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Illegal gravel mining: अवैध बजरी खनन को लेकर कांग्रेस के पूर्व मंत्री ने लगाए आरोप, अफसरों और मंत्रियों को घेरा

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Published : Jan 23, 2023, 5:30 PM IST

Updated : Jan 23, 2023, 6:11 PM IST

भीलवाड़ा से गुजरने वाली बनास नदी के कुछ क्षेत्र में अवैध बजरी खनन को लेकर कांग्रेस के पूर्व राज्यमंत्री गोपाल केसवात ने अफसरों पर साठगांठ का आरोप लगाते (Gopal Kesawat allegations on govt officials) हुए जिले के ​मंत्रियों की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं.

former minister Gopal Kesawat on illegal gravel mining
अवैध बजरी खनन को लेकर कांग्रेस के पूर्व मंत्री ने लगाए आरोप
कांग्रेस के पूर्व मंत्री ने अधिकारियों पर लगाए आरोप...

भीलवाड़ा. जिले से गुजरने वाली बनास नदी में अवैध बजरी खनन को लेकर कांग्रेस के पूर्व मंत्री ने अपनी ही सरकार में अफसरों को जिम्मेदार ठहराते हुए जिले के मंत्रियों की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं. पूर्व मंत्री गोपाल केसावत ने कहा कि बजरी खनन रोकने को लेकर हम जिले के जहाजपुर से जयपुर तक विरोध प्रदर्शन करेंगे.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दूसरे कार्यकाल में राज्यमंत्री रहे गोपाल केसावत सोमवार को भीलवाड़ा पहुंचे. जहां सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत में केसावत ने कहा कि बनास नदी बचाओ संघर्ष समिति जिले के जहाजपुर क्षेत्र से गुजरने वाली बनास नदी में अवैध बजरी खनन रोकने को लेकर संघर्षरत है. लीज धारक शेखावत एसोसिएट ने बनास नदी के सीने को छलनी कर दिया है. उसका बनास बचाओ संघर्ष समिति लगातार विरोध कर रही है.

पढ़ें: Illegal gravel mining in Banas river: बनास नदी में अवैध बजरी खनन को लेकर किरोड़ी ने दी आंदोलन की चेतावनी, लगाए ये आरोप

उन्होंने कहा कि हमारी 6 सूत्रीय मांगे हैं. उसमें से पहली प्रमुख मांग स्थानीय लोगों से बजरी पर रॉयल्टी नहीं ली जाए. बिना सीमांकन किए बजरी खनन नहीं किया जाए. चरागाह भूमि पर अवैध स्टोर को हटाया जाए. केसावत ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार हमारी है, फिर भी प्रशासन साथ नहीं दे रहा है. हमने मुख्यमंत्री को भी चिट्ठी लिखी है, लेकिन प्रशासन व लीज धारक के बीच सांठगांठ है. उस सांठगांठ का गठबंधन हमें पता नहीं लग रहा है. वहीं लीज धारक की कंपनी में जो लोग हैं, वे अराजकता फैला रहे हैं.

पढ़ें: Illegal Gravel in Bhilwara: अवैध बजरी पर लगाम लगाने में भीलवाड़ा है नंबर वन, अभियान के तहत 56 FIR दर्ज- माइनिंग इंजीनियर

वहीं केसावत ने जिले के मंत्री की चुप्पी पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि बजरी का मामला बढ़ने पर भी मंत्री बिलकुल चुप हैं. हमारे मुख्यमंत्री की पारदर्शी शासन की मंशा साफ है. फिर भी सरकार में बैठे हुए मंत्री साथ नहीं दे रहे हैं. बजरी खनन को लेकर पूर्व में जहाजपुर क्षेत्र के लोगों ने आंदोलन किया था. उस समय प्रशासन ने समय दिया था. व समय भी खत्म हो चुका है, लेकिन अवैध बजरी खनन जारी है.

पढ़ें: आंकड़े बयां कर रहे हैं राजस्थान का गुंडाराज, खनन माफिया पर क्या सरकार कस पाई नकेल, देखिए खास रिपोर्ट

उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकार के मंत्रियों की जिम्मेदारी बनती है कि अवैध बजरी खनन पर पाबंदी लगवाएं. हमारे द्वारा आगे जन आंदोलन होगा. आर-पार की लड़ाई होगी. हमें बनास नदी को बचाने के लिए चाहे जहाजपुर से जयपुर तक पदयात्रा या ट्रैक्टर यात्रा करनी पड़ी, तो निश्चित रूप से हमारी पदयात्रा जाएगी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बताएंगे कि वर्तमान में जहाजपुर क्षेत्र में प्रशासन व खनन माफियाओं के बीच गठबंधन है.

कांग्रेस के पूर्व मंत्री ने अधिकारियों पर लगाए आरोप...

भीलवाड़ा. जिले से गुजरने वाली बनास नदी में अवैध बजरी खनन को लेकर कांग्रेस के पूर्व मंत्री ने अपनी ही सरकार में अफसरों को जिम्मेदार ठहराते हुए जिले के मंत्रियों की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं. पूर्व मंत्री गोपाल केसावत ने कहा कि बजरी खनन रोकने को लेकर हम जिले के जहाजपुर से जयपुर तक विरोध प्रदर्शन करेंगे.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दूसरे कार्यकाल में राज्यमंत्री रहे गोपाल केसावत सोमवार को भीलवाड़ा पहुंचे. जहां सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत में केसावत ने कहा कि बनास नदी बचाओ संघर्ष समिति जिले के जहाजपुर क्षेत्र से गुजरने वाली बनास नदी में अवैध बजरी खनन रोकने को लेकर संघर्षरत है. लीज धारक शेखावत एसोसिएट ने बनास नदी के सीने को छलनी कर दिया है. उसका बनास बचाओ संघर्ष समिति लगातार विरोध कर रही है.

पढ़ें: Illegal gravel mining in Banas river: बनास नदी में अवैध बजरी खनन को लेकर किरोड़ी ने दी आंदोलन की चेतावनी, लगाए ये आरोप

उन्होंने कहा कि हमारी 6 सूत्रीय मांगे हैं. उसमें से पहली प्रमुख मांग स्थानीय लोगों से बजरी पर रॉयल्टी नहीं ली जाए. बिना सीमांकन किए बजरी खनन नहीं किया जाए. चरागाह भूमि पर अवैध स्टोर को हटाया जाए. केसावत ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार हमारी है, फिर भी प्रशासन साथ नहीं दे रहा है. हमने मुख्यमंत्री को भी चिट्ठी लिखी है, लेकिन प्रशासन व लीज धारक के बीच सांठगांठ है. उस सांठगांठ का गठबंधन हमें पता नहीं लग रहा है. वहीं लीज धारक की कंपनी में जो लोग हैं, वे अराजकता फैला रहे हैं.

पढ़ें: Illegal Gravel in Bhilwara: अवैध बजरी पर लगाम लगाने में भीलवाड़ा है नंबर वन, अभियान के तहत 56 FIR दर्ज- माइनिंग इंजीनियर

वहीं केसावत ने जिले के मंत्री की चुप्पी पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि बजरी का मामला बढ़ने पर भी मंत्री बिलकुल चुप हैं. हमारे मुख्यमंत्री की पारदर्शी शासन की मंशा साफ है. फिर भी सरकार में बैठे हुए मंत्री साथ नहीं दे रहे हैं. बजरी खनन को लेकर पूर्व में जहाजपुर क्षेत्र के लोगों ने आंदोलन किया था. उस समय प्रशासन ने समय दिया था. व समय भी खत्म हो चुका है, लेकिन अवैध बजरी खनन जारी है.

पढ़ें: आंकड़े बयां कर रहे हैं राजस्थान का गुंडाराज, खनन माफिया पर क्या सरकार कस पाई नकेल, देखिए खास रिपोर्ट

उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकार के मंत्रियों की जिम्मेदारी बनती है कि अवैध बजरी खनन पर पाबंदी लगवाएं. हमारे द्वारा आगे जन आंदोलन होगा. आर-पार की लड़ाई होगी. हमें बनास नदी को बचाने के लिए चाहे जहाजपुर से जयपुर तक पदयात्रा या ट्रैक्टर यात्रा करनी पड़ी, तो निश्चित रूप से हमारी पदयात्रा जाएगी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बताएंगे कि वर्तमान में जहाजपुर क्षेत्र में प्रशासन व खनन माफियाओं के बीच गठबंधन है.

Last Updated : Jan 23, 2023, 6:11 PM IST
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