली बार मैदान में उतारा और जीत हासिल की. गोपाल खंडेलवाल ने कांग्रेस के पूर्व विधायक को पराजित किया था. 2018 में जनवरी माह में हुए उपचुनाव में विवेक धाकड़ ने शक्ति सिंह हाड़ा को हराया था.

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पिछले चुनाव का यह रहा परिणाम.

पढ़ेंः RAJASTHAN SEAT SCAN: बाड़ी में क्या गिर्राज सिंह मारेंगे जीत का 'चौका' या लगेगी सेंध, विरोधी हुए लामबंद तो बढ़ जाएगी मुश्किलें

सीट की पहचानः मांडलगढ़ विधानसभा सीट देश भर में अपनी अलग पहचान रखता है. यहां से बिजोलिया किसान आंदोलन की शुरुआत हुई थी. इसके साथ ही ये क्षेत्र सेंड स्टोन का खनन व प्रसिद्ध तिलस्वा महादेव मन्दिर( इस मंदिर में तिल के समान शिवलिंग स्थापित है) के लिए भी जानी जाती है. इस विधानसभा क्षेत्र में मेनाल जलप्रपात भी है, जिसका जिक्र पीएम नरेंद्र मोदी मन की बात में भी कर चुके हैं. इस क्षेत्र में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भाजपा की ओर से निकाली गई जन आक्रोश यात्रा के दौरान जनसभा को संबोधित किया था.

इस सीट पर कांग्रेस की नजरः मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस के आलानेताओं की भी नजर बराबर बनी हुई है. यहां से कांग्रेस के पूर्व विधायक भंवर लाल जोशी का पिछले महीने निधन हो गया था. इस दौरान पार्टी के कई नेता शोक व्यक्त करने यहां आए थे. इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने भी भंवर लाल जोशी के निधन पर शोक सभा में शामिल होने के बाद मतदाताओं की नब्ज भी टटोली थी.

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विधायक गोपाल खंडेलवाल व शक्ति सिंह हाड़ा

यह है जीत का फैक्टरः मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में जीत किसको मिलेगी, इसे ब्राह्मण, धाकड़ के साथ ही भील मतदाता तय करते हैं. जिस तरफ इन तीनों जातियों का झुकाव रहता है, जीत का सेहरा उसी के सिर बंधता है. इस सीट पर इसी फैक्टर को साधते हुए अब तक पार्टियों को जीत मिलती रही है. इस सीट पर धाकड़ जाति के करीब 32,000 मतदाता , ब्राह्मण 31000, गुर्जर 13800 मतदाता हैं. इसी प्रकार मीणा, sc-st 80000, मुस्लिम 8000, जाट 8000, जैन 4000, राजपूत 7000, रावणा राजपूत 7500, सेन (नाई) 8000, कुम्हार 7500 , कुमावत 4500, गाडरी 5000, योगी (नाथ) करीब 8000 मतदाता हैं.

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मांडलगढ़ सीट पर मतदाताओं की संख्या.

पढ़ेंः RAJASTHAN SEAT SCAN: भीलवाड़ा सीट पर भाजपा का कब्जा, दो दशक में कांग्रेस नहीं लगा पाई सेंध...इस बार यह है गणित

पिछले चुनाव में यह रहा परिणामः वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान इस सीट से 13 प्रत्याशियों ने भाग्य आजमाया था. इसमें बीजेपी के गोपाल खंडेलवाल(गोपाल लाल शर्मा) ने कांग्रेस के विवेक धाकड़ को हराया था. चुनाव में बीजेपी के गोपाल खंडेलवाल को 68481 व कांग्रेस से प्रत्याशी विवेक धाकड़ को 58148 वोट मिले थे. वहीं निर्दलीय गोपाल मालवीय को 42163, बसपा से प्यारे लाल रेगर को 2062, आम आदमी पार्टी से कैलाश सोडाणी को 1566, वहीं निर्दलीय कल्याणमल सेन को 722, जमील खान को 1313 मत मिले थे.

राजनीति में इस क्षेत्र का रहा प्रभावः मांडलगढ़ विधानसभा की चर्चा राजनीतिक गलियारों में हमेशा रही है. यहीं से सात बार चुनाव लड़ने वाले शिवचरण माथुर प्रदेश में दो बार मुख्यमंत्री रहे. भले ही शिवचरण माथुर की जाति के मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में बहुत कम मतदाता हैं, लेकिन उनकी जमीनी धरातल पर पकड़ मजबूत होने के कारण वे 6 बार विजयी रहे. वहीं, बिजोलिया किसान आंदोलन की वजह से इस क्षेत्र की चर्चा पूरे देश रही है. पिछले विधानसभा चुनाव व वर्ष 2018 जनवरी माह में हुए विधानसभा उपचुनाव में यहा से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले गोपाल मालवीय भी निर्णायक की भूमिका में रहे. मालवीय ने उपचुनाव व वर्ष 2018 के विधानसभा मुख्य चुनाव में 40000 से ज्यादा मत हासिल किए थे, जिससे त्रिकोणीय मुकाबला बना रहा था.

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गोपाल मालवीय व विवेक धाकड़.

पढ़ेंः धौलपुर सीट पर शोभारानी मारेंगी 'हैट्रिक' या वोट बैंक में लगेगी 'सेंध', मैदान पर है कई दावेदारों की नजर

भाजपा के प्रमुख दावेदारः माण्डलगढ़ विधानसभा क्षेत्र से इस बार भाजपा से कई दावेदार हैं. इस सीट से वर्तमान विधायक गोपाल खण्डेलवाल वसुंधरा सरकार में भीलवाड़ा नगर विकास न्यास के अध्यक्ष भी रहे हैं. उनको वर्ष 2018 में मांडलगढ़ विधानसभा सीट से भाजपा ने प्रत्याशी बनाया था. गोपाल खंडेलवाल वर्तमान में सबसे मजबूत दावेदार हैं. इसके साथ ही भीलवाड़ा के पूर्व जिला प्रमुख शक्ति सिंह हाड़ा, विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी राजस्थान के प्रांत प्रमुख भगवान सिंह राठौड़, भाजपा नेता संजय धाकड़ ,पूर्व विधायक बद्री प्रसाद, ओम मेड़तिया, राजकुमार आंचलिया, भाजपा जिलाध्यक्ष रहे लादू लाल तेली दावेदारी जता रहे हैं.

कांग्रेस से यह हैं प्रमुख दावेदारः मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस से भी कई नेता टिकट के लिए दावेदारी जता रहे हैं. इसमें प्रमुख दावेदार पूर्व विधायक विवेक धाकड़ हैं. इसके साथ ही कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष रामपाल शर्मा, गोपाल मालवीय, श्यामा देवी मीणा, सत्यनारायण जोशी , पूर्व विधायक प्रदीप कुमार सिंह का नाम चर्चा में बना हुआ है.

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पिछले चार चुनाव का परिणाम.

पढ़ेंः RAJASTHAN SEAT SCAN: आसींद से बीजेपी मारेगी जीत का 'चौका' या पलटेगा पासा, हर दल को चाहिए गुर्जर-ब्राह्मण के गठजोड़ का साथ

गोपाल खंडेलवाल बोले, विकास की कमी नहींः मांडलगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा से वर्तमान विधायक गोपाल खंडेलवाल ने कहा कि मेरे मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में जब से विधायक बना, तब से लगातार विकास करवा रहा हूं. भले ही प्रदेश में हमारी सरकार नहीं है, लेकिन विकास में कोई कमी नहीं आने दी. विधानसभा क्षेत्र में जर्जर स्कूल के भवनों के लिए डिस्ट्रिक्ट मिनल फाउंडेशन फंड से पैसे पास करवाए. मांडलगढ़ विधान क्षेत्र में जो काम यहां से दो बार मुख्यमंत्री रहते हुए स्वर्गीय शिवचरण माथुर के कार्यकाल में नहीं हुए वह काम हमने पूरे करवाए. उन्होंने कहा कि मैं मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में जनता के मुद्दे और जनता के काम को लेकर ही पुनः चुनाव मैदान में जाऊंगा.

विवेक धाकड़ बोले, विकास के मुद्दे पर लड़ेंगे चुनावः मांडलगढ़ के पूर्व विधायक विवेक धाकड़ ने कहा कि हमारे भाजपा के विधायक गोपाल खंडेलवाल कह रहे हैं कि क्षेत्र में विकास हो रहे हैं, मैं कहता हूं कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और विकास हो रहे हैं, यह बात भाजपा विधायक मान रहे हैं. इससे बड़ी उपलब्धि और क्या हो सकती है? मैं भी क्षेत्र में हमेशा जन भावना के अनुरूप जो काम हो सकते हैं, उनको निश्चित रूप से सरकार की ओर से पूरे करवा रहा हूं. हम सरकार में भागीदार हो, इसके लिए पुनः चुनाव मैदान में विकास के मुद्दे को लेकर जाएंगे.

मांडलगढ़ विधानसभा सीट.

भीलवाड़ा. राजस्थान विधानसभा चुनाव साल के अंत में होना है. चुनावी बिसात बिछने लगी है. हर दिन गुजरने के साथ राजनेताओं की ओर से तेज हो रहे जुबानी हमलों के बीच सियासी गलियारों में राजनीतिक पारा हाई होने लगा है. राजस्थान में राजनीतिक दलों के बीच जारी आरोप-प्रत्यारोप और जमीनी स्तर पर तैयार की जा रही रणनीति के बीच आज हम आपको भीलवाड़ा जिले की माण्डलगढ़ विधानसभा क्षेत्र का लेखाजोखा बताएंगे.

मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र की पहचान काफी पुरानी है. मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र के बिजोलिया से ही देश में सबसे पहले किसान आंदोलन की शुरुआत हुई थी. बिजोलिया किसान आंदोलन के प्रणेता रहे विजय सिंह पथिक की हर वर्ष जयंती मनाई जाती है. ऐतिहासिक महत्व वाले मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र का सियासी मिजाज भाजपा और कांग्रेस दोनों के पक्ष में जाता रहा है, हालांकि कांग्रेस को इस सीट पर सर्वाधिक बार विजय हासिल हुई है. इस विधानसभा सीट पर अब तक 17 बार चुनाव हुए हैं, इसमें दो उप चुनाव भी शामिल हैं . 17 बार हुए चुनाव में कांग्रेस को 12 बार, भाजपा को 3 बार जीत हासिल हुई है. वहीं, एक बार जनता पार्टी व एक बार भारतीय जनसंघ को जीत मिली है. वहीं, अगर पिछले चार चुनाव व एक उपचुनाव को देखें तो इस सीट पर तीन बार कांग्रेस व दो बार भाजपा का दबदबा रहा है. वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान इस सीट से वर्तमान विधायक गोपाल खंडेलवाल को भाजपा ने पहली बार मैदान में उतारा और जीत हासिल की. गोपाल खंडेलवाल ने कांग्रेस के पूर्व विधायक को पराजित किया था. 2018 में जनवरी माह में हुए उपचुनाव में विवेक धाकड़ ने शक्ति सिंह हाड़ा को हराया था.

RAJASTHAN SEAT SCAN,  Mandalgarh ASSEMBLY CONSTITUENCY SEAT
पिछले चुनाव का यह रहा परिणाम.

पढ़ेंः RAJASTHAN SEAT SCAN: बाड़ी में क्या गिर्राज सिंह मारेंगे जीत का 'चौका' या लगेगी सेंध, विरोधी हुए लामबंद तो बढ़ जाएगी मुश्किलें

सीट की पहचानः मांडलगढ़ विधानसभा सीट देश भर में अपनी अलग पहचान रखता है. यहां से बिजोलिया किसान आंदोलन की शुरुआत हुई थी. इसके साथ ही ये क्षेत्र सेंड स्टोन का खनन व प्रसिद्ध तिलस्वा महादेव मन्दिर( इस मंदिर में तिल के समान शिवलिंग स्थापित है) के लिए भी जानी जाती है. इस विधानसभा क्षेत्र में मेनाल जलप्रपात भी है, जिसका जिक्र पीएम नरेंद्र मोदी मन की बात में भी कर चुके हैं. इस क्षेत्र में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भाजपा की ओर से निकाली गई जन आक्रोश यात्रा के दौरान जनसभा को संबोधित किया था.

इस सीट पर कांग्रेस की नजरः मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस के आलानेताओं की भी नजर बराबर बनी हुई है. यहां से कांग्रेस के पूर्व विधायक भंवर लाल जोशी का पिछले महीने निधन हो गया था. इस दौरान पार्टी के कई नेता शोक व्यक्त करने यहां आए थे. इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने भी भंवर लाल जोशी के निधन पर शोक सभा में शामिल होने के बाद मतदाताओं की नब्ज भी टटोली थी.

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विधायक गोपाल खंडेलवाल व शक्ति सिंह हाड़ा

यह है जीत का फैक्टरः मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में जीत किसको मिलेगी, इसे ब्राह्मण, धाकड़ के साथ ही भील मतदाता तय करते हैं. जिस तरफ इन तीनों जातियों का झुकाव रहता है, जीत का सेहरा उसी के सिर बंधता है. इस सीट पर इसी फैक्टर को साधते हुए अब तक पार्टियों को जीत मिलती रही है. इस सीट पर धाकड़ जाति के करीब 32,000 मतदाता , ब्राह्मण 31000, गुर्जर 13800 मतदाता हैं. इसी प्रकार मीणा, sc-st 80000, मुस्लिम 8000, जाट 8000, जैन 4000, राजपूत 7000, रावणा राजपूत 7500, सेन (नाई) 8000, कुम्हार 7500 , कुमावत 4500, गाडरी 5000, योगी (नाथ) करीब 8000 मतदाता हैं.

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मांडलगढ़ सीट पर मतदाताओं की संख्या.

पढ़ेंः RAJASTHAN SEAT SCAN: भीलवाड़ा सीट पर भाजपा का कब्जा, दो दशक में कांग्रेस नहीं लगा पाई सेंध...इस बार यह है गणित

पिछले चुनाव में यह रहा परिणामः वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान इस सीट से 13 प्रत्याशियों ने भाग्य आजमाया था. इसमें बीजेपी के गोपाल खंडेलवाल(गोपाल लाल शर्मा) ने कांग्रेस के विवेक धाकड़ को हराया था. चुनाव में बीजेपी के गोपाल खंडेलवाल को 68481 व कांग्रेस से प्रत्याशी विवेक धाकड़ को 58148 वोट मिले थे. वहीं निर्दलीय गोपाल मालवीय को 42163, बसपा से प्यारे लाल रेगर को 2062, आम आदमी पार्टी से कैलाश सोडाणी को 1566, वहीं निर्दलीय कल्याणमल सेन को 722, जमील खान को 1313 मत मिले थे.

राजनीति में इस क्षेत्र का रहा प्रभावः मांडलगढ़ विधानसभा की चर्चा राजनीतिक गलियारों में हमेशा रही है. यहीं से सात बार चुनाव लड़ने वाले शिवचरण माथुर प्रदेश में दो बार मुख्यमंत्री रहे. भले ही शिवचरण माथुर की जाति के मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में बहुत कम मतदाता हैं, लेकिन उनकी जमीनी धरातल पर पकड़ मजबूत होने के कारण वे 6 बार विजयी रहे. वहीं, बिजोलिया किसान आंदोलन की वजह से इस क्षेत्र की चर्चा पूरे देश रही है. पिछले विधानसभा चुनाव व वर्ष 2018 जनवरी माह में हुए विधानसभा उपचुनाव में यहा से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले गोपाल मालवीय भी निर्णायक की भूमिका में रहे. मालवीय ने उपचुनाव व वर्ष 2018 के विधानसभा मुख्य चुनाव में 40000 से ज्यादा मत हासिल किए थे, जिससे त्रिकोणीय मुकाबला बना रहा था.

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गोपाल मालवीय व विवेक धाकड़.

पढ़ेंः धौलपुर सीट पर शोभारानी मारेंगी 'हैट्रिक' या वोट बैंक में लगेगी 'सेंध', मैदान पर है कई दावेदारों की नजर

भाजपा के प्रमुख दावेदारः माण्डलगढ़ विधानसभा क्षेत्र से इस बार भाजपा से कई दावेदार हैं. इस सीट से वर्तमान विधायक गोपाल खण्डेलवाल वसुंधरा सरकार में भीलवाड़ा नगर विकास न्यास के अध्यक्ष भी रहे हैं. उनको वर्ष 2018 में मांडलगढ़ विधानसभा सीट से भाजपा ने प्रत्याशी बनाया था. गोपाल खंडेलवाल वर्तमान में सबसे मजबूत दावेदार हैं. इसके साथ ही भीलवाड़ा के पूर्व जिला प्रमुख शक्ति सिंह हाड़ा, विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी राजस्थान के प्रांत प्रमुख भगवान सिंह राठौड़, भाजपा नेता संजय धाकड़ ,पूर्व विधायक बद्री प्रसाद, ओम मेड़तिया, राजकुमार आंचलिया, भाजपा जिलाध्यक्ष रहे लादू लाल तेली दावेदारी जता रहे हैं.

कांग्रेस से यह हैं प्रमुख दावेदारः मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस से भी कई नेता टिकट के लिए दावेदारी जता रहे हैं. इसमें प्रमुख दावेदार पूर्व विधायक विवेक धाकड़ हैं. इसके साथ ही कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष रामपाल शर्मा, गोपाल मालवीय, श्यामा देवी मीणा, सत्यनारायण जोशी , पूर्व विधायक प्रदीप कुमार सिंह का नाम चर्चा में बना हुआ है.

RAJASTHAN SEAT SCAN,  Mandalgarh ASSEMBLY CONSTITUENCY SEAT
पिछले चार चुनाव का परिणाम.

पढ़ेंः RAJASTHAN SEAT SCAN: आसींद से बीजेपी मारेगी जीत का 'चौका' या पलटेगा पासा, हर दल को चाहिए गुर्जर-ब्राह्मण के गठजोड़ का साथ

गोपाल खंडेलवाल बोले, विकास की कमी नहींः मांडलगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा से वर्तमान विधायक गोपाल खंडेलवाल ने कहा कि मेरे मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में जब से विधायक बना, तब से लगातार विकास करवा रहा हूं. भले ही प्रदेश में हमारी सरकार नहीं है, लेकिन विकास में कोई कमी नहीं आने दी. विधानसभा क्षेत्र में जर्जर स्कूल के भवनों के लिए डिस्ट्रिक्ट मिनल फाउंडेशन फंड से पैसे पास करवाए. मांडलगढ़ विधान क्षेत्र में जो काम यहां से दो बार मुख्यमंत्री रहते हुए स्वर्गीय शिवचरण माथुर के कार्यकाल में नहीं हुए वह काम हमने पूरे करवाए. उन्होंने कहा कि मैं मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में जनता के मुद्दे और जनता के काम को लेकर ही पुनः चुनाव मैदान में जाऊंगा.

विवेक धाकड़ बोले, विकास के मुद्दे पर लड़ेंगे चुनावः मांडलगढ़ के पूर्व विधायक विवेक धाकड़ ने कहा कि हमारे भाजपा के विधायक गोपाल खंडेलवाल कह रहे हैं कि क्षेत्र में विकास हो रहे हैं, मैं कहता हूं कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और विकास हो रहे हैं, यह बात भाजपा विधायक मान रहे हैं. इससे बड़ी उपलब्धि और क्या हो सकती है? मैं भी क्षेत्र में हमेशा जन भावना के अनुरूप जो काम हो सकते हैं, उनको निश्चित रूप से सरकार की ओर से पूरे करवा रहा हूं. हम सरकार में भागीदार हो, इसके लिए पुनः चुनाव मैदान में विकास के मुद्दे को लेकर जाएंगे.

Last Updated : Dec 1, 2023, 5:28 PM IST
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