भीलवाड़ा. हमीरगढ़ कस्बे में मनोज कुमावत और उनकी पत्नी ज्योति कुमावत की एक दिन के अंतराल पर कोरोना संक्रमण से मृत्यु हो गई. उनकी तीन बेटियों मोनिका,अंजली और आयुषी ने पहले अपने माता-पिता की संक्रमण के समय सेवा की और फिर मृत्यु के बाद पीपीई किट पहनकर बेटों की तरह अंतिम संस्कार का पूरा फर्ज भी निभाया.
हमीरगढ़ कस्बे के कवि नगर निवासी मनोज कुमावत की पत्नी ज्योति कुमावत को पिछले दिनों कोरोना हो गया था. पति मनोज कुमावत और उनकी तीन विवाहित बेटियों मोनिका, अंजली और आयुषी ने ज्योति की खूब सेवा की. लेकिन इसी दौरान मनोज की तबीयत खराब हो गई और रविवार को मनोज की मौत हो गई. दंपती के बेटा नहीं था तो तीनों बेटियों ने बेटे का फर्ज निभाया और पीपीई किट पहनकर कोरोना संदिग्ध पिता की अर्थी को कांधा देने से लेकर श्मशान में कपाल क्रिया तक की सारी रस्में निभाई.
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अभी बेटियों की आंखों के आंसू भी नहीं सूखे थे कि सोमवार को मां ज्योति ने भी दम तोड़ दिया. इस दुख की घड़ी में भी तीनों बेटियों ने हिम्मत नहीं हारी और एक-दूसरे का हौसला बढ़ाती रहीं. बेटियों ने फिर पीपीई किट पहनकर मां का भी अंतिम संस्कार किया. यह शायद अब तक का ऐसा पहला मामला है, जिसमें कोरोना संदिग्ध पिता की मौत के एक दिन बाद कोरोना संक्रमित मां की भी मौत हो गई और बेटियों ने पीपीई किट पहनकर बेटे का फर्ज निभाया.