भीलवाड़ा. राजस्थान के भीलवाड़ा में पर्यावरण शिक्षा केंद्र खोला जाएगा, जिसका शिलान्यास सीएम गहलोत द्वारा किया जाएगा. पूर्व मंत्री रामलाल जाट ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए ये बात कही. उन्होंने कहा कि ऐसा शिक्षा केंद्र खोलने के पीछे हमारा उद्देश्य है कि भविष्य की पीढ़ी पर्यावरण का महत्व समझ सके.
भीलवाड़ा में औषधीय पौधों के वितरण कार्यक्रम के दौरान मंच पर जनप्रतिनिधि व अधिकारी सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं कर रहे थे, लेकिन पांडाल में मौजूद आमलोग सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए दिखे. वहीं, जिले की तमाम ग्राम पंचायत मुख्यालय पर भी आज पौधे लगाए गए. भीलवाड़ा जिले में आज रिकॉर्ड बनाते हुए 1 लाख 21 हजार पौधे लगाए गए.
पौधारोपण के तहत भीलवाड़ा जिले में गिलोय, अश्वगंधा, कालमेघ व तुलसी के पौधे वितरण किए गए. आरजिया नर्सरी में जिला स्तरीय आगाज के दौरान मंच पर जिला स्तरीय अधिकारी, जिला कलेक्टर, पूर्व मंत्री व वर्तमान में मांडल विधायक रामलाल जाट मौजूद थे. वहीं, नीचे स्थानीय कर्मचारी व आमजन मौजूद थे. जिला स्तरीय कार्यक्रम के आगाज के बाद वर्तमान में मांडल से विधायक व पूर्व मंत्री रामलाल जाट ने प्रेस से मुखातिब होते हुए कहा कि वर्तमान शिक्षा नीति के तहत युवाओं में संस्कार की कमी होती जा रही है. इनको अधिक से अधिक पौधे लगाने चाहिए. पौधों का अत्यधिक दोहन हो रहा है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पिछले कार्यकाल में भी हर जगह पेड़ लगाने का काम किया गया और हरित राजस्थान अभियान का आगाज हुआ था. आज फिर औषधीय पौधों का वितरण किया जा रहा है. हमारी भी जिम्मेदारी है कि हमारे घर की युवा पीढ़ी पौधों के प्रति जागरूक हो. भीलवाड़ा जिले में पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन की ओर से पर्यावरण शिक्षा केंद्र का शिलान्यास होगा, जिसका शिलान्यास मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से करवाएंगे.
वहीं, जिला स्तरीय कार्यक्रम में मौजूद जिला कलेक्टर शिवप्रसाद एम. नकाते ने कहा कि आज जिले में घर-घर औषधीय पौधे वितरण का आगाज हुआ है. जिले के 4 लाख 40 हजार परिवार में से आधे परिवार को इस बार 8-8 पौधे वितरण किए जाएंगे. इसी के साथ जिले में आज सघन पौधारोपण भी किया गया.
मेरा सुझाव है कि अगली पीढ़ी को पर्यावरण के प्रति संस्कार बनाए रखने के लिए यहां पर्यावरण शिक्षा केंद्र खोला जाएगा, जिसके लिए हमारी सबकी सहमति बन गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से इनका शिलान्यास करवाया जाएगा, जिससे आने वाली पीढ़ी पर्यावरण के प्रति जागरूक रह सके. अब देखना यह होगा कि पूर्व मंत्री व कलेक्टर की घोषणा के बाद भीलवाड़ा जिले में कब पर्यावरण शिक्षा केंद्र बनकर क्रियान्वित होता है. जिससे भविष्य की पीढ़ी पर्यावरण के प्रति जागरूक हो सके.