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भीलवाड़ा में प्रोसेस हाउस से निकलने वाले स्लज से ईट बनाने की शुरू होगी प्रक्रिया

भीलवाड़ा में प्रोसेस हाउस से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ से अब ईटें बनेगी. इसे पर्यावरण बचाने की एक अनूठी पहल बताया जा रहा है.

भीलवाड़ा: प्रोसेस हाउस से निकलने वाले स्लज से बनेंगी ईटे
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Published : Jun 23, 2019, 2:37 PM IST

भीलवाड़ा. प्रदूषण मुक्त भीलवाड़ा करने को लेकर जल्द ही केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल वस्त्र नगरी में स्थित प्रोसेस हाउस से निकलने वाले स्लज से ईट बनाने की प्रक्रिया की शुरुआत करेगा. जिसको लेकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने तैयारियां शुरू कर दी है. तालाब की मिट्टी और पर्यावरण की रक्षा के लिए अब प्रोसेस हाउस से निकलने वाले खतरनाक अपशिष्ट से ईट बनाने की तैयारी की जा रही है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल गाइडलाइन तैयार कर रहा है. इसके बाद केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से स्वीकृति लेनी होगी. राजस्थान में भीलवाड़ा, भिवाड़ी, जोधपुर ,पाली और बालोतरा में ईट उद्योग विकसित हो सकेंगे.

भीलवाड़ा: प्रोसेस हाउस से निकलने वाले स्लज से बनेंगी ईटे

प्रदेश में उद्योगों से निकलने वाले अपशिष्ट को जलाने के लिए सीमेंट उद्योग में भेजा जा रहा है भीलवाड़ा के प्रोसेस हाउस ने इसका निस्तारण के लिए सीमेंट उद्योग को राशि मिल रही हैं. जिससे भयंकर पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है. अकेले भीलवाड़ा में 19 प्रोसेस हाउस है जहां हर महिना 2 हजार टन स्लज निकलती है. अब इस स्लज से जल्द ही ईटें बनाने की कवायद शुरू होगी. यहां प्रोसेस हाउस से प्रतिदिन प्रदूषित पानी छोड़ा जाता है.

भीलवाड़ा शहर के आसपास स्थित 19 प्रोसेस हाउस से प्रतिदिन हजारों लिटर प्रदूषित पानी बाहर छोड़ा जाता है. जिससे आसपास की जमीन खराब हो गई है. साथ ही कुएं में पानी भी खराब हो गया है. जिसको लेकर बार-बार शिकायत के बाद जल्द ही केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल इस पानी को फैक्ट्री में जीरो डिस्चार्ज पर ठीक करके इससे जो स्लज बनेगी उसे इंटे बनाने की कवायद शुरू कर रहा है. जिससे पर्यावरण के साथ ही किसानों की जमीन बचाई जा सके.

भीलवाड़ा. प्रदूषण मुक्त भीलवाड़ा करने को लेकर जल्द ही केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल वस्त्र नगरी में स्थित प्रोसेस हाउस से निकलने वाले स्लज से ईट बनाने की प्रक्रिया की शुरुआत करेगा. जिसको लेकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने तैयारियां शुरू कर दी है. तालाब की मिट्टी और पर्यावरण की रक्षा के लिए अब प्रोसेस हाउस से निकलने वाले खतरनाक अपशिष्ट से ईट बनाने की तैयारी की जा रही है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल गाइडलाइन तैयार कर रहा है. इसके बाद केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से स्वीकृति लेनी होगी. राजस्थान में भीलवाड़ा, भिवाड़ी, जोधपुर ,पाली और बालोतरा में ईट उद्योग विकसित हो सकेंगे.

भीलवाड़ा: प्रोसेस हाउस से निकलने वाले स्लज से बनेंगी ईटे

प्रदेश में उद्योगों से निकलने वाले अपशिष्ट को जलाने के लिए सीमेंट उद्योग में भेजा जा रहा है भीलवाड़ा के प्रोसेस हाउस ने इसका निस्तारण के लिए सीमेंट उद्योग को राशि मिल रही हैं. जिससे भयंकर पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है. अकेले भीलवाड़ा में 19 प्रोसेस हाउस है जहां हर महिना 2 हजार टन स्लज निकलती है. अब इस स्लज से जल्द ही ईटें बनाने की कवायद शुरू होगी. यहां प्रोसेस हाउस से प्रतिदिन प्रदूषित पानी छोड़ा जाता है.

भीलवाड़ा शहर के आसपास स्थित 19 प्रोसेस हाउस से प्रतिदिन हजारों लिटर प्रदूषित पानी बाहर छोड़ा जाता है. जिससे आसपास की जमीन खराब हो गई है. साथ ही कुएं में पानी भी खराब हो गया है. जिसको लेकर बार-बार शिकायत के बाद जल्द ही केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल इस पानी को फैक्ट्री में जीरो डिस्चार्ज पर ठीक करके इससे जो स्लज बनेगी उसे इंटे बनाने की कवायद शुरू कर रहा है. जिससे पर्यावरण के साथ ही किसानों की जमीन बचाई जा सके.

Intro:भीलवाड़ा - प्रदूषण मुक्त भीलवाड़ा करने को लेकर जल्द ही केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल वस्त्र नगरी में स्थित प्रोसेस हाउस से निकलने वाले स्लज से ईट बनाने की प्रक्रिया की शुरुआत करेगा । जिसको लेकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने तैयारियां शुरू कर दी है।


Body:तालाब की मिट्टी व पर्यावरण की रक्षा के लिए अब प्रोसेस हाउस से निकलने वाले खतरनाक अपशिष्ट से ईट बनाने की तैयारी की जा रही है । केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल गाइडलाइन तैयार कर रहा है । इसके बाद केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से स्वीकृति लेनी होगी । राजस्थान में भीलवाड़ा, भिवाड़ी, जोधपुर ,पाली व बालोतरा में ईट उद्योग विकसित हो सकेंगे। प्रदेश में उद्योगों से निकलने वाले अपशिष्ट को जलाने के लिए सीमेंट उद्योग मे भेजा जा रहा है भीलवाड़ा के प्रोसेस हाउस द्वारा इसका निस्तारण के लिए सीमेंट उद्योग को राशि मिल रही हैं । जिससे भयंकर पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है। अकेले भीलवाड़ा में 19 प्रोसेस हाउस है जहां प्रतिमा 2 हजार टन स्लज निकलती है। अब इस स्लज से जल्द ही ईटे बनाने की कवायद शुरू होगी।

प्रोसेस हाउस द्वारा छोड़ा जाता है प्रतिदिन प्रदूषित पानी - भीलवाड़ा शहर के आसपास स्थित 19 प्रोसेस हाउस द्वारा प्रतिदिन हजारों लिटर प्रदूषित पानी बाहर छोड़ा जाता है। जिससे आसपास की जमीन खराब हो गई है ।साथ ही कुएं में पानी भी खराब हो गया है। जिसको लेकर बार-बार शिकायत के बाद जल्द ही केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल इस पानी को फैक्ट्री में जीरो डिस्चार्ज पर ठीक करके इससे जो स्लज बनेगी उसे इंटे बनाने की कवायद शुरू कर रहा है। जिससे पर्यावरण के साथ ही किसानों की जमीन बचाई जा सके।
अब देखना यह होगा कि कब भीलवाड़ा में प्रदूषण से मुक्ति मिलती है और कब इन प्रोसेस हाउस से निकलने वाली स्लज से ईटे बनाने की शुरुआत होती है।

सोमदत्त त्रिपाठी भारत भीलवाड़ा

पीटीसी - सोमदत त्रिपाठी


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