भीलवाड़ा. जिले के निकट भीलवाड़ा, राजसमंद राष्ट्रीय राजमार्ग पर ज्योतिष नगरी कारोई के नाम से पूरे भारत में प्रसिद्ध गांव है. जहां इन दिनों राजनेताओं का जमघट लगा हुआ है. प्रदेश में हो रहे निकाय चुनाव में मतदान से पहले और आने वाले पंचायती राज चुनाव में राजनीतिक मैदान में उतरने से पहले राजनेता अपना भविष्य पूछने ज्योतिषियों के दर पहुंच रहे हैं. जहां निकाय चुनाव में मतदान से पहले जीत हार के बारे में प्रसिद्ध ज्योतिषियों से सवाल-जवाब करते दिख रहे हैं.
ईटीवी भारत की टीम में ज्योतिष नगरी कारोई पहुंचकर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर अपना भविष्य पूछने आए राजनेताओं के बारे में पता किया तो ज्योतिषियों के दर राजनेताओं की काफी भीड़ दिखी. वैसे ज्योतिष नगरी कारोई पूरे भारत में प्रसिद्ध है. यहां पूरे भारत में भृगु संहिता से सिर्फ यही ज्योतिष की गणना की जाती है. यहां के प्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित नाथूलाल व्यास, गोपाल व्यास, कैलाश व्यास और ओमप्रकाश व्यास प्रसिद्ध ज्योतिषी है. गांव में लगभग 50 से ज्यादा ज्योतिष संस्थान हैं.
देश की पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल जब राजस्थान की राज्यपाल थी तब अपना भविष्य जानने ज्योतिष नगरी कारोई पहुंची थी. तब पंडित नाथूलाल व्यास ने उनको सर्वोच्च पद प्राप्त होने की कहा था. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, अमर सिंह, पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी सहित काफी राजनीति शिक्षा और फिल्मी जगत से सितारे यहां अपना भविष्य पूछने आ चुके हैं.
वहीं इन दिनों निकाय चुनाव को लेकर कई लोग अपना भविष्य पूछने आ रहे हैं. ज्योतिष नगरी में चित्तौड़गढ़ के बड़ी सादड़ी से उदयपुर के कानोड़ नगर पालिका चुनाव में अपना भाग्य आजमाने वाले गोरधन लाल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. वहीं करोई के वरिष्ठ ज्योतिषी ओमप्रकाश व्यास ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि वे पौराणिक काल से ही ज्योतिष विद्या का काम कर रहे हैं. उनके दादा जी, पिता जी और उनके लड़के भी ज्योतिष का काम कर रहे हैं.
पूरे भारत में भृगु संहिता से यहां ही ज्योतिष की गणना की जाती है. स्वभाविक है कि एमएलए, एमपी के चुनाव से पहले भी अपना भाग्य पूछने यहां आते हैं तो निकाय चुनाव और पंचायत राज चुनाव को लेकर भी अपना भाग्य जानने आ रहे हैं. यहां से आश्वासन मिलने के बाद वह अच्छी मेहनत करते हैं, जिससे उनको सफलता भी मिलती है. उन्होंने कही कि ज्योतिष एक मार्गदर्शक है, यह तंत्र, मंत्र या विद्या नहीं है. व्यक्ति व राजनेता की गृहदशा व केतु की गणना के आधार पर आंकलन किया जाता है.
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वहीं वरिष्ठ ज्योतिषी पंडित नाथूलाल व्यास ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि पौराणिक काल से ही ज्योतिष की परंपरा जारी है और राजनेता हमेशा चुनाव मैदान में उतरने से पहले और मतदान से पहले अपना भविष्य जानने आते हैं. जिससे उनको लग जाता है कि चुनाव मैदान में और कितनी मेहनत करनी पड़ेगी. वहीं अन्य ज्योतिषी ओमप्रकाश व्यास ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि पीढ़ी दर पीढ़ी ज्योतिष का काम करते आ रहे हैं. चुनाव में भाग्य आजमा रहे लोग यहां भविष्य पूछने आ रहे हैं. जयपुर, नागौर, मेड़ता और उदयपुर जिले से काफी जगह से राजनेता अपना भविष्य जानने आ रहे हैं. उनके ग्रह का राशिफल देखकर उनको उनका भविष्य बताया जाता है.
अब देखना यह होगा कि विज्ञान व कंप्यूटर के युग में भी लोगों का ज्योतिषी पर विश्वास कायम है और राजनेता काफी संख्या में ज्योतिष नगरी कारोई पहुंचकर अपना भविष्य जानकर चुनाव मैदान में दमखम लगा रहे हैं. लेकिन जीत और हार का मत पेटी खुलने पर ही पता चलेगा.