भरतपुर. जिले के बयाना थाना क्षेत्र के एक गांव में नाबालिग से दुष्कर्म होने पर पीड़ित परिवार द्वारा पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज कराने के बाद पंचों की ओर से पीड़ित परिवार को समाज से बाहर करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. आरोप है कि पंचों ने पीड़ित परिवार पर राजीनामा करने का दबाव बनाया. लेकिन जब पीड़ित परिवार ने बात नहीं मानी, तो उसका हुक्का पानी बंद कर समाज से बाहर कर दिया. पीड़ित परिवार पर 51 हजार का दंड भी लगाया है.
पीड़ित ने बताया कि उनकी नाबालिग बेटी के साथ गांव के ही आरोपी ने दुष्कर्म किया और कुछ आरोपियों ने उसके साथ छेड़छाड़ भी की. काफी समय से आरोपी पीड़ित नाबालिग को परेशान भी कर रहे थे. ऐसे में पीड़ित परिवार ने बयाना थाने में 25 जनवरी को पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज करा दिया. गांव के पंचों को जैसे ही पता चला कि पीड़ित ने बयाना थाने में पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज कराया है, तो 4 और 5 फरवरी को गांव के पंचों ने पंचायत बुलाई.
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पंचायत में पंचों ने पीड़ित परिवार पर रिपोर्ट वापस लेकर राजीनामा करने का दबाव बनाया. जब पीड़ित ने राजीनामा करने से इनकार कर दिया तो पंचों ने पीड़ित का हुक्का पानी बंद करने का तुगलकी फरमान सुना दिया. साथ ही एलान किया कि ना तो पीड़ित परिवार को नलकूप, कुआं से पानी भरने दिया जाएगा और ना ही सामाजिक समारोह में बुलाया जाएगा. आरोपी पंचों ने पीड़ित परिवार को 51 हजार का दंड निर्धारित कर समाज से बहिष्कृत कर दिया.
पंचों की तानाशाही इतने पर ही खत्म नहीं हुई, पीड़ित परिवार को पंचायत में ही पकड़ लिया गया और लात घूंसों से बुरी तरह से पिटाई कर दी. इतना ही नहीं पीड़ित परिवार को काला मुंह कर गधे पर निकलने की धमकी भी दी. इसके बाद पीड़ित परिवार छुपते-छुपाते सोमवार दोपहर बाद बयाना थाना पहुंचा और पुलिस में लिखित शिकायत दी. बयाना थाना प्रभारी हरिनारायण मीणा ने बताया कि पीड़ित की शिकायत प्राप्त हुई है. मामले की जांच करा रहे हैं. मौके पर पुलिस टीम भेजकर जानकारी जुटाई जा रही है.