भीलवाड़ा. जिले में 15 सालों से लगातार चल रहा डीजे पिकअप सिस्टम को जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट के रोक लगाने के बाद सोमवार को विरोध में पिकअप डीजे एसोसिएशन व्यापारियों ने प्रदर्शन किया. वहीं डीजे पिकअप व्यापारियों का कहना है कि इस रोकथाम के कारण पूरे जिले में 25 हजार युवा बेरोजगार हो गए हैं. वहीं इसका खासा असर उनके परिवार पर भी आया है.
व्यापारियों ने किया अपना दर्द बयां
वहीं पिकअप डीजे व्यापारी नारायण गुर्जर ने बताया कि आज दिन तक किसी भी धार्मिक कार्यक्रम में शहर और गांव में समय अवधि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित समय रात 10 बजे बाद नहीं चला है. आज तक किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है. वहीं डीजे गाड़ी बंद करवाने से संपूर्ण जिले से करीब 25 हजार युवा बेरोजगार हो गए. यहां तक कि इस रोकथाम से व्यापारियों के परिवार को भी नुकसान झेलना पड़ रहा है. हमारा परिवार पिकअप डीजे गाड़ियों के कारण चल रहा है.
वहीं दूसरी ओर नरेंद्र रेगर का कहना है कि पिकअप डीजे गाड़ी अपने घर, खेत, आभूषण बेचकर बनवाते हैं. इन गाड़ियों को बनवाने में कम से कम लाखों रुपए का खर्च आ जाता है. परंतु अब यह रोकथाम के बाद व्यापारी को काफी बड़ा नुकसान झेलना पड़ेगा. करीब-करीब सभी व्यापारी यह गाड़ियां किस्तों और डाउन पेमेंट पर बनवाते हैं. जो जिसका ऋण वह इन गाड़ियों से मिले रुपये से चुकाते हैं. अब इन व्यापारियों के लिए इनकी किस्ते जमा करवाना मुश्किल हो जाएगा.
साथ ही व्यापारियों ने मांग रखी कि डीजे पिकअप गाड़ियों की रोकथाम का आदेश है. इसको रोका जाये और इसके लिए कुछ अन्य नियम बनाए जाए. जिसकी हम नियम अनुसार पालना करेंगे. अब देखना यह है कि जिले भर में हो रहे विरोध प्रदर्शन के बाद डीजे पिकअप गाड़ियों के रोकथाम के आदेश बदले जाते हैं या नहीं.