भीलवाड़ा. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से शनिवार को भीलवाड़ा में जिला एवं सेशन न्यायालय में साल 2020 की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. जिसमें आपसी समझाइश से मामलों को सुलझाने के लिए 9 हजार प्रकरणों का चयन किया गया है. इनमें पारिवारिक, चेक अनादण, श्रम विवाद, बकाया बिल और भूमि अधिग्रहण के मामलों को निपटाने के लिए 22 बेंच से लगाई गई है. जिसमें जिला मुख्यालय पर 10 बेंच और तालुका क्षेत्र के लिए 12 बेंच का गठन किया गया है.
पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीश मुकेश भार्गव ने कहा कि लोक अदालत की प्रक्रिया बहुत सरल होती है. इसमें दोनों पक्ष खुलकर अपनी बात रख कर गलतफहमियां दूर कर सकते हैं. लोक अदालत में कोई भी पक्ष हारता नहीं है. जिसके चलते उनमें आपसी मतभेद खत्म हो जाते हैं. इसमें सभी प्रकार के छोटे-मोटे मुकदमों को शांतिपूर्वक और समझौते से सुलझाया जाता है.
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बता दें कि राष्ट्रीय लोक अदालत में दोनों पक्षों को साथ-साथ बैठाकर आपसी बातचीत और राजीनामे के आधार पर विवाद के निस्तारण का प्रयास किया जाता है. राष्ट्रीय लोक अदालत का माहौल न्यायालय जैसा नहीं होकर औपचारिक और बहुत ही सहज होता है. लोक अदालत के समक्ष दोनों पक्ष अपनी-अपनी बात खुलकर कह सकते हैं. राजीनामा किसी पर भी थोप कर नहीं किया जाता है बल्कि दोनों पक्षों की स्वैच्छिक सहमति होने पर ही आदेश पारित किया जाता है.