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भीलवाड़ा: 2 सिपाहियों की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी गिरफ्तार

भीलवाड़ा में कोटड़ी और रायला एरिया के दो कांस्टेबल की हत्या के आरोप में एक और आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. मामले में अब तक दो आरोपी पकड़े जा चुके हैं.

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हत्या के मामले में मुख्य आरोपी गिरफ्तार
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Published : Apr 20, 2021, 8:56 PM IST

भीलवाड़ा. बीते 10 अप्रैल की रात को तस्करों द्वारा फायरिंग कर दो जवानों की हत्या कर फरार तस्करों के सरगना सुनील डूडी को पकड़ने के बाद पुलिस ने वारदात में शामिल एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है. स्पेशल टीम ने राजस्थान, गुजरात और आंध्र प्रदेश में करीब 2,500 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद दूसरे मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है.

पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में एटीएस, एसओजी पुलिस ने सोमवार को जोधपुर के डांगियावास निवासी रामदेव जाखड़ को निम्बाहेड़ा में टोल प्लाजा से गिरफ्तार किया है. बाद में उसे भीलवाड़ा पुलिस को सौंप दिया गया. अब उसे भीलवाड़ा लाया गया है. इससे पहले बिलाड़ा थानान्तर्गत मतवालों की ढाणी निवासी सुनील डूडी को रविवार तड़के फलौदी तहसील के खारा गांव में एक मकान से गिरफ्तार किया जा चुका है.

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पुलिस के मुताबिक, 10 अप्रैल की देर रात मादक पदार्थ ले जाने के दौरान पुलिस की नाकाबंदी में तस्करों ने फायरिंग की थी. कांस्टेबल ओंकार और पवन कुमार की मौत हो गई थी. वारदात के बाद रामेदव जाखड़ बाड़मेर भाग गया था. सुराग लगने पर पुलिस भी बाड़मेर पहुंच गई थी, लेकिन इसकी भनक लगने पर रामदेव गुजरात भाग गया था और फिर वह हैदराबाद भाग गया. जहां से वह रविवार देर रात लौट रहा था, तब निंबाहेड़ा में टोल प्लाजा पर उसे दबोच लिया गया.

क्या था मामला?

दरअसल, भीलवाड़ा से मादक पदार्थ की बड़ी खेप लेकर तस्कर चार वाहनों में गत 10 अप्रैल की रात जोधपुर लौट रहे थे. एक एसयूवी गाड़ी में रामदेव सवार था. वह चालक के पास वाली सीट पर बैठा था. जांच में कई पुलिसकर्मियों की भूमिका सामने आई है. एसटीएस और एसओजी ने पांच कांस्टेबल सहित कई लोगों को हिरासत में ले रखा है. इनमें जोधपुर की ग्रामीण पुलिस का एक और भीलवाड़ा पुलिस के चार कांस्टेबल शामिल हैं. स्पेशल टीम उनसे पूछताछ कर रही है.

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गौरतलब है, आरोपी को पकड़ने के लिए एक विशेष टीम बनाई गई. पुलिस अधीक्षक भीलवाड़ा के सुपरविजन में ऑपरेशन चलाया गया. टीम द्वारा विशेष सावधानी बरतते हुए दबिश देकर मुख्य आरोपी सुनील डूडी को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें गहन पूछताछ में दूसरे आरोपी की लोकेशन का पता चला, जिसके बाद दूसरे मुख्य आरोपी को भी पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है.

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कॉल डिटेल का विश्लेषण किया

मामले में साइबर सेल की ओर से घटनास्थलों के टावर डंप संकलित करना, तस्करों की ओर से काम में लिए गए मार्गों पर उपलब्ध सीसीटीवी कैमरों का अवलोकन और फुटेज का संकलन, मादक पदार्थ तस्करी में लिप्त व्यक्तियों के मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल का विश्लेषण, मादक पदार्थ तस्करी में लिप्त अपराधियों और उनके सहयोगियों का चिन्हीकरण और फील्ड स्तर पर शीघ्रता शीघ्न आसूचना संकलन करना इत्यादि कार्य निर्धारित किए गए. घटनास्थल पर आने-जाने वाले रास्तों यथा ग्राम कदवासा मध्यप्रदेश, बेगूं, बिगोद, नंदराय, कोटड़ी, रायला, माण्डलगढ़, लाडपुरा, शंभूगढ़, बदनोर, भीम और ब्यावर से सीसीटीवी फुटेज लिए. उनका गम्भीरता पूर्वक विश्लेषण किया गया और घटनास्थल और आसपास के मोबाइल टावर से डेटा प्राप्त कर गम्भीरता पूर्वक विश्लेषण किया गया.

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साथ ही 80 हजार से अधिक मोबाइल नम्बरों और 40 हजार मोबाइल उपकरण का तुलनात्मक विश्लेषण किया गया. 750 से अधिक सीसीटीवी कैमरा का डेटा प्राप्त कर तुलनात्मक रूप से गम्भीरता पूर्वक विश्लेषण किया गया और टीम के सदस्यों द्वारा जिला भीलवाड़ा, राजसमंद, चितौडगढ़, पाली, जोधपुर, बाड़मेर और जालौर व मध्यप्रदेश के 200 से अधिक संदिग्ध लोगों से पूछताछ की गई. उपरोक्त कार्रवाई के आधार पर इस प्रकरण में जिला जोधपुर के गैंग की ओर से घटना करना सामने आया.

भीलवाड़ा. बीते 10 अप्रैल की रात को तस्करों द्वारा फायरिंग कर दो जवानों की हत्या कर फरार तस्करों के सरगना सुनील डूडी को पकड़ने के बाद पुलिस ने वारदात में शामिल एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है. स्पेशल टीम ने राजस्थान, गुजरात और आंध्र प्रदेश में करीब 2,500 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद दूसरे मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है.

पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में एटीएस, एसओजी पुलिस ने सोमवार को जोधपुर के डांगियावास निवासी रामदेव जाखड़ को निम्बाहेड़ा में टोल प्लाजा से गिरफ्तार किया है. बाद में उसे भीलवाड़ा पुलिस को सौंप दिया गया. अब उसे भीलवाड़ा लाया गया है. इससे पहले बिलाड़ा थानान्तर्गत मतवालों की ढाणी निवासी सुनील डूडी को रविवार तड़के फलौदी तहसील के खारा गांव में एक मकान से गिरफ्तार किया जा चुका है.

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पुलिस के मुताबिक, 10 अप्रैल की देर रात मादक पदार्थ ले जाने के दौरान पुलिस की नाकाबंदी में तस्करों ने फायरिंग की थी. कांस्टेबल ओंकार और पवन कुमार की मौत हो गई थी. वारदात के बाद रामेदव जाखड़ बाड़मेर भाग गया था. सुराग लगने पर पुलिस भी बाड़मेर पहुंच गई थी, लेकिन इसकी भनक लगने पर रामदेव गुजरात भाग गया था और फिर वह हैदराबाद भाग गया. जहां से वह रविवार देर रात लौट रहा था, तब निंबाहेड़ा में टोल प्लाजा पर उसे दबोच लिया गया.

क्या था मामला?

दरअसल, भीलवाड़ा से मादक पदार्थ की बड़ी खेप लेकर तस्कर चार वाहनों में गत 10 अप्रैल की रात जोधपुर लौट रहे थे. एक एसयूवी गाड़ी में रामदेव सवार था. वह चालक के पास वाली सीट पर बैठा था. जांच में कई पुलिसकर्मियों की भूमिका सामने आई है. एसटीएस और एसओजी ने पांच कांस्टेबल सहित कई लोगों को हिरासत में ले रखा है. इनमें जोधपुर की ग्रामीण पुलिस का एक और भीलवाड़ा पुलिस के चार कांस्टेबल शामिल हैं. स्पेशल टीम उनसे पूछताछ कर रही है.

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गौरतलब है, आरोपी को पकड़ने के लिए एक विशेष टीम बनाई गई. पुलिस अधीक्षक भीलवाड़ा के सुपरविजन में ऑपरेशन चलाया गया. टीम द्वारा विशेष सावधानी बरतते हुए दबिश देकर मुख्य आरोपी सुनील डूडी को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें गहन पूछताछ में दूसरे आरोपी की लोकेशन का पता चला, जिसके बाद दूसरे मुख्य आरोपी को भी पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है.

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कॉल डिटेल का विश्लेषण किया

मामले में साइबर सेल की ओर से घटनास्थलों के टावर डंप संकलित करना, तस्करों की ओर से काम में लिए गए मार्गों पर उपलब्ध सीसीटीवी कैमरों का अवलोकन और फुटेज का संकलन, मादक पदार्थ तस्करी में लिप्त व्यक्तियों के मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल का विश्लेषण, मादक पदार्थ तस्करी में लिप्त अपराधियों और उनके सहयोगियों का चिन्हीकरण और फील्ड स्तर पर शीघ्रता शीघ्न आसूचना संकलन करना इत्यादि कार्य निर्धारित किए गए. घटनास्थल पर आने-जाने वाले रास्तों यथा ग्राम कदवासा मध्यप्रदेश, बेगूं, बिगोद, नंदराय, कोटड़ी, रायला, माण्डलगढ़, लाडपुरा, शंभूगढ़, बदनोर, भीम और ब्यावर से सीसीटीवी फुटेज लिए. उनका गम्भीरता पूर्वक विश्लेषण किया गया और घटनास्थल और आसपास के मोबाइल टावर से डेटा प्राप्त कर गम्भीरता पूर्वक विश्लेषण किया गया.

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साथ ही 80 हजार से अधिक मोबाइल नम्बरों और 40 हजार मोबाइल उपकरण का तुलनात्मक विश्लेषण किया गया. 750 से अधिक सीसीटीवी कैमरा का डेटा प्राप्त कर तुलनात्मक रूप से गम्भीरता पूर्वक विश्लेषण किया गया और टीम के सदस्यों द्वारा जिला भीलवाड़ा, राजसमंद, चितौडगढ़, पाली, जोधपुर, बाड़मेर और जालौर व मध्यप्रदेश के 200 से अधिक संदिग्ध लोगों से पूछताछ की गई. उपरोक्त कार्रवाई के आधार पर इस प्रकरण में जिला जोधपुर के गैंग की ओर से घटना करना सामने आया.

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