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भीलवाड़ा: धार्मिक स्थल खोलने को लेकर कलेक्टर की विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक

भीलवाड़ा जिले में धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने के लिए विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों के साथ जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक की. इसमें सभी प्रतिनिधियों की एक राय यही बनी कि 15 जुलाई तक धर्मस्थल खोले जाएं.

Bhilwara District Collector, भीलवाड़ा न्यूज़
भीलवाड़ा में कलेक्टर ने विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों के साथ की बैठक
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Published : Jun 26, 2020, 4:19 PM IST

भीलवाड़ा. कोरोना संक्रमण की चेन को खत्म करने के लिए जिले के सभी धार्मिक स्थल बंद हैं. धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने के लिए जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. बैठक में अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय शाहपुरा ट्रस्ट, धनोप माता मंदिर, हरी सेवा धाम, सवाई भोज मंदिर और मुस्लिम धर्मगुरु सहित अन्य लोग मौजूद रहे. इसमें सभी प्रतिनिधियों की एक राय यही बनी कि 15 जुलाई तक धर्मस्थल खोले जाए. उम्मीद की जा रही है कि तब तक कोरोना संक्रमण कम हो जाएगा.

पढ़ें: राजस्थान में कोरोना का कहर जारी, 91 नए मामलों के साथ संक्रमितों का कुल आंकड़ा पहुंचा 16,387 पर

इस दौरान कहा गया कि धर्मस्थल प्रबंधक कमेटी और ट्रस्ट अपनी अलग योजना तैयार करें. इसकी विस्तृत जानकारी 29 जून तक प्रशासन को दें. अगर सरकार 1 जुलाई से धार्मिक स्थलों को खोलने की छूट देती है तो इस कार्य योजना से संक्रमण से बचाव में आसानी रहेगी. इस मौके पर कलेक्टर ने कहा कि जिले को कोरोना संक्रमण से बचाने का जिम्मा सभी का है. कोरोना से बचाव के तरीकों की नियमित पालना जरूरी है.

पढ़ें: बीकानेर में कोरोना के 12 नए केस, सभी पॉजिटिव बैंककर्मी

बता दें कि जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने 30 जून के बाद धर्मस्थल खोलने के निर्णय के लिए जिला समिति बनाई है. समिति धर्मस्थल खोले जाने के संबंध में अनुशंसा राज्य सरकार को भेजेगी. समिति की अनुशंसा के आधार पर सरकार आगे निर्णय लेगी. अब देखना ये होगा कि जिले के धार्मिक स्थल कब खोले जाते हैं, जिससे सभी लोग आसानी से सरकार की गाइडलाइंस की पालना करते हुए दर्शन कर सकें.

भीलवाड़ा. कोरोना संक्रमण की चेन को खत्म करने के लिए जिले के सभी धार्मिक स्थल बंद हैं. धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने के लिए जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. बैठक में अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय शाहपुरा ट्रस्ट, धनोप माता मंदिर, हरी सेवा धाम, सवाई भोज मंदिर और मुस्लिम धर्मगुरु सहित अन्य लोग मौजूद रहे. इसमें सभी प्रतिनिधियों की एक राय यही बनी कि 15 जुलाई तक धर्मस्थल खोले जाए. उम्मीद की जा रही है कि तब तक कोरोना संक्रमण कम हो जाएगा.

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इस दौरान कहा गया कि धर्मस्थल प्रबंधक कमेटी और ट्रस्ट अपनी अलग योजना तैयार करें. इसकी विस्तृत जानकारी 29 जून तक प्रशासन को दें. अगर सरकार 1 जुलाई से धार्मिक स्थलों को खोलने की छूट देती है तो इस कार्य योजना से संक्रमण से बचाव में आसानी रहेगी. इस मौके पर कलेक्टर ने कहा कि जिले को कोरोना संक्रमण से बचाने का जिम्मा सभी का है. कोरोना से बचाव के तरीकों की नियमित पालना जरूरी है.

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बता दें कि जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने 30 जून के बाद धर्मस्थल खोलने के निर्णय के लिए जिला समिति बनाई है. समिति धर्मस्थल खोले जाने के संबंध में अनुशंसा राज्य सरकार को भेजेगी. समिति की अनुशंसा के आधार पर सरकार आगे निर्णय लेगी. अब देखना ये होगा कि जिले के धार्मिक स्थल कब खोले जाते हैं, जिससे सभी लोग आसानी से सरकार की गाइडलाइंस की पालना करते हुए दर्शन कर सकें.

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