भीलवाड़ा. हाल ही में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव हुए, जहां विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा और शिवसेना गठबंधन के रूप में चुनाव मैदान में उतरे थे. लेकिन चुनाव परिणाम के बाद भाजपा और शिवसेना ऐलायन्स को स्पष्ट बहुमत मिला. जहां शिवसेना ढाई साल मुख्यमंत्री की मांग करने लगी. इस पर भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व ने स्वीकार नहीं किया.
वहीं भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व के मुख्यमंत्री का पद शिवसेना को नहीं देने पर शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिला लिया. इसी के साथ गुरुवार शाम मुंबई के शिवाजी गार्डन में मुख्यमंत्री के तौर पर शिवसेना के उद्धव ठाकरे शपथ लेंगे.
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शिवसेना पर निशाना साधते हुए राजस्थान में भाजपा के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ राजनेता कालू लाल गुर्जर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. वास्तव में शिवसेना एक ऐसी पार्टी साबित हुई जिसका न कोई दिन है और ना कोई धर्म है. पिछले 20- 25 सालों से भारतीय जनता पार्टी के साथ शिवसेना का एलाइंस था. दोनों की विचारधारा एक थी. दोनों हिंदुत्व की विचारधारा पर चलने वाली पार्टी थी. मेरे को याद है कि जब अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराया गया तब लोगों ने कहा था कि शिवसेना के लोगों ने यह ढांचा ढहाया है.
तब श्री बाला साहब ठाकरे ने कहा था कि मुझे गर्व है कि मेरे शिव सैनिकों ने यह बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहाया है. आज वही पार्टी बाला साहब के जाने के बाद दीन हीन अवस्था में खड़ी हो गई है. कालू लाल गुर्जर ने कहा कि शिवसेना भीख का कटोरा लेकर कांग्रेस व एनसीपी जो अपने आप को गैर सांप्रदायिक कहने वाली पार्टी से मजबूरन हाथ मिलाना पड़ा. सत्ता के लोभ और लालच में शिवसेना आ गई. अब उनका पतन निश्चित हो जाएगा. शिवसेना के उद्धव ठाकरे मातोश्री को छोड़कर सोनिया गांधी की शरण में गए. उद्धव ने शिवसेना को सोनिया सेना के नाम से अब सिद्ध कर दिया है. देश में लोगों ने आश्चर्य माना कि शिव सेना अब सोनिया सेना हो गई. निश्चित रूप से शिवसेना का पतन शुरू हो गया है.